भय भीतर है। जिससे भयभीत होगे वो तुम्हारा पीछा करेगा, अगर तुम उसका पीछा करने लगो तो वो बचाव की मुद्रा में आ जाएगा। इसलिए खड़े हो जाओ।

जीवन में आप जो करना चाहते हैं तो उसे अवश्य करें, यह मत सोचें कि लोग क्या कहेंगे। क्योंकि लोग तो तब भी कुछ कहते है, जब आप कुछ नहीं करते।
अस्तित्व चाहता है कि आप जीवित रहें और अस्तित्व जानता है कि वास्तव में जीवित रहने का एकमात्र तरीका हमेशा डट कर खड़े होने की स्थिति में रहना है।
वे कहते हैं कूदने से पहले 2 बार सोचो, मैं कहता हूं पहले कूदो फिर जितना चाहे उतना सोंचो।
जीवन त्रासदी नहीं है, ये एक हास्य है। जिंदा रहने का मतलब है कि हास्य का बोध होना।
कभी किसी चीज से मत भागो, उसे पूरी ईमानदारी से करो। परिणाम बेहतर होगा।
अतीत का अनावश्यक रूप से बोझ न लें। आपके द्वारा पढ़े गए अध्यायों को बंद करते जाएं। बार-बार वापस जाने की जरूरत भी नहीं है।
जहां डर खत्म हो जाता है, वहां जीवन शुरू हो जाता है।
मनुष्य का हमेशा डर के जरिये ही शोषण किया जाता है।
नकारात्मक विचार को स्वीकार करो,डरो नहीं जागरूक बनो।
NEXT
Explore