चाणक्य ने शिक्षा और विद्यार्थियों के महत्व को भी गहराई से समझा और बताया.
चाणक्य कहते हैं, हर कार्य को उसके निर्धारित समय पर ही करना चाहिए, तभी लक्ष्य की प्राप्ति संभव है.
जो छात्र अनुशासन में रहते हैं, उन्हें जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ता.
गलत दोस्तों की संगत भविष्य को अंधकारमय बना सकती है.
नशा, जुआ, और बुरी लतें पढ़ाई और जीवन दोनों को बर्बाद कर देती हैं.
आलस विद्यार्थी का सबसे बड़ा दुश्मन है, इससे छुटकारा पाकर ही सफलता मिलती है.
बिना लक्ष्य के पढ़ाई व्यर्थ है, लक्ष्य स्पष्ट होगा तभी मेहनत सही दिशा में होगी.
अच्छे मित्र प्रेरणा देते हैं, गलत दोस्त भटकाते हैं.
आधे मन से पढ़ाई करने से कभी पूरा फल नहीं मिलता.
गुरु और माता-पिता का सम्मान करें , उनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन जीवन में सफलता की कुंजी है.