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PCOS Diet : महिलाओं में पीसीओएस बन सकता है बांझपन का कारण, इलाज के साथ आहार में शामिल करें ये चीज़ें

PCOS Diet : महिलाओं में पीसीओएस बन सकता है बांझपन का कारण, इलाज के साथ आहार में शामिल करें ये चीज़ें
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By Gopal Rao

PCOS Diet : आज के दौर में पीसीओएस युवतियों और महिलाओं को प्रभावित करने वाली बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। पीसीओएस महिलाओं के अंडाशय यानि ओवरी से जुड़ी समस्या है। पीसीओएस में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो जाता है। पुरुष हार्मोन अधिक बनने लगते हैं। जिसका असर अनियमित पीरियड्स से लेकर बांझपन तक के रूप में सामने आ सकता है। इसलिए यह समझना बेहद आवश्यक है कि कैसे इस समस्या से समय रहते बाहर आया जाए ताकि जीवन भर किसी कमी का दंश न झेलना पड़े। इस लेख में हम आपको ऐसी डाइट बता रहे हैं जो आपके लिए पीसीओएस से बाहर आने में काफी हद तक मददगार हो सकती है। पर पहले जान लेते हैं पीसीओएस और इसके लक्षणों के बारे में।

पीसीओएस क्या है?

पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं के शरीर में सामान्‍य से अधिक मात्रा में पुरुष हार्मोन का उत्‍पादन होने लगता है। इस कारण उनका मासिक चक्र अनियमित हो जाता है। कई-कई महीने तक पीरियड्स आते ही नहीं हैं। कई महिलाओं की ओवरी में सिस्ट बनने लगते हैं। इस वजह से उन्‍हें गर्भधारण करने में भी दिक्‍कत आ सकती है। इस लिए पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को प्राॅपर इलाज करवाना बेहद ज़रूरी है।

पीसीओएस के प्रमुख लक्षण

  • 1. अनियमित पीरियड्स और कुछ मामलों में अत्यधिक ब्लीडिंग
  • 2. अनचाहे बालों का बढ़ना खासकर चिन के आसपास और नीचे की तरफ
  • 3. मुंहासे और बालों का झड़ना
  • 4. वजन का बढ़ना और उसे कंट्रोल करना मुश्किल होना
  • 5. त्वचा का रंग गहरा और धब्बेदार होना, खासकर गर्दन और ब्रेस्ट के मोड़ों पर
  • 6. मेटाबाॅलिज्म से संबंधित दिक्कतें
  • 7. थकान, अवसाद और चिंता
  • 8. समय पर इलाज न लेने पर टाइप टू डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर। आगे चलकर पीसीओएस के चलते हार्ट डिसीज़ और स्ट्रोक, कैंसर तक का रिस्क भी बढ़ता है।

पीसीओएस से मुकाबले के लिए ऐसा हो आहार

1. अलसी है सस्ती-सुलभ - अलसी के बीज पीसीओएस से जुड़े दुष्प्रभावों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। आपको अलसी को अपने नियमित आहार में ज़रूर शामिल करना चाहिए। ये बेहद सस्ते और सर्वसुलभ बीज हैं। ओमेगा 3 से भरपूर अलसी के बीज का मात्र दो चम्मच पाउडर अगर आप सुबह खाली पेट लेने लग जाएं या इसे सलाद या रायते आदि में बुरककर खाना शुरू करें तो आपको माहवारी को नियंत्रित करने में बहुत मदद मिलेगी। पीसीओएस के खिलाफ जंग में इसे शोधों ने बहुत उपयोगी पाया है। इससे न केवल हार्मोन संतुलित होते हैं, टेस्‍टोस्‍टेरोन (पुरुष हार्मोन) के स्‍तर को कम किया जा सकता है, बल्कि गर्भधारण क्षमता भी बढ़ती है।

2. भोजन में शामिल करें फल, फलियां, पत्तेदार सब्जियां और होल ग्रेन अपने भोजन में पत्तेदार सब्जियाँ और प्रोटीन युक्त फलियां शामिल करें। फलों में भरपूर फाइबर होता है। इन्हें खाकर पोषण तो मिलता ही है और काफी देर तक पेट भी भरा हुआ महसूस होता है। इसलिए आप बेमतलब की चीज़ें नहीं खाते। पीसीओएस में बढ़ता हुआ वजन बहुत बड़ी बाधा है। अपना खानपान ऐसा रखें कि और फैट इकट्ठा न होने पाए। तली-भुनी और प्रोसेज्ड चीज़ों के मुकाबले फल, फलियों, और पत्तेदार सब्जियों के अलावा पालक, टमाटर, मशरूम, ब्रोकोली और फूल गोभी जैसी चीज़ों को डाइट में शामिल करें। होल ग्रेन लेना आपके लिए फायदेमंद है।

3. ऑलिव ऑइल या सरसों के तेल में पकाएं खाना पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को प्रयास करना चाहिए कि वे ऑलिव ऑइल या सरसों का तेल में पका खाना खाएं। मक्खन को अवाॅइड करें।

4. मछली खाएं तो अच्छी तरह पकाकर अगर नाॅनवेजिटेरियन हैं तो मछली खाना आपके लिए फायदेमंद होगा। खासकर सैल्मन जैसी मछलियां जो ओमेगा-3 से भरपूर होती हैं। लेकिन ध्यान रखें कि मछली को बहुत अच्छी तरह पकाकर खाएं।

5. तिल को करें आहार में शामिल मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और विटामिन ई से भरपूर तिल के नन्हे बीज पीसीओएस से निजात दिलाने में बेहद उपयोगी हैं। ये प्रोजेस्टेरोन के प्रोडक्शन को बढ़ावा देते हैं।इनमें मौजद प्रोटीन हॉर्मोन असंतुलन की दिक्कतों को दूर करने में मददगार है।

6. कद्दू के बीज होंगे मददगार मैग्नीशियम से भरपूर कद्दू के बीज पीरियड्स को नियमित कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंजाइम बालों का झड़ना कम करने में मदद करता है।

7. लें सौंफ, मेथी या जीरे का पानी आप एक चम्मच सौंफ को रात भर के लिए एक गिलास पानी में गला दें। सुबह इस पानी को छानकर और उबालकर धीरे-धीरे पिएं। या फिर आप जीरे और मेथी के पानी को बिना उबाले भी सेवन कर सकती हैं। ये हार्मोन्स असंतुलन को नियंत्रित करने और माहवारी नियमित करने में मददगार हैं।

8. सूरजमुखी और चिया सीड्स भी हैं कमाल के आप सूरजमुखी के बीज ले सकती हैं। ये भी हार्मोनल इंबेलेंस को ठीक करते हैं। इनमें मौजूद विटामिन ई प्रोजेस्ट्रेरोन लेवल को बढ़ाने का काम करता है। वहीं चिया सीड्स कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक का अच्छा सोर्स हैं। ये अनियमित पीरियड्स की समस्या दूर करते हैं। साथ ही पीसीओएस के दौरान होने वाले मूड स्विंग्स को कंट्रोल करने में मददगार हैं। मेटाबॉलिज्म भी बेहतर करते हैं।

9. मोरिंगा पाउडर का पानी है असरदार मोरिंगा या सहजन या मुनगा की सूखी पत्तियों का पाउडर भी पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए बेहद फायदेमन्द है। आप दो छोटे चम्मच मोरिंगा पाउडर को एक गिलास पानी में घोलकर पिएं। जल्द ही आपको फायदा नज़र आएगा।

10. पिएं भरपूर पानी हाइट्रेटेड रहें। भरपूर पानी पीना भी आपके लिए बेहद ज़रूरी है। ज्यादा पानी पीना अखर रहा है तो बीच-बीच में फलों का जूस भी ले सकती हैं। लेकिन सोडा और अन्य एनर्जी या स्पोर्ट्स ड्रिंक से परहेज करें।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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