Night Shift Health Tips: नाइट शिफ्ट यानी नींद की कमी, आराम की कमी और सेहत पर बुरा असर। नाइट शिफ्ट के दौरान आपका पूरा शेड्यूल ही बिगड़ जाता है। खाने-पीने से लेकर सोने तक का कोई टाइम नहीं होता। वक्त के साथ हमारी बॉडी रात में सोने की आदी हो जाती है। लेकिन नाइट शिफ्ट में सोना तो दूर नींद के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। यही वजह है कि नींद पूरी न होने और पूरा शेड्यूल बिगड़ने का असर बॉडी पर पड़ता है। चिड़चिड़ाहट होने लगती , सिरदर्द हो जाता है और किसी से बात करने का मन तक नहीं करता।
ऐसी स्थिति से लड़ने के लिए यहां कुछ तरीके बताए जा रहे हैं जो आपके बेहद काम आएंगे:
नाइट शिफ्ट के बाद करें ऐसा काम
• नाइट शिफ्ट के बाद दिन में भरपूर आराम करें। जिस कमरे में सोएं उस कमरे में पूरी तरह से अंधेरा रखें और वहां कोई आवाज या शोर न हो ताकि आपकी नींद में कोई खलल न पड़े। नींद पूरी होने की वजह से आपका चिड़चिड़ापन भी खत्म हो जाएगा और अन्य परेशानियों में भी आराम मिलेगा।
• रोजाना योग के आसान जैसे कि प्राणायाम और वज्रासन करें। इससे भी आप इरिटेशन से दूर रहेंगे और एकाग्रता बढ़ेगी। नाइट शिफ्ट में आमतौर पर लोग सोचते हैं कि वे आधी रात को डिनर कर लेंगे, लेकिन ऐसा करने से आपका डाइट रुटीन गड़बड़ हो जाएगा और सीधा असर सेहत पर पड़ेगा। नाइट शिफ्ट में काम की शुरुआत खाना खाने के बाद ही करें ताकि आपका फोकस भी बना रहे। नाइट शिफ्ट में 8 से 10 बजे के बीच हर हाल में डिनर कर लेना चाहिए।
• नाइट शिफ्ट में आमतौर पर लोग सोचते हैं कि वे आधी रात को डिनर कर लेंगे, लेकिन ऐसा करने से आपका डाइट रुटीन गड़बड़ हो जाएगा और सीधा असर सेहत पर पड़ेगा। नाइट शिफ्ट में काम की शुरुआत खाना खाने के बाद ही करें ताकि आपका फोकस भी बना रहे। नाइट शिफ्ट में 8 से 10 बजे के बीच हर हाल में डिनर कर लेना चाहिए।
• कई लोगों को ऐसा मानना है कि खाना खाने के बाद नींद आने लगती है और इसलिए वे नाइट शिफ्ट में खाना खाकर काम नहीं कर पाते। ऐसी स्थिति में हल्का खाना खाया जा सकता है। जैसे कि पोहा, ब्राउन राइस, सलाद या जूस व दही आधी। चाहे तो इडली, डोसा या फिर उत्तपम भी खा सकते हैं।
• आयुर्वेद के अनुसार, रात के समय घंटों लगातार जागने की वजह से शरीर में वाटा ड्राईनेस (vata dryness) हो जाती है। इसके लिए रात में थोड़ा सा वर्कआउट करें और साथ में घी लें। हालांकि नाइट शिफ्ट के चक्कर में वर्कआउट के लिए ज्यादा समय नहीं मिल पाता। अगर मिल भी जाता है तो लोग यह सोचकर वर्कआउट नहीं करते कि वे थक जाएंगे और फिर नाइट शिफ्ट में काम नहीं हो पाएगा। ऐसा सोचना वाजिब भी है क्योंकि बॉडी पर काफी स्ट्रेन भी पड़ता है।
• आयुर्वेद के अनुसार, इससे बचने के लिए अश्वगंधा का इस्तेमाल करना चाहिए। यह न सिर्फ नर्वस सिस्टम को शांत रखता है बल्कि बॉडी में एनर्जी के लेवल को भी बनाए रखता है। साथ ही इससे अच्छी नींद भी आती है।