Hareli Recipe : हरेली तिहार... इन पारंपरिक व्यंजनों की खुशबू से महकेगा घर
Hareli Recipe : छत्तीसगढ़ को लोकपर्व के साथ लोक व्यंजनों के लिए भी जाना जाता है, छत्तीसगढ़ में हरेली के लिए भी कुछ खास व्यंजन हर घर में पकाए जाते हैं, जैसे- गुड़ के चीले, ठेठरी, खुरमी और गुलगुला भजिया।
Hareli Recipe : छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे पहला प्रमुख त्यौहार "हरेली" है। इस पर्व में राज्य की संस्कृति, ग्रामीण कृषि परिवेश, परंपरा और आस्था दिखाई देती है। हरेली त्यौहार में गोवंश और कृषि उपकरणों की पूजा करने के badप्रसाद के लिए कई पारम्परिक व्यंजन बनाये जाते हैं.
इस पर्व में हर घर छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की खुशबू महकती है, तो आइये आज हम आपको बताते चलते हैं की किन खास व्यंजनों की खुशबू से घर होता है गुलजार, पढ़े रेसीपी.
गेहूं आटा और गुड़ का चीला
चीला बनाने के लिए सबसे पहले एक बाउल में गेहूं के आटे को छान लें। एक कटोरा में गुड़ डालकर उसमें पानी डालें और उसे गैस पर गर्म करने के लिए रख दें। गुड़ घुलने तक इंतज़ार करें। जब गुड़ पानी में अच्छे से मिक्स हो जाए तो बंद कर दें। गुड़ को ठंडा होने पर छलनी से छान लें फिर आटे में गुड़ डालें और आटे को हाथ से तब तक घोले जब तक आटे में गुठलियां खत्म ना हो जाएं। आटे के घोल को पकौड़े के घोल से पतला रखना है। तवा गर्म हो जाए तो इसके चारों ओर तेल डालकर आप इसे चिकना कर लें। फिर तैयार घोल को तवे में डाल कर धीमी आंच पर इसे सिकने दें। दोनों परत को बराबर सेके। मीठा चीला तैयार है।
बोबरा
एक बर्तन में गेहूं का आटा, चावल का आटा, पिसी हुई चीनी या गुड़ और बेकिंग सोडा डाल कर अच्छे से मिला लें। उसमें दूध डालते हुए उसे मिक्स करें। ध्यान रहे उसमें गुठली ना पढ़ पाए, उसका घोल तैयार कर लें याद रहे घोल न ज्यादा गाढा होना चाहिए और ना ही ज्यादा पतला। अब इसमें 2 चम्मच देसी घी मिलाकर इसे अच्छे से फेंट लें। कढ़ाई में तेल गरम करें और एक चमचे की सहायता से तेल में घोल को डाले। एक तरफ से अच्छा सीक जाने पर वह पूड़ी की तरह फूल जाएगा। फिर उसे दूसरी साइड पलट ले और अच्छा सुनहरा होने तक सेक लें। कढ़ाई से निकालते समय हल्का सा कड़छी पर रखकर एक दूसरी चम्मच से दबाकर उसका तेल निकाल दें ताकि उसके अंदर ज्यादा तेल ना रह जाए। बोबरा तैयार।
गुलगुला भजिया
गुड़ में पानी डालकर एक बर्तन में घोल तैयार करें। एक कटोरी में गेहूँ का आटा, इलायची पाउडर या सौंफ ले सभी सामग्री के साथ गुड़ के घोल को धीरे-धीरे और अच्छे से मिलाते जाये। कुछ देर फेंटें, जो घोल है यह पकोड़े के घोल जैसा होना चाहिए। फिर एक कढ़ाही में तेल गरम कर मध्यम आँच पर इसे पकोड़े जैसा ही सुनहरा होते तक तेल में तल लें। गुलगुला भजिया तैयार है।
कई घरों में इन व्यंजनों को भी बनाया जाता है : -
खुरमी- गेहूं और चावल के आटे के मिश्रण से बनी मीठी छत्तीसगढ़ी लोगों लोकप्रिय व्यंजन है. गुड़ चिरौंजी दाना और नारियल इसका स्वाद बढ़ा देते हैं.
अइरसा- चावल आटा और गुड़ की चाशनी से बना छत्तीसगढ़ी पकवान है. इसका स्वाद वाकई में लाजवाब है.
फरा- फरा पके हुए चावल का बनाया जाता है. जबकि मीठे में गुड़ का घोल मिलाया जाता है फिर भाप में पकाया जाता है. वहीं नमकीन फरे को भाप में पकाकर बघार लगाकर खाया जाता है.
चौसेला- हरेली, पोरा, छेरछेरा त्यौहारों में चावल के आटे से तलकर तैयार किया जाने वाले इस पकवान का जायका गुड़ व आचार बढ़ा देते हैं. यह नमकीन और मीठा दोनों तरह के बनते हैं.
ठेठरी- लम्बी या गोल आकृति वाला यह नमकीन व्यंजन बेसन से बनता है. यह विशेषकर तीजा-पूरा के त्योहार में बनने वाला पकवान है.
सोहारी- लोक पर्व, शादि-ब्याह और भोज में पतली और बड़ी पूरी-सोहारी बनाई जाती है.
बरा या बड़ा- उड़द दाल से बने इस व्यंजन का शादि-ब्याह और पितर में विशेष चलन है. इसे छत्तीसगढ़ में लगभग हर त्यौहार में बनाया जाता है.