Fatty liver diet: पालक, टमाटर और ब्रोकोली फैटी लिवर से लड़ने के लिए राइट च्वाइस, ये अन्य चीजें भी होंगी मददगार
Fatty liver diet:; हर इंसान के लिवर में फैट की कुछ मात्रा होती है, लेकिन यदि लिवर में फैट की मात्रा ज्यादा बढ़ जाती है,तो इंसान "फैटी लिवर " से ग्रसित कहलाता है। यह स्थिति लिवर के नाॅर्मल फंक्शन में बाधा डालती है। इससे हाई ब्लड प्रेशर, किडनी प्रॉब्लम्स और डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगता है। इस परेशानी की सबसे बड़ी वजह खानपान में गड़बड़ी और शराब का ज्यादा सेवन है। वैसे फैटी लिवर की समस्या शराब पीने और न पीने वालों दोनों को ही सकती है। शराब न पीने वालों को फैटी लिवर की प्रॉब्लम सही डाइट न लेने की वजह से होती है। डाॅक्टर फैटी लिवर की स्टेज के आधार पर उसका इलाज करते हैं। शुरुआती अवस्था में आप खान-पान में कुछ बदलाव कर इस प्राॅब्लम को बढ़ने से रोक सकते हैं।
फैटी लिवर के कुछ संकेत होते हैं जैसे कि
इस प्रॉब्लम में पेट की ऊपर दाहिने ओर दर्द होता है।भूख कम होने लगती है और कुछ लोगों का वजन भी तेजी से गिरने लगता है।आंखों का रंग पीला होने लगता हैं।पैरों में हल्की सूजन बनी रहती है। और हर वक्त थकान और कमजोरी का एहसास होता रहता है।
फैटी लिवर के मरीज़ों को अपने डाइट पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। फैटी लिवर को अगर नजरअंदाज करे तो लिवर सिरोसिस होने का खतरा भी बढ़ जाता है। यहाँ आपको इस बीमारी से लड़ने के लिए एक अच्छी डाइट की जानकारी मिलेगी -
फैटी लिवर को कंट्रोल करने के लिए डाइट में शामिल करें ये चीजें-
ब्रोकली: यह ऐसी सब्जी है जो लिवर के फैट को तेज़ी से नियंत्रण में ला सकती है। ब्रोकली लिवर में ट्राइग्लिसराइड की मात्रा को कम करने में मदद कर सकती है।
करेला: करेला का सेवन ना सिर्फ डायबिटीज़ को नियंत्रित करता है बल्कि लिवर को भी स्वस्थ रखता है।
टमाटर: टमाटर में मौजूद लाइकोपीन एक मजबूत एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी-कैंसर एजेंट है जो ना सिर्फ फैटी लिवर और लिवर सूजन से बचाता है बल्कि इससे उबरने में मदद भी करता है।
पालक: पालक में पर्याप्त मात्रा में एंटी- ऑक्सीडेंट, आयरन, विटामिन, न्यूट्रीएंट्स और मिनिरल होते हैं। पालक का जूस, साग आदि फैटी लिवर के लिए काफी असरदार होता है।
मेथी का साग: मेथी के पत्तों में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जैसे कि विटामिन ए, सी, कैल्शियम, बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन आदि। इससे फैटी लिवर में काफी सुधार होता है।
बीन्स और सोया: नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए बीन्स और सोया खाएं।
लहसुन: लहसुन का सेवन करने से न सिर्फ लिवर में जमी चर्बी को कम किया जा सकता है बल्कि शरीर के वजन को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
केला: केले में अनसेचुरेड फैट, पेक्टिन, ओमेगा-३, मोनोअनसैचुरेटेड फैट, पोटेशियम और सोडियम मौजूद होता है। ये सभी ज़रूरी चीजें फैटी लिवर की समस्या को दूर करने और लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं।
अंगूर: अंगूर में पर्याप्त मात्रा में पानी और रफ़ेज होता है। साथ ही एंटी- ऑक्सीडेंट और विटामिन सी मौजूद होता है जो लिवर के स्वास्थ्य के लिए काफी जरुरी होता हैं।
पपीता: पपीता में पर्याप्त मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी- ऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं जो लिवर के लिए फायदेमंद होता है।
सेब: सेब में पेक्टिन तत्व मौजूद होता है जो आपके डाइजेस्टिव सिस्टम में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकाल कर लिवर को साफ़ रखता है और लिवर के सूजन को कम कर करने में मदद मिलती है।
तरबूज: तरबूज में पानी की मात्रा अधिक होने के कारण यह फैटी लिवर में लिवर की सूजन को कम करने में मददगार साबित होता है।
अखरोट: नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में अखरोट मददगार साबित हो सकता है। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट, पॉलीफेनॉल, विटामिन-ई और सेलेनियम मौजूद होते हैं।
बादाम: आमतौर पर मेवे और विशेष रूप से बादाम में विटामिन ई और अनसेचुरेटेड फैट से भरपूर होता है और उसके ये गुण लिवर के लिए फायदेमंद हैं।
मूंगफली: मूंगफली पर्याप्त मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट प्रदान करती है। इसे संतुलित मात्रा में लेने से फैटी लिवर से ठीक होने में मदद मिल सकती है।
कॉफी: लिवर में जमी चर्बी को कम करने में कॉफी मददगार होती है। शरीर को इससे ऊर्जा भी मिलती है। कम शक्कर वाली ब्लैक कॉफी पिएं।
मछली: चर्बी और सूजन के लेवल को कम करने के लिए अपने आहार में मछली शामिल करें।
अखरोट - ये विशेष रूप से ओमेगा -3 फैटी एसिड में उच्च होते हैं और फैटी लिवर रोग वाले लोगों के लिए लाभ प्रदान कर सकते हैं।
हल्दी: फैटी लिवर में हल्दी फायदेमंद होता है। इसमें एंटी - ऑक्सीडेंट होते हैं जो लिवर को स्वस्थ रखते हैं। हल्दी को आप वसा वाले दूध के साथ ले सकते हैं।
सूरजमुखी के बीज: शरीर में एंटी- ऑक्सीडेंट की पूर्ति करने के लिए सूरजमुखी के बीजों का सेवन करें। ये बीज विटामिन ई में उच्च होते हैं, जो लिवर को और नुकसान से बचाने में मदद करते हैं।