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World sleep day today: कम नींद बन सकती है जानलेवा, पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए ज्यादा घातक, यौन क्षमता पर भी प्रभाव...

World sleep day today: कम नींद बन सकती है जानलेवा, पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए ज्यादा घातक, यौन क्षमता पर भी प्रभाव...
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By NPG News

दिव्या सिंह@npg.news

World sleep day today: कहते हैं जब किसी चीज़ की कमी होती है, तभी उसकी कीमत समझ आती है। यह बात नींद पर एकदम सटीक बैठती है। एक रात भी अगर भरपूर घंटों की नींद न हो या उचटी हुई नींद आए तो अगला पूरा दिन ही उदासी, थकान, उलझाव और उबासियों में बीतता है। ये तो वे असर हैं जो हमें ऊपरी तौर पर महसूस होते हैं लेकिन अंदरूनी तौर पर अधूरी नींद का खामियाज़ा पूरे शरीर को उठाना पड़ता है। कम सोने के कारण लोगों में डायबिटीज, मोटापा, हृदय रोग, खराब इम्यूनिटी, डिप्रेशन,स्ट्रोक, बेचैनी, हाइपरटेंशन जैसी अनेक समस्याएं होती पाई गई हैं। यहाँ तक कि लगातार कम नींद लेने का इतना नुकसान है कि इससे खुद को नुकसान पहुंचाने और खुदकशी करने जैसे विचार भी पैदा हो सकते हैं। इसलिए अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त और अच्छी क्वालिटी की नींद बेहद ज़रूरी है। लेकिन बदलती लाइफस्टाइल और बढ़ती आपाधापी ने यही सुहानी नींद लोगों से छीन ली है। इसी वजह से देश में "स्लीप लैब्स" की संख्या भी बढ़ रही है ताकि लोगों को ज़रूरी नींद हासिल करने में मदद मिले। वर्ल्ड स्लीप डे पर जानते हैं नींद के लिए ज़रूरी घंटों , कमी के दुष्परिणामों और उपायों के बारे में।

इतने घंटों की नींद है ज़रूरी

नींद की जरूरत व्यक्ति की उम्र के अनुसार अलग-अलग होती है। नवजात शिशु को आपने 15-16 घंटे तक सोते देखा होगा। उनके लिए इतनी नींद जरूरी भी है। इसके अलावा 1-2 साल के बच्चे को 11-14 घंटे नींद, 3-5 साल के बच्चे को 10-13 घंटे नींद, 6-12 साले के बच्चे को 9-12 घंटे नींद, 13-18 साल के बच्चे को 8-10 घंटे नींद, और 18 से ज्यादा उम्र के वयस्क को 7-8 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है।

० ये रहे नींद के दुश्मन

  • ० आज के दौर में कम नींद के लिए पहला दुश्मन मोबाइल फोन ही नज़र आता है। चाहे सोशल मीडिया का चस्का हो या लंबी बातों का फितूर, मोबाइल हर हाल मे नींद खराब करता है। इससे निकलने वाली आर्टिफिशियल लाइट, ब्रेन को यह संकेत देती है कि उसे जागते रहना है।
  • ० ओटीटी पर बिंज वाॅचिंग का बढ़ता नशा घड़ी से ध्यान हटा देता है। लापरवाही हो ही जाती है। इससे भी नींद का पैटर्न बिगड़ता है।
  • ० अगर आप दिनभर बैठे रहकर काम करते हैं, किसी डेस्क जॉब में हैं तो यह कारण भी आपकी नींद को प्रभावित करता है। निष्क्रिय रहकर आप अच्छी नींद हासिल नहीं कर पाते।
  • ० वीकेंड पर देर से सोने और देर से जागने के कारण हमारा स्लीप साइकल खराब हो जाता है।
  • ० ऑफिस में या घर पर किसी प्रोजेक्ट पर देर तक काम थकाता है और आप फ्रेशनैस हासिल करने के लिए काॅफी पी लेते हैं। कैफीन का प्रभाव हमारे शरीर में लंबे समय तक बना रहता है। इससे शरीर में एड्रिनल हॉर्मोन बढ़ता है जिससे हम दोबारा एक्टिव और एनर्जेटिक हो जाते हैं। और नींद नहीं आती।
  • ० दोपहर में झपकी लेना तो ठीक है, लेकिन ज्यादा देर सो लेने से भी रात की नींद प्रभावित होती है।
  • ० स्लीप एप्निया, इनसोम्निया जैसी समस्याएं, या श्वास से जुड़ी तकलीफ़ें और कुछ दवाइयों के असर से भी रात की नींद बिगड़ती है।
  • और इनमें से किसी भी वजह से जरूरी नींद पूरी न हो तो उसका बुरा असर पूरे शरीर पर पड़ता है। उम्र के हर पड़ाव पर इसका असर अलग तरीके से पड़ता है।

० बढ़ते बच्चों पर प्रभाव

गहरी नींद के दौरान शरीर के भीतर हार्मोन का समुचित स्राव होता है। इससे बढ़ती उम्र में सामान्य विकास बेहतर तरीके से होता है।इन हार्मोन से मांसपेशियों का समुचित विकास होता है और बच्चों और युवाओं के शरीर में कोशिकाओं और ऊतकों की मरम्मत भी गहरी नींद के दौरान बहुत अच्छी तरह होती है। इसके लिए ज़रूरी है कि नींद के पर्याप्त घंटे मिलें।

० महिलाओं पर दिखते हैं पुरुषों से अधिक प्रभाव

  • ० पुरुषों की तुलना में महिलाओं पर कम नींद के कारण पड़ने वाले दुष्प्रभावों की आशंका दोगुनी होती है।
  • ० कम नींद लेने से महिलाओं का मासिक चक्र अनियमित होने लगता है। वहीं हैवी ब्लीडिंग की समस्या भी हो सकती है।
  • ०इससे उनमें हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज़ और डिप्रेशन का खतरा बढ़ता है। ।
  • ० उन्हें अक्सर तनाव ,बार-बार सर्दी, और जोड़ों में दर्द की शिकायत होती भी पाई गई है।
  • ० विशेषज्ञों के अनुसार अधूरी नींद का खाने से भी रिश्ता है। इससे अगले पूरे दिन थकान महसूस होती है। अपनी दैनिक जिम्मेदारियों में मन लगाने के लिए महिलाओं का झुकाव बार-बार खाने की तरफ बढ़ता है। इससे स्वाभाविक रूप से मोटापा भी बढ़ता है।
  • ० वहीं थकान बनी रहने से एक्सरसाइज़ के डेली रुटीन में भी मन नहीं लगता और इसका खामियाजा शरीर को उठाना पड़ता है।

० पुरुषों पर प्रभाव

  • ०विभिन्न स्टडी में पाया गया है कि कम नींद से महिलाओं की तरह पुरुषों में भी तनाव और डिप्रेशन का खतरा होता है।
  • ० साथ ही इससे पुरुषों में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता देखा गया है।
  • ० गहरी नींद के दौरान पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन का लेवल बढ़ता है लेकिन लगातार नींद की समस्या होने पर टेस्टोस्टेरॉन कम बनता है। इससे सेक्स लाइफ पर नेगेटिव असर पड़ता है।
  • ० कम नींद का एकाग्रता और ध्यान पर भी असर पड़ता है। इससे सड़क दुर्घटना का जोखिम भी बढ़ जाता है।

० बुज़ुर्गों पर प्रभाव

  • ० लगभग 15 प्रतिशत वृद्धजन कम नींद से पीड़ित हैं। बढ़ती उम्र के साथ-साथ नींद काफी कम हो जाती है। इस उम्र में विशेष रूप से विकास हार्मोन, मेलाटोनिन और कोर्टिसोल, नींद की गुणवत्ता और कार्य को प्रभावित करते हैं।
  • ० कम नींद वृद्ध जनों में अवसाद, कुंठा और चिंता, भय और अशांत मनोदशा का कारण बन सकती है।
  • ० इसके परिणामस्वरूप मिजाज़ में परिवर्तन हो सकता है। ऐसे में बुजुर्गों में चिड़चिड़ापन देखा जाता है जो उनके साथ उनके परिवार के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है।

तो कैसे जीती जाए नींद से जंग?

नींद की कमी पूरी करने के लिए लोग ऐलोपैथी की मदद लेते हैं और नींद की गोलियां लेना शुरू कर देते हैं। लेकिन दीर्घकाल में इसका शरीर पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में बेहद ज़रूरी है कि आप नींद को लेकर लापरवाही न बरतें। अगर लगातार नींद की कमी से जूझ रहे हैं तो डाॅक्टर से मिलने में कोताही न करें। साथ ही नींद का पैटर्न सुधारने के लिए अपना खुद का तरीका बनाएं। योग की मदद लें। योग गुरु आपको ऐसे बहुत से आसन बताएंगे जिनकी मदद से आप नींद की अवधि और क्वालिटी दोनों बेहतर कर सकते हैं। ध्यान करें। सुदर्शन क्रिया भी बहुत उपयोगी है।सोने से एक घंटे पहले हर तरह के स्क्रीन से आँखें फेर लें। फिजिकल एक्टीविटी बढ़ाएं, जिससे शरीर थके और बिस्तर पर जाने पर आप जल्द नींद के आगोश में समा सकें।

  • ० खान-पान में आप ये प्रयोग कर सकते हैं
  • ० एक कप गर्म दूध में हल्दी पाउडर मिला कर सोने से पहले उसका सेवन करें।
  • ० केले को नींद बेहतर करनें में बहुत प्रभावी माना गया है। इसमें मौजूद आयरन, कैल्शियम और पोटैशियम जैसे तत्व अच्छी नींद में सहायक होते हैं।
  • ० आप एक कप गर्म दूध में आधा चम्मच जायफल पाउडर मिलाएं और सोने से पहले उसका सेवन करें।
  • ० रात को सोने से पहले दो चुटकी केसर एक कप गर्म दूध में मिलाकर पिएं। इससे बेहतर नींद आएगी।
  • ० जापान में हुई एक स्टडी के मुताबिक डिनर में चावल शामिल करने से फायदा मिलता है। चावल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भरपूर होती है, जो नींद को बेहतर बना सकती है।
  • ० नॉन-वेजिटेरियन लोग फैटी फिश अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसमें विटामिन डी और ओमेगा 3 फैटी एसिड की भरपूर मात्रा होती है। इससे नींद की क्वालिटी बेहतर हो सकती है।
  • ० कुछ रिसर्च में यह बात सामने आई है कि चैरी खाने और चेरी जूस पीने से अच्छी नींद आती है।
  • ० सोने से पहले कीवी फ्रूट खाने से बेहतर नींद आती है।

० आयुर्वेद सुझाता है ये उपाय

० ब्राह्मी- आयुर्वेद में ब्राह्मी को ब्रेन टॉनिक माना गया है। यह रात की अच्छी नींद लाने के लिए बेहतरीन जड़ी बूटी है। यह न केवल आरामदायक नींद को बढ़ावा देता है बल्कि दिमाग को शांत करने में भी मदद करता है।

० जटामांसी- यह जड़ी बूटी मन और शरीर को शांत करने का काम करती है। जिससे आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।

० शंखपुष्पी - आयुर्वेद के अनुसार अपने वात संतुलन और मेध्य गुणों के कारण शंखपुष्पी मन को शांत करने का काम करती है। साथ ही इसमें नींद का पैटर्न सुधारने की भी क्षमता होती है।

अगर आप भी नींद को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं तो अब जान गए होंगे कि कम नींद कितनी समस्याओं को जन्म दे सकती है। नींद बेहतर करने के लिए रात को सोने जाने से पहले थोड़ा टहलने की आदत डालें।सोने से पहले अपने तलवों की सरसों के तेल से मालिश करें। इससे भी आपको फायदा होगा।

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