Ashwagandha Benefits And Side Effects: आधा चम्मच अश्वगंधा का चूर्ण आपको तनाव और डिप्रेशन से देगा राहत, नींद सुधरेगी, मसल्स बनेंगी और वजन भी होगा कम...
Ashwagandha Benefits And Side Effects: अश्वगंधा को जड़ी-बूटियों का राजा कहा जाता है। सर्दियों में अश्वगंधा का चूर्ण विशेषकर बहुत उपयोगी है। यह शरीर को गर्माहट देता है। इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के भीतर तनाव को दूर करने, मानसिक क्षमता बढ़ाने, नींद की कमी दूर करने से लेकर शुगर-बीपी कंट्रोल करने तक की क्षमता है। अब तो पश्चिमी देशों तक में इसे हाथों-हाथ लिया जा रहा है जहां इसे 'इंडियन विंटर चेरी' और 'इंडियन जिनसेंग' के नाम से जाना जाता है। अश्वगंधा के बारे में बहुत सी उपयोगी बातें इस लेख में जानिए...
लेख में आगे पढ़ें
- अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम
- अश्वगंधा की तासीर और सेवन की मात्रा
- अश्वगंधा के फायदे
- अश्वगंधा के नुकसान
- अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम
अश्वगंधा का का वानस्पतिक नाम विथेनिआ सॉम्नीफेरा (Withania somnifera ) है।
अश्वगंधा के पत्ते, चूर्ण, छाल सभी के औषधीय लाभ है। आयुर्वेद इसे मेधा यानी बुद्धि बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी मानता है। यह जंगल में भी पाई जाती है और इसकी खेती भी की जाती है। अश्वगंधा को यह खास नाम मिलने की वजह यह है कि इसकी पत्तियों को रगड़ने पर घोड़े की लीद के समान गंध आती है।
अश्वगंधा की तासीर और सेवन की मात्रा
अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। अश्वगंधा के चूर्ण की आधी चम्मच मात्रा का सेवन दूध या शहद के साथ प्रतिदिन किया जा सकता है। इससे अधिक मात्रा और विशेष बीमारी या परिस्थिति में इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श कर लेना चाहिए। गर्म तासीर के चलते गर्मियों में इसका और सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।
अश्वगंधा के फायदे
मेधा वर्धक है अश्वगंधा, तनाव करती है कम आयुर्वेद में अश्वगंधा को मेधा वर्धक बताया जाता है और इसे बच्चों के लिए बुद्धि और एकाग्रता बढ़ाने वाली औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके सेवन से याददाश्त तेज होती है। यही नहीं अश्वगंधा बड़ों को तनाव से राहत देने में बेहद उपयोगी है। यह तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन 'कोर्टिसोल' के लेवल को कम करता है जिसके कारण मस्तिष्क में ऑक्सीजन की ठीक तरह से पूर्ति होती है और उसके फंक्शन अच्छी तरह होते हैं। यह तनाव,डिप्रेशन, एंग्ज़ाइटी समेत मेंटल डिसऑर्डर से राहत दिलाता है।
शुगर लेवल कम करने में प्रभावी
अश्वगंधा में ऐसे कंपाउंड पाए जाते हैं जो एंटी डायबिटिक प्रभाव उत्पन्न करते हैं। इसमें हाइपोग्लाइसेमिक गुण (ब्लड शुगर कम करने वाले) होते हैं। यह शरीर में इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाने में मददगार है जिससे ग्लूकोज़ को खून के अंदर सोखने में मदद मिलती है और शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
प्रजनन क्षमता बढ़ाती है अश्वगंधा
अश्वगंधा में स्त्री-पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता बढ़ाने का गुण है। यह एक तरफ पुरुषों में हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन के लेवल को बढ़ाता है, जिससे स्पर्म क्वालिटी इंप्रूव होती है वहीं यह महिलाओं में भी हार्मोनल इंबैलेंस को ठीक कर प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। यही नहीं मीनोपाॅज के दौरान हॉट फ्लैशेज और डिप्रेशन जैसे लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है।
हार्ट हेल्थ सुधारे, हाई बीपी करे कम
अश्वगंधा को हार्ट हेल्थ के लिए भी कमाल का पाया गया है। यह कोलेस्ट्रोल घटाता है। जिससे दिल को होने वाले नुकसान की आशंका घटती है। साथ ही यह कार्डियो वेस्कुलर मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। यह तनाव घटाने की अपनी खास क्षमता के चलते तनाव के कारण बीपी बढ़ने की समस्या को भी कम करता है।
मसल्स बनाने में मददगार
जिम में हैवी वर्क आउट कर मसल्स बनाने के लिए प्रयासरत लोग भी अश्वगंधा का इस्तेमाल करते हैं और इसे काफी उपयोगी मानते हैं।
बेहतर नींद लाने में मददगार
अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे लोग भी अश्वगंधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। रात को सोने से पहले दूध के साथ आधा चम्मच अश्वगंधा लेने से बेहतर नींद लाने में मदद मिलेगी। यह तनाव को कम करता है और तंत्रिका तंत्र को शांत करता है जिससे चैन की नींद सोना आसान हो जाता है। यह नींद के पैटर्न को भी सुधारता है।
फैट बर्नर है अश्वगंधा
अश्वगंधा फैट बर्न करने के लिए भी बेहद उपयोगी है। यह मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है। जिससे अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। यह फैट को जमने से भी रोकता है। साथ ही यह शरीर में सूजन को कम करके भी मोटापा कम करने में मदद करता है।
अश्वगंधा के नुकसान
1. प्रेग्नेंसी में अश्वगंधा के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए। साथ ही स्तनपान कराने वाली माताओं को भी इसका सेवन डाॅक्टर के परामर्श के बाद ही करना चाहिए।
2. इसकी अधिक मात्रा लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है।
3. सर्जरी होने वाली हो या हुई हो, तो उस दौरान भी डाॅक्टर से सलाह ले कर ही इसका सेवन करें।
4. यह कुछ लोगों के लिए एलर्जी का कारण हो सकती है। अगर अश्वगंधा खाने के बाद पेट में दर्द, ऐंठन, गैस आदि का अनुभव हो तो सेवन बंद कर आयुर्वेद चिकित्सक को अवगत कराएं।
5. ऑटोइम्यून डिसीज़ को फेस कर रहे हों तो अश्वगंधा न लें।
6. थायरॉइड रोगियों को भी इसका सेवन डाॅक्टर के परामर्श पर करना चाहिए।