Passport ke colour ka kya matlab hai: भारत में अलग अलग रंग के पासपोर्ट क्यों बनाए जाते है? जानिए पासपोर्ट के इन रंगों का क्या है मतलब
Passport ke colour ka kya matlab hai: जब भी लोगों को विदेश यात्रा करनी होती है उससे पहले सभी जरूरी दस्तावेजों को तैयार करना बहुत जरुरी होता है। जिसमें सबसे जरूरी दस्तावेज है पासपोर्ट; जिसके बिना आप अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं कर सकते। एयरपोर्ट पर यदि आपने गौर किया हो तो दिखेगा कि लोगों के हाथों में अलग अलग कलर के पासपोर्ट है। क्या आपने कभी सोचा कि यह ऐसा क्यों है? तो आइए हम आपको बताते है।

Passport ke colour ka kya matlab hai: जब भी लोगों को विदेश यात्रा करनी होती है उससे पहले सभी जरूरी दस्तावेजों को तैयार करना बहुत जरुरी होता है। जिसमें सबसे जरूरी दस्तावेज है पासपोर्ट; जिसके बिना आप अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं कर सकते। एयरपोर्ट पर यदि आपने गौर किया हो तो दिखेगा कि लोगों के हाथों में अलग अलग कलर के पासपोर्ट है। क्या आपने कभी सोचा कि यह ऐसा क्यों है? तो आइए हम आपको बताते है।
पासपोर्ट के अलग-अलग रंगों का महत्व
भारत में पासपोर्ट चार अलग रंगों में जारी किए जाते हैं और हर रंग एक खास मकसद और स्थिति को प्रदर्शित करता है। हम सबके पास नीले रंग का पासपोर्ट होता है, लेकिन कुछ लोगों के पास सफेद, मरून या ऑरेंज रंग का पासपोर्ट भी देखने को मिलता है। विदेश मंत्रालय द्वारा संचालित यह सिस्टम पासपोर्ट अधिनियम 1967 के तहत काम करता है।
इन अलग-अलग रंगों की मदद से इमिग्रेशन अधिकारी समझ जाते हैं कि सामने वाला व्यक्ति किस उद्देश्य से विदेश जा रहा है। पासपोर्ट के रंग से उस व्यक्ति के बारे में भी जानकारी पता चल जाती है कि वह आम नागरिक है, सरकारी अधिकारी है या फिर किसी देश का राजनायिक प्रतिनिधि है। आइए जानते है हर रंग के पासपोर्ट का क्या मतलब है।
नीले रंग का पासपोर्ट (Blue Color Passport)
भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित पासपोर्ट नीले रंग का है। यह साधारण पासपोर्ट कहलाता है और देश के करोड़ों नागरिक इसी पासपोर्ट के साथ विदेश यात्रा करते हैं। इस पासपोर्ट की खासियत यह है कि अब यह इलेक्ट्रॉनिक चिप के साथ आता है। जिसमें आपकी बायोमैट्रिक जानकारी स्टोर रहती है। नीला पासपोर्ट दो वेरिएंट में मिलता है, एक में 36 पन्ने होते हैं और दूसरे में 60 पन्ने। यह पासपोर्ट दस साल के लिए वैलिड होता है।
सफेद पासपोर्ट (White color Passport)
सफेद रंग का पासपोर्ट आधिकारिक पासपोर्ट कहलाता है और यह किसी भी आम नागरिक को नहीं मिलता। इसे खास तौर पर सरकारी कर्मचारियों, प्रशासनिक अधिकारियों और सेना के उन अफसरों को जारी किया जाता है जो किसी आधिकारिक कार्य के लिए विदेश जाते हैं। यह पासपोर्ट इस बात का प्रतीक है कि यह व्यक्ति भारत सरकार के किसी जरूरी कार्य के लिए विदेश दौरा कर रहा है। सफेद पासपोर्ट का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी काम के लिए किया जा सकता है।
मरून पासपोर्ट (Maroon color Passport)
गहरे लाल या मरून रंग का पासपोर्ट भारत का सबसे विशिष्ट और प्रतिष्ठित पासपोर्ट माना जाता है। इसे डिप्लोमेटिक पासपोर्ट भी कहते है। यह पासपोर्ट उच्चतम स्तर के सरकारी अधिकारियों, राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों को दिया जाता है। इस श्रेणी में भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, संसद सदस्य, राजदूत और आईएएस, आईपीएस जैसे वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हैं। एक अनोखी बात यह है कि एक बार कोई व्यक्ति राष्ट्रपति या किसी बहुत बड़े पद पर रह चुका हो तो उसे जीवनभर के लिए डिप्लोमेटिक पासपोर्ट दिया जा सकता है।
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ऑरेंज पासपोर्ट (Orange color Passport)
नारंगी या ऑरेंज रंग का पासपोर्ट उन भारतीय नागरिकों के लिए है जिन्हें ईमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड यानी ECR की कैटेगरी में रखा गया है। यह मुख्य रूप से उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने शैक्षणिक योग्यता एक स्तर तक पूरी न की हो या कुछ विशेष देशों में मजदूरी करने जा रहे हो। अक्सर खाड़ी देशों में काम के लिए जाने वाले श्रमिकों को यह पासपोर्ट मिलता है। ऑरेंज पासपोर्ट धारकों को विदेश यात्रा से पहले अतिरिक्त जांच-पड़ताल से गुजरना पड़ता है। यह व्यवस्था उनकी सुरक्षा और भलाई के लिए बनाई गई है, जिससे विदेशों में जाकर उनके साथ कोई धोखा–धड़ी न हो।
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