Pregnancy Health Tips: गर्भावस्था में क्या बार-बार हो रही उल्टी, ये 7 है बचने के लिए घरेलू जुगाड़, जानिए देसी उपाय...
Pregnancy Health Tips: उबकाई होना या मिचली महसूस होना एक आम समस्या है, जो खराब पाचन, एसिडिटी, गर्भावस्था या सफर के दौरान बढ़ने लगती है।

Pregnancy Health Tips: उबकाई होना या मिचली महसूस होना एक आम समस्या है, जो खराब पाचन, एसिडिटी, गर्भावस्था या सफर के दौरान बढ़ने लगती है। इसे दूर करने के लिए कुछ आहारिक उपाय बेहद प्रभावी हो सकते हैं। बार बार उल्टी आने से शरीर में निर्जलीकरण की भी समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में सर्दी के मौसम में अगर आप भी मतली से पेरशान है, तो कुछ घरेलू उपाय इसमें मददगार साबित हो सकते है नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार गैस्ट्रोएसोफागीयल रिफ्लक्स डिसऑर्डर और एसिड रिफ्लक्स नॉज़िया यानि मतली का कारण साबित होते हैं। एसिडिटी, गर्भावस्था या सफर के दौरान बढ़ने लगती है। इसके लिए आहार में पुदीना, अदरक, नींबू, सौंफ और नारियल पानी का सेवन करें। इससे मतली को दूर करने में मदद मिलती है।
उल्टी से बचने के लिए घरेलू उपाय:-
अदरक है एंटीऑक्सीडेंट्स:- अदरक में जिंजरोल तत्व पाया जाता हैं जो मिचली और उल्टी होने की अनुभूति को कम करने में मदद करता हैं। इससे पाचन में सुधार बढ़ने लगता है। इसके लिए आहार में अदरक की चाय, अदरक का रस या अदरक का टुकड़ा चबाना लाभकारी साबित होता है।
नींबू का रस:- नींबू की खटास पेट को शांत करने मददगार साबित होती है इसमें न्यूटरालाइजिंग एसिड बाइकार्बोनेट में परिवर्तित हो जाते हैं, जिससे डाइजेशन बूस्ट होता है। ऐसे में गुनगुने पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर पीने से राहत मिलती है।
केले:- केले का सेवन करने से शरीर में पोटेश्रियम की मात्रा रीस्टोर होने लगती है। केला हल्का और सुपाच्य होता है, जो पेट की एसिडिटी को कम कर मिचली को शांत करने में मददगार साबित होता है। साथ ही इससे शरीर में एनर्जी बना रहता है।
पुदीने की पत्तियां चबाएं:- पुदीने की पत्तियों की खुशबू और स्वाद पाचन तंत्र को आराम देता है। इसकी मदद से अपच, ब्लोटिंग, मॉर्निंग सिकनेस और मोशन सिकनेस से राहत मिलती है। चाय में उबालकर या पत्तियां चबाने से इसका फायदा मिलता है।
सौंफ है फायदे:- इसमें मौजूद एनिथोल तत्व में एंटी बैक्टीरियल या एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है। इससे गैस और ब्लोटिंग से राहत मिल जाती है। सौंफ का सेवन जहां पाचन को सुधारता है।
दही हैं भरपूर:- दही प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है, जो पाचन में सुधार लाकर मिचली से राहत दिलाता है।इससे आंतों में गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने लगती है।
ठंडा सेब का रस:- सेब में विटामिन ए, बी,सी और ई की मात्रा पाई जाती हैं।मतली से बचने के लिए ठंडे सेब का रस पीएं। इसकी ताजगी पेट को ठंडक देती है और मिचली को कम करने में मदद करती है।