अर्जुन की छाल की चाय पीने से सर्दी के मौसम में हार्ट हेल्थ अच्छी रहती है। इसके सेवन से हृदय की पेशियों को बल मिलता है, रक्तसंचार सुधरता है और बीपी नियंत्रित रहता है।
अर्जुन की छाल की चाय छाती की जकड़न से राहत देने, बलगम को बाहर करने और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ावा देने में मददगार है।
अर्जुन की छाल की चाय में न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं। ये मस्तिष्क की कोशिकाओं की रक्षा करने में मदद करती है और सोचने-समझने की क्षमता बढ़ाती है।
अर्जुन की छाल की चाय में एंटीडायबिटिक गुण मौजूद होते हैं। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाती है।
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर अर्जुन की छाल की चाय शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करती है। इससे कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा कम होता है।
अर्जुन की छाल की चाय के सेवन से कोलेजन का उत्पादन बढ़ता है। स्किन रीजेनरेट होती है। उसकी लोच बढ़ती है, झाइयां दूर होती हैं और स्किन में फिर से कसाव आता है।
अर्जुन की छाल की चाय पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे डायरिया,ब्लोटिंग, पेट दर्द, सूजन आदि से बचाती है और आंतों का संक्रमण भी ठीक करती है।
अर्जुन की छाल की चाय में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण यूटीआई (मूत्र मार्ग संक्रमण) के दौरान राहत देते हैं।
अर्जुन की छाल की चाय स्कैल्प की त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन को सुधारती है। इससे बाल झड़ने में भी कमी आती है और यह सिर की त्वचा के संक्रमण को भी दूर करती है।
अर्जुन की छाल की चाय इन्फ्लेमेशन को कम करती है साथ ही हड्डियों को मजबूत भी बनाती है। इसके लिए आपको गुनगुने दूध में अर्जुन की छाल का पाउडर मिलाकर पीना चाहिए।
अर्जुन की छाल की चाय ऐसे बनाएं
इसे बनाने के लिए आप दो कप पानी में अर्जुन की छाल के एक से दो चम्मच पाउडर या कुछ टुकड़ों को 5 से 7 मिनट उबालें। जब यह आधा रह जाए तब इसे छान लें। हल्का गर्म रहने पर शहद मिलाकर सेवन करें।