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Navratri Fasting best for Health : नवरात्रि व्रत हेल्थ के लिए बेस्ट, बॉडी का होता है Detoxification ... पर ऐसे लोग बचें

मेडिकल साइंस के हिसाब से चैत्र नवरात्रि का समय जलवायु में बदलाव होता है. इस जलवायु में कई नए बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जिससे हमारा शरीर लड़ने के लिए तैयार नहीं होता है. चैत्र नवरात्रि मार्च-अप्रेल माह में होता है ,जो कभी तेज गर्मी या कभी बारिश का मौसम होता है. ऐसे में सरद-गरम होने के कारण नवरात्रि के दौरान व्रत रखने से शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट हो जाती है.

Navratri Fasting best for Health :  नवरात्रि व्रत हेल्थ के लिए बेस्ट, बॉडी का होता है Detoxification ... पर ऐसे लोग बचें
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By Meenu

नवरात्रि में देवी के 9 रूपों की पूजा की जाती है. इस समय हम शक्ति, ऊर्जा, सुख-समृद्धि और शांति, आध्यात्मिक ज्ञान की उपासना करते हैं. लेकिन, इन सबके लिए आवश्यक है कि हमारा शरीर ग्रहण करने के लिए सक्षम हो.

मेडिकल साइंस के हिसाब से चैत्र नवरात्रि का समय जलवायु में बदलाव होता है. इस जलवायु में कई नए बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जिससे हमारा शरीर लड़ने के लिए तैयार नहीं होता है. चैत्र नवरात्रि मार्च-अप्रेल माह में होता है ,जो कभी तेज गर्मी या कभी बारिश का मौसम होता है. ऐसे में सरद-गरम होने के कारण नवरात्रि के दौरान व्रत रखने से शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट हो जाती है.

बहुत बार ऐसा होता है कि लोग व्रत तो शुरू कर देते हैं लेकिन व्रत के दौरान उन्हें कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे लोगों को व्रत रखने से बचना चाहिए।


इन कारणों से बेहत

इन नौ दिनों के दौरान लोग उपवास करते हैं. सात्विक भोजन का सेवन करते हैं. सात्विक भोजन शुद्ध और संतुलित माना जाता है. ऐसा भोजन जो शरीर की मशीन में आसानी से पचे और विकार न पैदा करे, उसे ही सात्विक भोजन कहते हैं. गरिष्ठ या तामसिक भोजन जो स्वाद में अच्छा लग सकता है लेकिन उसे पचाने में शरीर को ज्यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है. इससे शरीर और मन दोनों थक जाता है. ऐसा खाना खाकर आप सुस्ती महसूस करने लगते हैं. दूसरी तरफ, सादा खाना पाचन तंत्र को आराम भी देता है और डिटॉक्सीफिकेशन भी होता है.

नवरात्रि के दौरान उपवास रखने का वैज्ञानिक कारण आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करना है. हफ्ते में एक बार हल्का खाना खाने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है. व्रत आंतों को साफ करने और उसको मजबूत करने में भी मदद करता है.



लेकिन ऐसे लोग व्रत न करें

नवरात्रि व्रत के दौरान बहुत से लोगों की तबियत खराब हो जाती है। बहुत बार ऐसा होता है कि लोग व्रत, तो शुरू कर देते हैं लेकिन व्रत के दौरान उन्हें कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। आपको बता दें, बहुत से लोगों को व्रत रखने से बचना चाहिए। व्रत वैसे, तो शरीर को डिटॉक्स करता है। लेकिन जिन लोगों को कोई बीमारी हो उन्हें व्रत रखने से बचना चाहिए।

नवरात्रि के व्रत में अनाज खाने की मनाही होती है। ऐसे में अगर गर्भवती महिला इस व्रत को रखती है, तो इससे उनके शरीर में कमजोरी आने के साथ भ्रूण की सेहत को भी नुकसान हो सकता हैं। गर्भवती महिला को नवरात्र में केवल पूजा करनी चाहिए और व्रत रखने से बचना चाहिए।

नवरात्रि के व्रत में कई भक्त पूरे 9 दिन का व्रत रखते हैं। लेकिन आपको बता दें, अगर आपको कोई बीमारी हैं, तो व्रत रखने से बचना चाहिए क्योंकि बीमार में शरीर में कमजोरी आ जाती है और इस समय शरीर को ताकत की जरूरत होती है। ऐसे में इस समय डाइट में जरूरी पोषक तत्वों को शामिल करना जरूरी हो जाता है।

जिन लोगों का वजन ज्यादा होता है। उन्हें भी नवरात्रि के व्रत रखने से बचना चाहिए क्योंकि अचानक से भोजन छोड़ देने से शरीर पर विपरीत असर पड़ सकता है। इससे शरीर को नुकसान होने के साथ कई तरह की बीमारियां लगने का खतरा बढ़ता है।

नवरात्रि के व्रत शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं। लेकिन, जो महिलाएं हाल ही में मां बनी हो या फिर बच्चों को दूध पिलाती हो। उन्हें नवरात्र का व्रत रखने से बचना चाहिए क्योंकि दूध पिलाने से मां की शरीर को कमजोरी आने के साथ दूध की पौष्टिकता भी कम हो सकती है, जिससे बच्चे की ग्रोथ पर भी असर पड़ सकता है।

डायबिटीज के मरीज को नवरात्रि के व्रत को रखने से बचना चाहिए क्योंकि भूखे रहने से शुगर लेवल बढ़ सकता है। डायबिटीज के मरीज को हर थोडी देर में कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए। वहीं व्रत के दौरान लंबे समय तक भूखे रहना पड़ता है। जिससे डायबिटीज की समस्या बढ़ सकती है।


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