पेट की मालिश करने से पेट की मांसपेशियां टोन्ड होती है और बाहर निकला, लटकता हुआ पेट धीरे-धीरे सही शेप में आने लगता है।

पेट की मालिश करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। पाचन क्रिया भी अच्छी तरह होने लगती है, जिससे चर्बी तेजी से गलने लगती है।
पेट की मालिश करने से पाचन से संबंधित परेशानियां भी दूर होती हैं। इससे गैस, ब्लोटिंग से लेकर कब्ज़ तक से राहत मिलती है।
पेट की मालिश करने से दिमाग भी शांत होता है। इससे तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।
पेट की मालिश करने से पूरे एब्डोमिनल एरिया में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे लिवर और गॉल ब्लैडर की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
नियमित रूप से पेट की मालिश करने से टाॅक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है।
आयुर्वेद के अनुसार पेट की मालिश करने के लिए तिल का तेल काफी अच्छा है। लेकिन आप घर में आसानी से उपलब्ध नारियल तेल, घी आदि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
आप हथेली में तेल लेकर 3 मिनट में 30 बार गोलाई में घुमाते हुए पेट की मालिश करें। अन्य तरीके भी आप एक्सपर्ट से सीख सकते हैं।
ध्यान रखें कि प्रेगनेंट महिलाओं या प्रैगनेंसी के लिए कोशिश कर रही महिलाओं, किडनी स्टोन या पेट में अल्सर आदि स्थितियों में पेट की मालिश नहीं करनी चाहिए।
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