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Health Tips :क्यों होती है सर्दी के मौसम में ज्यादा बीमारियां? जानिए बचाव के उपाय, किन चीजों से भगाएँ दूर बीमारी

Health Tips :सर्दी आते ही जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है उनकी परेशानी बढ़ जाती है। हर घर में सर्दी जुकाम दस्तक देता है। ऐसे में इनसे बचने के लिए कुछ उपाय है, जिन्हे आजमा कर आप बीमारी से दूर रह सकते है...

Health Tips :क्यों होती है सर्दी के मौसम में ज्यादा बीमारियां? जानिए बचाव के उपाय, किन चीजों से भगाएँ दूर बीमारी
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By Shanti Suman

Health Tips : सर्दी का मौसम अब बढने लगा है। शीतलहर कोहरा से सब पटने लगा है। तो इस मौसम में सर्दी जुकाम का खतरा सबसे ज्यादा होता है और संक्रमण का भी खतरा बढ़ जाता है। अक्सर लोगों का सवाल रहता है कि सर्दी जुकाम से बचने के लिए घरेलू उपाय क्या होते हैं?

सर्दी का मौसम उत्तर भारत को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। इस मौसम की अपनी खूबियां हैं, तो वहीं कुछ खामियां भी। सर्दियों में सेहत के प्रति लापरवाही बरतने पर बच्चों से लेकर वयस्कों तक में कई बीमारियां पैदा हो सकती हैं, लेकिन कुछ सजगताएं बरतकर आप इस मौसम में आम तौर पर होने वाले रोगों से बच सकते हैं।

सर्दी में बचाव के उपाय? -

सर्दी के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए आपको विशेष रूप से सावधानियां बरतने की आवश्यकता है,खास करके बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर। आप सीजनल यानी मौसमी फलों और सब्जियों के बारे में जरूर जानते होंगे, मौसम के हिसाब से कपड़े भी पहनते हैं ठीक उसी प्रकार से कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो किसी मौसम विशेष में ही हमें अपने चपेट में लेती है।

इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, धूम्रपान से बचें, संतुलित आहार का सेवन करें और पर्याप्त नींद लें।

क्यों होती है सर्दी के मौसम में ज्यादा बीमारियां?

यूं तो बहुत सारे लोगों का फेवरेट मौसम सर्दी होता है लेकिन इसके साथ ही इस मौसम में सेहत को लेकर सतर्कता बरतने की भी आवश्यकता होती है। सर्दी के मौसम में हवा ठंडी और नमीयुक्त होती है। इस समय में तापमान एक समान नहीं रहता है और अक्सर उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।कड़ाके की सर्दी के दौरान कई दिनों तक तो धूप भी नहीं निकलते हैं और जैसा कि हम जानते हैं कि धूप की कमी के चलते कई सारी बीमारियां पनपने लगती है।

हवा में नमी अत्यधिक होने के कारण संक्रमण होने का भी खतरा बढ़ जाता है।कोहरे में प्रदूषित कणों की मौजूदगी के चलते सांस संबंधी कई सारी बीमारियां निशाना बना लेती है।ज्यादा सर्दी पड़ने की वजह से अधिकांश लोग एक्सरसाइज करने या अन्य शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय नहीं हो पाते हैं।गर्मी के मौसम के मुकाबले सर्दी के मौसम में ज्यादा खाना खाने की वजह से मोटापा भी बढ़ने लगता है।अधिक देर तक बैठने या सोने की वजहों से भी बीमारियां अपने चपेट में ले सकती है।ठंड के मौसम में अपने बच्चों के खान-पान और पहनावे को लेकर सतर्कता जरूर बरतें। आप अपने बच्चे को इस तरह का आहार दें जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार साबित हों।

सर्दी में ये लोग खास ध्यान दें

सर्दी के मौसम में उन लोगों को ज्यादा सावधानियां बरतनी चाहिए जिन्हें जोड़ों के दर्द या आर्थराइटिस की समस्या है। दरअसल इस मौसम में बांह, कंधे और घुटनों की नसें सिकुड़ जाती हैं और इसलिए दर्द भी अधिक परेशान करती है। इन परेशानियों से बचने के लिए आप नियमित रूप से व्यायाम करें, साइक्लिंग भी बेहतर उपाय हो सकता है। डॉक्टर की सलाह के मुताबिक दवाएं लेते रहें और हां संतुलित भोजन अवश्य करें।

इसके अलावा भी कुछ और बीमारियां हैं जिनसे आपको ठंड के दौरान सतर्क रहना चाहिए। कब्ज - इस मौसम में कब्ज एवं पाचन संबंधी परेशानी भी हो सकती है। इसका सबसे अच्छा उपाय है कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पीएं। खाना खाने के बाद जीरा पाउडर खाने से भी राहत मिलेगी।

  • सिरदर्द - ठंडी हवा के प्रभाव के चलते सिरदर्द की परेशानी हो सकती है। अगर सिरदर्द की समस्या से परेशान हों तब दूध में हल्की मात्रा में जायफल घिस कर इस मिश्रण को अपने सिर पर कुछ देर के लिए लगाकर रखें।
  • होंठों का फटना - इस समस्या से आप और आपके बच्चे भी परेशान हो सकते हैं। प्राकृतिक मॉइश्चराइजर या कुंकुम का तेल लगाने से लाभ मिल सकता है।
  • बुखार - सर्दी के मौसम में बुखार को लेकर भी सावधानियां बरतनी चाहिए। मौसम में आए बदलाव को लेकर सबसे अधिक परेशानियां बच्चों को हो जाती है। बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह के मुताबिक ही दवाओं का प्रयोग करें इसके अलावा दिन में 3 बार अजवाइन के चूर्ण का इस्तेमाल करने से भी लाभ मिल सकता है। अगर बुखार के अलावा खांसी और जुकाम साथ में हो तब पुदीने के पत्तों की चाय बनाकर जरूर पीएं।
  • कफ या बलगम का जमा हो जाना - विशेष रूप से बच्चों को सर्दी के मौसम में कफ या बलगम जमा हो जाने की समस्या आम बात है। हल्का गर्म पानी पीते रहें व अंजीर का सेवन करें।
  • एड़ियों का फटना - त्वचा के शुष्क हो जाने की वजह से एड़ियों का फटना या आम बोलचाल की भाषा में बिवाइयां फटना जैसी परेशानी भी इस मौसम में हो सकती है। इस परेशानी से राहत पाने के लिए सबसे बेहतर उपाय यह है कि आप अपने एड़ियों पर प्याज का पेस्ट इस्तेमाल करें। जूतें पहनकर रखें।

सर्दी के मौसम में ये करे सेवन

  • शहद और नींबू की चाय एक कप गर्म पानी में एक बड़ा चम्मच शहद और आधे नींबू का रस मिलाएं, गले की खराश से राहत पाने और खांसी से राहत पाने के लिए इस चाय की चुस्की लें।
  • अदरक की चाय बनाने के लिए ताजे अदरक के एक छोटे टुकड़े को कद्दूकस करके पानी में उबाल लें. अदरक में नेचुरल एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो कंजेशन को कम करने और गले की खराश को शांत करने में मदद कर सकते हैं.
  • एक बड़े बर्तन में पानी उबालें. जब यह भाप बन जाए तो इसे आंच से उतार लें और इसमें यूकेलिप्टस तेल की कुछ बूंदें मिलाएं. बर्तन के ऊपर झुकें और भाप लेने के लिए अपने सिर को तौलिये से ढक लें, इससे नाक में जमा कफ को साफ करने में मदद मिल सकती है।
  • एक कप दूध गर्म करें और उसमें एक चम्मच हल्दी मिलाएं. इस मिश्रण को अच्छे से मिलाएं और सोने से पहले पी लें। हल्दी में नेचुरल एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सर्दी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और इससे गरारे करें. यह गले की खराश को शांत करने और जलन को कम करने में मदद कर सकता है।


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