चाणक्य के अनुसार जननी के अलावा जीवन में पांच और माएं होती हैं.
हर स्त्री का सम्मान करना चाणक्य नीति में धर्म बताया गया है.
राजा की पत्नी को मां समान आदर देना चाहिए.
गुरु की पत्नी को भी मां के समान मानें.
मित्र की पत्नी यानी भाभी मां समान होती है, इनका आदर करें.
पत्नी की मां का करें सम्मान, वो भी जननी के समान होती है.
जन्म देने वाली मां तो सर्वोच्च और पूज्य होती है.
मां बच्चे की पहली गुरु, संस्कार और शिक्षा की आधारशिला होती है.
स्त्रियों का अपमान चाणक्य के अनुसार घोर पाप माना गया है.