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Supreme Court News: छत्तीसगढ़ में प्रिंसिपल पदोन्नति मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, राज्य सरकार के मापदंड को मिली मंजूरी, पढ़िए कोर्ट ने क्या कहा?

Supreme Court News: प्राचार्य पदोन्नति पर रोक की मांग को लेकर शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। याचिकाकर्ता शिक्षकों ने इस पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है। पढ़िए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा, कब होगी याचिका की सुनवाई।

Supreme Court News: छत्तीसगढ़ में प्रिंसिपल पदोन्नति मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, राज्य सरकार के मापदंड को मिली मंजूरी, पढ़िए कोर्ट ने क्या कहा?
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By Radhakishan Sharma

Supreme Court News: दिल्ली। छत्तीसगढ़ में प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति को लेकर राज्य सरकार द्वारा बनाए गए मापदंड को सही ठहराते हुए बिलासपुर हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने आधा दर्जन से अधिक याचिका को खारिज कर दिया था। डिवीजन बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए राजेश शर्मा व अन्य शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिका में याचिकाकर्ता शिक्षकों ने राज्य सरकार के मापदंड को गलत ठहराते हुए पदोन्नति पर रोक की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने की मांग को अस्वीकार कर दिया है। अगली सुनवाई के लिए तिथि तय कर दी है।

राजेश शर्मा व अन्य शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता शिक्षकों ने प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाए गए नियमों व मापदंडों को गलत बताया है। मापदंड के विपरीत हो रहे प्राचार्यों की पदोन्नति पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने रामगोपाल साहू व अन्य शिक्षकों ने हस्तक्षेप याचिका भी दायर की है। हस्तक्षेप याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आशुतोश धड़े व सीनियर एडवाेकेट गौरव अग्रवाल ने डिवीजन बेंच के समक्ष पैरवी की। उन्होंने तर्क दिया कि एलबी संवर्ग को प्राचार्य पदोन्नति में 2012 में भी 25 प्रतिशत पद दिया गया था। लेकिन किसी कारणवश उनकी पदोन्नति नहीं हो पाई। अब एलबी संवर्ग के व्याख्याता की संख्या तकरीबन 80 फीसदी है।

संख्या के आधार पर उन्हें व्याख्याता संवर्ग में कम पद दिया गया है। अधिवक्ताओं ने कहा कि राज्य शासन को अपने कर्मचारियों के हित में, सभी को लाभ मिले यह देखते हुए नियम बनाने का अधिकार है। अधिवक्ताओं द्वारा दिए तर्क और राज्य सरकार द्वारा बनाए गए कैडर के अनुसार तय किए गए कोटे को सही मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्टे देने से मना कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने 28 अक्टूबर की तिथि तय कर दी है।

E संवर्ग के प्राचार्य पोस्टिंग का खुलेगा रास्ता

सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे देने से इंकार करने के बाद माना जा रहा है ई संवर्ग के 1478 प्रिंसिपल को जल्द पोस्टिंग मिलेगी। राज्य शासन की तैयारी भी इसी अंदाज में प्रारंभ होगी।

सिंगल बेंच के फैसले का इंतजार

रिटायर शिक्षक प्रकाश नारायण तिवारी की याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। टी संवर्ग से प्रिंसिपल बनने वाले शिक्षकों को सिंगल बेंच के फैसले का इंतजार है। शिक्षक नेताओं की मानें तो जल्द ही सिंगल बेंच का फैसला आएगा।


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