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Online Rummy: देश के बच्चों और युवाओं को कैसे अपने मायाजाल में फंसा बर्बाद कर रहीं हैं रम्मी कंपनियां, पढ़िए NPG की खास रिपोर्ट

Online Rummy: देश के बच्चों और युवाओं को कैसे अपने मायाजाल में फंसा बर्बाद कर रहीं हैं रम्मी कंपनियां, पढ़िए NPG की खास रिपोर्ट
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By NPG News

NPG DESK I ऑनलाइन के फेर में तबाह होती जिंदगियां शायद अब बचाई जा सकें क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इन गेमिंग कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया है। अब इस मामले में शीर्ष कोर्ट सुनवाई करेगी। ऑनलाइन रम्मी के खेल में पूरी तरह कंगाल होने के बाद आत्महत्या की खबरें देश के कोने-कोने से जब-तब आती रहती हैं। फिर भी बड़े बड़े-बड़े सितारों द्वारा इन गेमिंग साइट्स का विज्ञापन किया जाना बदस्तूर जारी है और साथ ही जारी है भोले-भाले बच्चों और थोड़ा और पैसा कमा लेने के लोभ में बर्बाद होते लोगों की आत्महत्याओं का सिलसिला। कैसा है ये दुष्चक्र, कैसे फंसते जाते हैं लोग, आइए जान लेते हैं..

कैसे शुरू होता है रम्मी का मायाजाल

ऑनलाइन गेमिंग साइट्स पर बच्चे सहित किसी के लिए भी इस तरह का खेल खेलने के लिए अकाउंट खोलना आसान है। अकाउंट खोल रमी और पोकर खेलने वालों को बड़ी पुरस्कार राशि और अन्य आकर्षक पुरस्कारों के प्रस्तावों के माध्यम से लुभाया जाता है। इस तरह की साइटों के काम करने का तरीका यह है कि पहले लोगों को इस तरह के खेलों का आदी बनाने के लिए मुफ्त की पेशकश की जाए और उसके बाद उन्हें और अधिक खेलने और अधिक पैसा खर्च करने के लिए उकसाया जाए। शुरू-शुरू में जब लगाई हुई रकम बढ़ कर हाथ में आती है तो आदमी का लोभ जाग जाता है।फिर वह और पैसा लगाता है। हार हाथ लगने और पास का पैसा खत्म होने की स्थिति में वह रिश्तेदारों से उधार लेता है। उस पैसे को भी गंवा बैठने के बाद कई लोग हताशा में आत्महत्या कर लेते हैं।

वहीं कुछ लोग नए "ऑनलाइन लोन ऐप्स" की गिरफ्त में भी आ जाते हैं जो बेहद आसान तरीके से घर बैठे छोटी-बड़ी रकम लोन पर देने का आश्वासन देते हैं और बताते हैं कि किस तरह छोटी किश्त में लोन चुकाया जा सकता है। एक बार इन ऐप्स से लोन ले लेने के बाद ये रकम वापसी के लिए इस हद तक परेशान कर देते हैं कि तंग हो चुका इंसान कई बार आत्महत्या का रास्ता चुन लेता है।

भारत में शीर्ष 5 ऑनलाइन रम्मी गेम

1. रमी सर्कल - रमी सर्किल एक कार्ड आधारित वास्तविक पैसे का खेल है। यह भारत में रियल-मनी गेम्स की पहली लहर का हिस्सा है। यह मोबाइल और लैपटॉप इंटरफेस पर गेमप्ले प्रदान करता है। यह 24*7 प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में है।

2.जंगली रमी- जंगली रमी कार्ड गेम के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। इसमें खिलाड़ियों के लिए रीयल-टाइम पैसा कमाने के लिए विभिन्न टूर्नामेंट, पूल गेम आदि है।

3. Ace2Three- Ace2Three एक ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेमिंग पोर्टल है जो एक रमी कार्ड गेम प्रदान करता है। यह टूर्नामेंट, पोल गेम आदि के लिए दो-खिलाड़ी और छह-खिलाड़ी विकल्प प्रदान करता है। यह भारत में शीर्ष 10 ऑनलाइन खेलों में #2 पर है।

4. Adda52 रमी- Adda52 रम्मी भारत में एक और लोकप्रिय रमी गेम है। 13 कार्ड भारतीय रमी टूर्नामेंट, 21 कार्ड रमी और 13 कार्ड रमी हैं।

5. ताज रमी-ताज रम्मी एक अन्य लोकप्रिय रमी गेम विकल्प है। यह लैपटॉप और स्मार्टफोन दोनों इंटरफेस के लिए उपलब्ध है।

बड़े-बड़े सितारे करते हैं प्रमोशन

ऋतिक रोशन और विराट कोहली से लेकर राणा दग्गूबाती, प्रकाश राज, तमन्ना भाटिया आदि सितारे ऑनलाइन रमी के ब्रांड एम्बेसेडर बनाए जा चुके हैं। कंपनियां बड़े सितारों को विज्ञापन से जोड़ने के लिए कई सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही हैं।

फैल रहा है जाल

ऑनलाइन कार्ड गेम्स साल दर साल 50-100 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं।KPMG के मुताबिक साल 2023 तक भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री 11,880 करोड़ रुपये की हो सकती है।Adda52 (एक पापुलर पोकर प्लेटफॉर्म) के को-फाउंडर मोहित अग्रवाल का कहना है कि बड़े टीवी चैनल्स और दूसरे प्लेटफॉर्म पोकर के विज्ञापन करने से मना करते हैं लेकिन, फिर भी चीजें बेहतर हुई हैं, पहले अगर 10 चैनल्स विज्ञापन के लिए तैयार होते थे तो अब 50 तैयार हो जाते हैं। मोहित अग्रवाल के मुताबिक देश में करीब एक लाख पोकर खिलाड़ी अपने असली पैसे से पोकर खेलते हैं, जिसमें 25-40 साल के ज्यादा यूजर है।

भटक रहे युवा, घर तबाह हो रहे

इन गेमिंग कंपनियों के मालिक जहां खुद के लिए स्थितियों को बेहतर होता मान खुश हो रहे हैं वहीं इनके जाल में फंसकर युवा भटक रहे हैं, ज़िन्दगियां तबाह हो रही हैं। कुछ केसों पर नजर डालते हैं -

केस -1

चेन्नई के पूर्वी तांबरम में भारतीदासन स्ट्रीट के निवासी 31 वर्षीय एस मुरुगन ड्राइवर थे। मुरुगन की मां ने उन्हें अपने फोन से चिपके हुए और ऑनलाइन कार्ड गेम में निवेश करते हुए देखा। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कथित तौर पर ऑनलाइन गेम में निवेश करने के लिए अपने दोस्तों से भारी मात्रा में उधार लिया था। जिसे वे चुका नहीं पाए। पूरी तरह बर्बाद होने पर उन्होंनें आत्महत्या कर ली।

केस -2

कोयम्बत्तूर सशस्त्र नगर बल से जुड़े एक पुलिसकर्मी कलिमुत्तु (29) ने ऑनलाइन बैटिंग गेम में पैसे गंवाने के बाद आत्महत्या कर ली। कलिमुत्तु ने रिश्तेदारों और दोस्तों सहित अपने परिचितों से 20 लाख रुपए से अधिक उधार लिए थे और ऑनलाइन रमी गेम खेल रहा था, जिसमें उसे भारी नुकसान हुआ। पुलिसकर्मी ने अपने उधारदाताओं को जितनी जल्दी हो सके भुगतान करने का वादा किया था, लेकिन निर्धारित समय पर उधार नहीं चुका पाया। इससे वह तनाव में आ गया और आत्महत्या कर ली।

केस - 3

चेन्नई में 29 साल की एक शादीशुदा महिला ने ऑनलाइन रमी में साढ़े सात लाख रुपये का सोना और 3 लाख रुपये का दांव खेला।जिसमें उसे हार का सामना करना पड़ा।हार के गम को बर्दाश्त ना कर पाने की वजह से महिला ने सुसाइड कर लिया।

कैसे पहुँचा केस सुप्रीम कोर्ट तक

तमिलनाडु सरकार ने इन आनलाइन गेम्स की लत और उससे होने वाले आर्थिक नुकसान के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई आत्महत्याओं की शिकायतों के बाद इस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया।

लेकिन मद्रास हाई कोर्ट ने 3 अगस्त 2021 को तमिलनाडु सरकार की ओर से आनलाइन गेम रमी और पोकर आदि पर रोक लगाने वाले कानून तमिलनाडु गेमिंग एंड पुलिस ला (संशोधन) कानून 2021 के प्रावधानों को अतार्किक और मनमाना बताते हुए इन्हें असंवैधानिक घोषित कर रद कर दिया था। हाई कोर्ट ने जंगली गेम्स इंडिया लिमिटेड और अन्य की याचिका पर यह फैसला सुनाया था। गेमिंग कंपनियों ने हाई कोर्ट में अन्य चीजों के अलावा संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) (रोजगार की आजादी) के उल्लंघन का भी मुद्दा उठाया था।

हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ तमिलनाडु सरकार ही इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले कर गई।

तमिलनाडु सरकार ने उठाया सवाल

याचिका में तमिलनाडु सरकार ने सवाल उठाया है कि क्या आनलाइन गेम जो हमेशा हेरफेर के अधीन है, में गेम आफ स्किल और गेम आफ चांस का अंतर लागू होगा? साथ ही साइबर स्पेस में मोबाइल एप्लीकेशन या कंप्यूटर एल्गोरिदम का प्रयोग करके खेले जाने वाले आनलाइन रमी, पोकर या अन्य खेल जिसमें शारीरिक मौजूदगी नहीं है, उन्हें गेम्स आफ स्किल कहा जाएगा या गेम्स आफ चांस कहा जाएगा?

हाईकोर्ट के आदेश का विरोध

राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए कहा था कि गेम आफ स्किल आनलाइन में नहीं होता है। हाई कोर्ट इस तरह जनरल आर्डर कैसे पास कर सकता है।

याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करे विचार

राज्य सरकार ने कहा है कि इस विशेष अनुमति याचिका में कई कानूनी प्रश्न शामिल हैं जिन पर सुप्रीम कोर्ट को विचार करना चाहिए। कोर्ट विचार करे कि क्या राज्य सरकार को गैंबलिंग से भिन्न बेटिंग को एक अलग विषय के तौर पर सातवीं अनुसूची की दूसरी सूची की 34वीं प्रविष्टि के तहत कानून बनाने का अधिकार है? क्या गेम आफ स्किल जो पैसे और कीमती चीजों के लिए खेला जाता है और जिसमें गैंबलिंग की गतिविधि शामिल हैं, उसे संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) के संरक्षण के दायरे से बाहर नहीं माना जाएगा? क्या राज्य सरकार द्वारा ऐसे खेलों पर लगाए गए नियंत्रण को लोक व्यवस्था के हित में और तार्किक नहीं माना जाएगा?

अनुच्छेद 14 के अनुकूल है कानून

प्रदेश सरकार ने कहा है कि कानून न तो अतार्किक है और न ही मनमाना। कानून अनुच्छेद 14 के अनुकूल है। तमिलनाडु का कहना है कि कारपोरेट कंपनी (याचिका में प्रतिवादी) कानून को संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) के उल्लंघन को आधार बनाकर चुनौती नहीं दे सकतीं क्योंकि यह अधिकार सिर्फ व्यक्ति के तौर पर भारतीय नागरिक को प्राप्त है न कि कारपोरेट बाडी को।

पीठ ने सुनी दलीलें

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति विक्रमनाथ की पीठ ने तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और राज्य के एडीशनल एडवोकेट जनरल अमित आनंद तिवारी की दलीलें सुनी और इन कंपनियों के नाम नोटिस जारी किया है।

पैसे का लालच पैदा कर ज़िदगियों की लील रहा कोई भी खेल स्वस्थ मनोरंजन नहीं कहला सकता। युवाओं को गुमराह कर ये खेल उनमें अनेक शारीरिक-मानसिक समस्याएं पैदा कर रहे हैं।अवसाद की गिरफ्त में आकर वे आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के दखल से ऐसे अनेक परिवारों में उम्मीद जागी है जो तमाम प्रयासों के बाद भी अपने घर के ऐसे किसी सदस्य में रमी की दीवानगी खत्म नहीं कर पा रहे हैं।

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