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PM Narendra Modi Visit in Chhattisgarh: पढि़ए...मोदी का वह छत्‍तीसगढ़ दौरा...जिसमें प्रधानमंत्री से ज्‍यादा कलेक्‍टर का काला चश्मा ने बटोरी सुर्खियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात जुलाई को छत्‍तीसगढ़ आ रहे हैं। करीब चार वर्षों के बाद उनका छत्‍तीसगढ़ दौरा बना है। पिछली बार मोदी लोकसभा चुनाव के दौरान 2019 में छत्‍तीसगढ़ आए थे। यहां हम मोदी के छत्‍तीसगढ़ दौरे से जुड़ी एक रोचक जानकारी आपके साथ साझा कर रहे हैं।

PM Narendra Modi Visit in Chhattisgarh: पढि़ए...मोदी का वह छत्‍तीसगढ़ दौरा...जिसमें प्रधानमंत्री से ज्‍यादा कलेक्‍टर का काला चश्मा ने बटोरी सुर्खियां
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By Sanjeet Kumar

रायपुर। देश से लेकर विदेश तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां भी जाते हैं बस, मोदी...मोदी… की गूंज सुनाई देती है। देश ही नहीं दुनिया की कोई भी बड़ी से बड़ी बैठक हो या किसी बड़े से बड़े नेता के साथ मोदी की मीटिंग, स्‍पॉट लाइट बस मोदी पर ही रहती है। इसका ताजा उदाहरण मोदी की अमे‍रिका यात्रा है। इस पूरी यात्रा के दौरान मोदी ही छाए रहे। यानी समय, काल परिस्थिति और स्‍थान कोई भी मोदी जहां पहुंच जाते हैं बस पूरा माहौल मोदीमय हो जाता है।

अब कोई यह सवाल करे कि क्‍या ऐसा हो सकता है कि प्रधानमंत्री के रुप में मोदी की इस लोकप्रियता पर कोई दूसरा भारी पड़ जाए, तो अधिकांश लोगों का उत्‍तर न में आएगा। लेकिन हम आप को पीएम मोदी के छत्‍तीसगढ़ के एक ऐसे दौरा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें एक कलेक्‍टर और उनके काला चश्‍मा ने देश और दुनिया में इतनी सुर्खियां बटोरी की उसके आगे पीएम मोदी का चीन दौरा भी फीका पड़ गया। (PM Narendra Modi Visit in Chhattisgarh)

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अब आप सोचेंगे यह किसी बड़े जिला का कोई दबंग कलेक्‍टर होगा, तो आपका यह सोचना पूरी तरह गलत है। कलेक्‍टर कुछ मामलों में दबंग तो थे, लेकिन किसी बड़े जिला के नहीं बल्कि बस्‍तर जैसे जिला के कलेक्‍टर थे। उनका नाम है अमित कटारिया। कटारिया छत्‍तीसगढ़ कैडर के 2004 बैच के आईएएस हैं और इस वक्‍त केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं।



ऐसे किया था कटारिया ने प्रधानमंत्री मोदी का जगदलपुर एयरपोर्ट पर स्‍वागत (PM Narendra Modi Visit in Chhattisgarh)


जानिए काला चश्‍मा की पूरी कहानी, जिसके आगे फीकी पड़ी मोदी की यात्रा

बता मई 2015 की है। मार्च 2015 में सरकार ने कटारिया को बस्‍तर कलेक्‍टर बनाया था। एक महीने बाद नौ मई 2015 को प्रधानमंत्री मोदी का वहां का दौरा तय हो गया। प्रधानमंत्री के रुप में मोदी की यह पहली बस्‍तर संभाग की यात्रा थी। मोदी को वहां दंतेवाड़ा जिला में विभिन्‍न कार्यक्रमों में शामिल होना था, चूंकि बस्‍तर में एक मात्र एयरपोर्ट जगदलपुर में ही है, इस वजह से मोदी का विमान सीधे जगदलपुर में लैंड किया। जगदलपुर, बस्‍तर का जिला मुख्‍यालय है। ऐसे में प्रोटोकॉल के तहत कलेक्‍टर कटारिया पीएम की अगवानी करने एयरपोर्ट पहुंच गए।

काला चश्‍मा और डार्क शर्ट में की पीएम की अगवानी

फुल बांह की नीले रंग की शर्ट और आंखों पर काला चश्‍मा लगाए कलेक्‍टर कटारिया पीएम मोदी का स्‍वागत करने जगदलपुर एयरपोर्ट पहुंच गए। पीएम के साथ पहुंचे तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मोदी को कटारिया का परिचय बताया। वहां तत्‍कालीन डीजीपी एनएन उपाध्‍याय फुल वर्दी में मौजूद थे। मोदी कलेक्‍टर कटारिया से हाथ मिलाए और हेलिकॉप्‍टर से दंतेवाड़ा रवाना हो गए।

पीएम को विदा करने भी उसी लुक में पहुंचे

प्रधानमंत्री मोदी जब दंतेवाड़ा से दिल्‍ली जाने के लिए जगदलपुर एयरपोर्ट लौटे तो कलेक्‍टर कटारिया उन्‍हें विदा करने के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद थे। इस बार कटारिया ने सफेद लाइनलिंग वाली शर्ट पहली थी और आंखों पर वहीं काला चश्‍मा था। इस बार भी पीएम ने उनसे हाथ मिलाया और चले गए। (PM Narendra Modi Visit in Chhattisgarh)

यहां पढि़ए...पीएम मोदी की अब तक छत्‍तीसगढ़ यात्रा से जुड़ी कुछ और खबरें...

यहां से शुरू हुआ विवाद और बन गई सुर्खियां

मोदी के विमान के जगदपुर से टेकऑफ करने से पहले ही कलेक्‍टर के लुक की चर्चा शुरू हो गई थी। मामला राजधानी में बैठे आला अफसरों तक पहुंची। पीएम के सामने कलेक्‍टर के पहनावे को लेकर बहस शुरू हो गई। आला अफसरों ने कहा कि कलेक्‍टर ने पीएम पीएम के प्रोटोकॉल का ध्‍यान नहीं रखा। इसके साथ ही इस मामले इतना तुल पकड़ लिया कि देशभर की मीडिया में मोदी के दौरे से ज्‍यादा कलेक्‍टर के लुक पर चर्चा होने लगी। यह चर्चा कई दिनों तक चलती रही। यहां से लौटने के बाद मोदी चीन के दौरे पर चले गए, लेकिन मीडिया में कलेक्‍टर और उनका चश्‍मा ही छाया रहा।



जानिए कटारिया पर क्‍या हुई कार्यवाही

कलेक्‍टर का लुक और देशभर की मीडिया में उसकी चर्चा मंत्रालय के कुछ आला अफसरों के साथ ही सत्‍तारुढ भाजपा के कई नेताओं को भी पसंद नहीं आया। इसके बाद सामान्‍य प्रशासन विभाग ने उचित ड्रेस कोड का पालन नहीं करने के आरोप में नोटिस जारी कर दिया। ऐसा ही नोटिस दंतेवाड़ा के तत्‍कालीन कलेक्‍टर केसी देवसेनापति को भी जारी किया गया। इस नोटिस में अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों का हवाला देते हुए आगाह किया गया कि भविष्‍य में ऐसी गलती न करें।

अपने लुक को लेकर कटारिया का यह था पक्ष

लुक को लेकर हुए विवाद पर उस समय कटारिया ने सार्वजनिक रुप से कहीं कोई बात नहीं की। बाद में कटारिया ने इस संबंध में अपना पक्ष रखा, जिसमें उन्‍होंने बताया था कि मई के महीने में बस्‍तर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहता है। इतनी गर्मी में वे पीएम की रैली के तैयारी में व्‍यस्‍त रहे और इसी वजह से साधारण कपड़ों में ही उनका स्‍वागत करने पहुंच गए।

जानिए क्‍या कहता है सिविल सेवा का नियम

अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के अनुसार अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के लिए विशेष अवसरों के लिए ड्रेस कोडकोड तय है। ट्रेनिंग के अतिरिक्‍त स्‍वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री व राज्‍यपाल के आगमन सहित ऐसे मौकों पर उन्‍हें कैसे कपड़े और ड्रेस पहनना है, यह तय है।

केवल एक रुपये लेते थे वेतन

2004 बैच के आईएएस कटारिया अपने वेतन को लेकर भी काफी चर्चा में रहते थे। बताया जाता है कि कटारिया लंबे समय तक केवल एक रुपये वेतन में काम करते थे। उनकी गिनती प्रदेश के सबसे धनवान आईएएस में होती है। कटारिया गुडगांव के रहने वाले हैं। उनकी पत्‍नी पायलट हैं और परिवार रियल स्टेट के कारोबार से जुड़ा है। गुडगांव में उनका शापिंग माल और कई कांप्लेक्स भी हैं।

जानिए... आईएएस कटारिया के कुछ चर्चित किस्‍से

रायगढ़ कलेक्‍टर रहते कटारिया ने वहां के भाजपा विधायक को बैठक से बहार कर दिया था। घटना 2011 की है। बताया जाता है कि रायगढ़ में सड़क चौड़ीकरण को लेकर एक बैठक हो रही थी। चौड़ीकरण के लिए कुछ अतिक्रमण हटाया जाना था। इस बैठक में तत्‍कालीन भाजपा विधायक रोशन लाल अग्रवाल भी मौजूद थे। अग्रवाल ने अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रहे थे।

महापौर के साथ भी अच्‍छे नहीं रहे संबंध

रायपुर के मौजूदा सासंद सुनील सोनी के साथ भी कटारिया का विवाद हो चुका है। यह मामला 2009 का है। तब सोनी रायपुर के महापौर और कटारिया निगम कमिश्‍नर थे। एक बैठक के दौरान दोनों के बीच अच्‍छी बहस हो गई थी।

बीटेक की डिग्री, बड़ा पैकेज छोड़ आए सिविल सेवा में

कटारिया आईआईटी दिल्‍ली से इलेक्‍ट्रानिक्‍स में बीटेक किया है। पढ़ाई के दौरान ही उनके पास देश- विदेश से नौकरी के कई प्रस्‍ताव आए। लेकिन आईएएस बनने की चाहत में उन्‍होंने उन कपंनियों का पैकेज ठुकरा दिया।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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