Begin typing your search above and press return to search.

खुद से पूछिये ये सवाल, मिल जाएगा अपने शरीर का हाल, क्योंकि अच्छी आदतों से ही मिलता है अच्छा स्वास्थ्य

खुद से पूछिये ये सवाल, मिल जाएगा अपने शरीर का हाल, क्योंकि अच्छी आदतों से ही मिलता है अच्छा स्वास्थ्य
X
By NPG News

NPG न्यूज

जीवन को कठिन हमने अपनी आदतों से भी बनाया है। शरीर की आवश्यकताओं से जुड़ी बहुत छोटी-छोटी बातों पर हम ध्यान नहीं देते और तमाम तकलीफ़ों को अपनी ज़िन्दगी में जोड़ते चले जाते हैं। आज इन्हीं अच्छी आदतों पर बात करते हैं और जो गलतियाँ हम खुद अपने शरीर के साथ कर रहे हैं, उनको छोड़ने से होने वाले फायदों को भी समझेंगे।

भरपूर नींद लें?

रात की अच्छी नींद अगले अच्छे दिन के लिए बेहद ज़रूरी है। 7-8 घंटे की नींद बेहद होनी ही चाहिए। रात में अच्छी नींद लेने के साथ-साथ एक छोटा-सा सिएस्टा (दोपहर की झपकी) मांसपेशियों को ठीक करने और फिर से भरने में मदद करता है। यह ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है और याददाश्त और फोकस को तेज करता है। दूसरी ओर, नींद की कमी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर ले जाती है, जिसमें हृदय रोग बहुत आम है। कम नींद हमें चिड़चिड़ा और बेचैन भी बना देती है।

ऑक्सफोर्ड विश्विद्यालय के प्रोफ़ेसर रसल फोस्टर कहते हैं ''यदि जागने के लिए आपको अलार्म का सहारा लेना पड़ता है या सुबह-सुबह कैफीन वाले पेय पदार्थ के बिना ताजगी महसूस नहीं हो रही है तो आपको और नींद की ज़रूरत है। ''

नाश्ता किया?

सुबह का नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण खाना होता है। यह आपके रात भर के उपवास को तोड़ता है और आपके मेटाबोलिज्म को गति प्रदान करता है। नाश्ता न करने या पर्याप्त पोषण न मिलने से आप सुस्त महसूस करते हैं और इससे उत्पादकता कम हो जाती है। पौष्टिक और पर्याप्त नाश्ता हमें बाद में दिन में अधिक खाने से रोकता है। जागने के दो घंटे के भीतर अपना नाश्ता करना याद रखें।

कितने गिलास पानी पिया?

स्वस्थ शरीर के लिए पानी की सबसे ज्यादा जरूरत है। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और शरीर में महत्वपूर्ण रासायनिक प्रतिक्रियाओं को करने के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य करता है। पानी शरीर के सभी अंगों, विशेष रूप से किडनी और त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद करता है। रोज़ 2.7 लीटर से 3.7 लीटर पानी की ज़रूरत शरीर को होती है। याद रखें कि दिन भर में नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें। इससे किडनी पर दबाव नहीं पड़ेगा।

व्यायाम किया?

हम प्रतिदिन अपने खाने में कैलोरीज़ लेते रहते हैं। ये कैलोरीज हमारे शरीर में जाकर हमें ऊर्जा देती हैं। वैसे तो कैलोरीज शरीर को चलाने के लिए बेहद ज़रूरी हैं लेकिन यदि हमारे जीवन में फिजिकल एक्टिविटी या व्यायाम की कमी हो तो ऐसे में ये कैलोरीज हमारे शरीर में वसा के रूप में इकट्ठी होने लगती हैं। जो ना सिर्फ़ मोटापे को जन्म देती हैं बल्कि इससे डायबिटीज़ और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का भी खतरा बढ़ता है।शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से कई स्वास्थ्य समस्याएं मैनेज की जा सकती हैं। इससे तनाव, अवसाद भी कम होता है। नियमित व्यायाम मेटाबोलिज्म को ठीक रखता है। इससे हमारा एनर्जी लेवल बढ़ता है।वज़न नियंत्रित रहता है। पाचन तंत्र ठीक काम करता है और नींद भी अच्छी आती है। इसलिए दिन में अपनी व्यस्तता के बीच कम से कम आधे घंटे का वक्त व्यायाम के लिए ज़रूर निकालें।

धूप सेंकी?

धूप में कुछ मिनट आपके शरीर में विटामिन डी के स्तर को ठीक रखता है। विटामिन डी हड्डियों और हृदय के लिए महत्वपूर्ण है और शरीर में फील-गुड हार्मोन के उत्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसलिए सुखी और खुशहाल जीवन के लिए विटामिन डी का पर्याप्त स्तर बनाए रखें, 10-15 मिनट धूप ज़रूर सेंकें।

संतुलित भोजन लिया?

स्वस्थ जीवन शैली की दिशा में एक संतुलित आहार लेना पहला और महत्वपूर्ण कदम है। उम्र, लिंग और शारीरिक गतिविधि के स्तर के आधार पर, आवश्यक दैनिक कैलोरी प्रति दिन 2,000 और 2500 कैलोरी के बीच भिन्न होती है। इन दैनिक कैलोरी में कार्बोहाइड्रेट का 45 से 65 प्रतिशत हिस्सा होता है, जबकि 10 से 30 प्रतिशत प्रोटीन से और 25 से 35 प्रतिशत वसा से आना चाहिए। इसके अलावा, शरीर के सही कामकाज के लिए पानी, विटामिन, मिनरल्स और फाइबर की यथोचित मात्रा पर भी ध्यान दें।

अपना कोई शौक पूरा किया?

नए कौशल विकसित करने और शौक पूरा करने से मस्तिष्क को सक्रिय और स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। ये शक्तिशाली मानसिक व्यायाम हैं जो उम्र बढ़ने के संकेतों को धीमा करते हैं। जिस काम को आप सबसे ज्यादा पसंद करते हैं उसे करने से सकारात्मकता और सेहत भी बढ़ती है।खुद के मशीन हो जाने के अहसास से भी मुक्ति मिलती है। इसलिए अपने शौक के लिए 15 मिनट ही सही, पर ज़रूर निकालें।

तनाव को प्रबंधित करना सीखा?

तनाव हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग है। छोटे-छोटे तनाव स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण भी होते हैं। वे हमें मजबूत बनाते हैं। लेकिन तनाव के लगातार और लंबे समय तक एपिसोड कहर बरपा सकते हैं। प्रभावी तनाव प्रबंधन दिमागी सोच, ध्यान, विश्राम उपचार, शौक में शामिल होने आदि के साथ होता है। अगर हम तनाव को मैनेज करना सीख गए तो बहुत सारी बीमारियों से खुद ही बच जाएंगे।

लोगों से मिले-जुले?

एक स्वस्थ जीवन शैली में शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह के कल्याण की आवश्यकता होती है। जबकि स्वस्थ जीवन शैली का अभ्यास शरीर को पोषण देता है, करीबी दोस्तों का एक समूह और मजबूत सामाजिक बंधन आत्मा के लिए भोजन है। दोस्तों के साथ समय बिताना भावनात्मक भलाई का स्रोत है।

शरीर की जांच कब कराई?

30 साल की उम्र के बाद शरीर बीमारियों की ज़द में आने लगता है। इसलिए ज़रूरी है कि बीच-बीच में हम शरीर की बेसिक जांच करवाते रहें। कंप्लीट ब्लड काउंट, आँखों और दांतों की जांच, बीपी-शुगर की जांच आदि आसानी से हो जाने वाली जांचें हैं, जिनसे आगे बढ़ने वाली समस्याओं का समय पर पता भी लग जाता है। इसलिए इन सामान्य जांचों को हल्के में लेकर टालें नहीं।

खुद से ये सवाल पूछिए, ईमानदारी से कमियों को स्वीकार भी कीजिए और सुधार की ज़िम्मेदारी भी खुद पर लीजिए। जीवन बदल जाएगा।



Next Story