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Online Land Registry: नई सरकार का बड़ा फैसलाः छत्तीसगढ़ में केंद्र के NGDRS से होगी अब रजिस्ट्री, झारखंड की कंपनी की विदाई, NPG ने खेल का किया था खुलासा

Online Land Registry: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बड़ा फैसला लेते हुए दो टूक आदेश दिया कि भारत सरकार के एनजीडीआरएस सिस्टम से जमीन और संपत्ति की रजिस्ट्री की जाए। इससे पहले बीओटी के तहत पांच साल पूरा हो जाने के बाद पंजीयन अधिकारी कंपनी को नियमों के खिलाफ जाकर एक्सटेंशन देते रहे। एनपीजी न्यूज ने इस खेल का पर्दाफाश किया था। एनपीजी की खबर पर संज्ञान लेते हुए चीफ सिकरेट्री ने हाईपावर कमेटी की बैठक बुलाई। कमेटी ने तय किया कि नई सरकार एक्सटेंशन देने पर फैसला करेगी।

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By Sanjeet Kumar

Online Land Registry: रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए रजिस्ट्री में भारत सरकार का एनजीडीआरएस लागू कर दिया है। छत्तीसगढ़ में 2016 से झारखंड की आईटी सौल्यूशन कंपनी रजिस्ट्री कर रही थी। कंपनी के साथ जो करार हुआ, उसमें भी अफसरों ने बड़ा खेला किया। पर पेज के 60 रुपए के हिसाब से रजिस्ट्री शुल्क तय किया था, मगर उसमें यह उल्लेख नहीं था कि पेज किसे माना जाएगा। लिहाजा, कंपनी स्टांप पेपर को भी पेज मान पैसा वसूल रही थी। बहरहाल, पंजीयन विभाग के खटराल अधिकारियों ने बीओटी का समय 2021 में समाप्त हो जाने के बाद भी कंपनी को एक्सटेंशन देकर अपराधिक कृत्य किया। तत्कालीन पंजीयन सचिव निरंजन दास ने एकमुश्त डेढ़ साल का एक्सटेंशन देकर कंपनी को 60 करोड़ से अधिक का फायदा पहुंचाया।

एनपीजी की खबर पर संज्ञान लेते हुए चीफ सिकरेट्री अमिताभ जैन ने अफसरों की मीटिंग बुलाई। उनकी पहल पर हाईपावर कमेटी की बैठक हुई। उसमें तय किया गया कि कंपनी झारखंड की आईटी सौल्यूशन कंपनी को 15 दिन का समय दिया जाए। तब तक नई सरकार का गठन हो जाएगा। नई सरकार इस पर फैसला करेगी। 19 दिसंबर को 15 दिन पूरा हो रहा था। सो अफसर मुख्यमंत्री के पास गए। मुख्यमंत्री को वस्तुस्थिति के बारे में बताया गया। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि प्रायवेट कंपनी का ठेका समाप्त कर केंद्र का एनजीडीआरएस लागू किया जाए।

सरकार से निर्देश मिलते ही पंजीयन विभाग ने एनजीडीआरएस लागू करने का आदेश जारी कर दिया। आदेश में लिखा है कि कंपनी को 18 मार्च तक एक्सटेंशन दिया जा रहा है ताकि इस बीच एनजीडीआरएस का काम पूरा कर लिया जाए। पंजीयन विभाग ने महानिरीक्षक की अध्यक्षता में कमेट का गठन किया है, जो एक्सटेंशन अवधि में रजिस्ट्री का शुल्क तय करेगी। हालांकि, इश्यू यह भी है कि जब बीओटी का समय दो साल पहले कंप्लीट हो चुका है और बीओटी रेट पर ही कंपनी दो साल तक जनता को लुटती रही, तो फिर अब शुल्क क्यों? क्या अफसरों को बीओटी के बाद उसी रेट में वसूली का हिसाब नहीं मांगना चाहिए। क्योंकि, बीओटी के पांच साल के बाद पूरा सिस्टम सरकार का हो गया। फिर कंपनी उसका उपयोग कैसे करती रही?


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रायपुर। बीजेपी सरकार ने 2016 में झारखंड की आईटी कंपनी आईटी सौल्यूशन को छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्री कार्य संचालित करने का ठेका बीओटी के तहत दिया था। शर्त थी कि कंपनी पांच साल 60 रुपए प्रति पेज की दर से शुल्क लेगी और पांच साल पूरा होने के बाद बीओटी के नियमानुसार सिस्टम पंजीयन विभाग को हैंड ओवर कर वापस लौट जाएगी। मगर 2021 में पीरियड पूरा होने के बाद कंपनी ने सरकार में बैठे अफसरों से मिलकर चुपके से बीओटी को एक्सटेंशन करा लिया। इस खबर को विस्‍तार से पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें

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रायपुर। बीजेपी सरकार ने 2016 में बीओटी के आधार पर झारखंड की आईटी सौल्यूशन कंपनी को पांच साल के लिए रजिस्ट्री आफिस का ठेका दिया था। कायदे से पांच साल पूरा होने के बाद कंपनी को पूरा सिस्टम पंजीयन विभाग को हैंड ओवर कर देना था। मगर हैंड ओवर तो किया नहीं, उल्टे कंपनी उसी दर से छत्तीसगढ़ के लोगों से रजिस्ट्री शुल्क लूटे पड़ी है। जबकि, मोदी सरकार ने एक राष्ट्र, एक रजिस्ट्री की महत्वाकांक्षी योजना एनजीडीएस की घोषणा किया था। तीन जिलों के रजिस्ट्री ऑफिस में सफलता पूर्वक तीन सालों से यह योजना चल रही है। लेकिन इस योजना को आगे बढ़ाने में अधिकारियों ने कोई रुचि नहीं ली। क्योंकि सभी जिलों में इस योजना को लागू कर दिया गया तो कंपनी को बोरिया बस्ता बांधना पड़ जाएगा। इस खबर को विस्‍तार से पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें

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रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में बीओटी के आधार पर जमीन की रजिस्‍ट्री का ठेका चला रही झारखंड की कंपनी का ठेका एक्‍सटेन करने के मामले में राज्‍य के अफसरों ने अपना पल्‍ला झाड़ लिया है। अफसरों ने एक्‍टेशन का फैसला नई सरकार पर छोड़ दिया है। कंपनी का ठेका (एक्‍टेशन) 6 दिसंबर को खत्‍म हो रहा था, वाणिज्‍यकर विभाग (पंजीयन) ने एक्सटेंशन देने की बजाय आदेश जारी कर 20 दिसंबर 2023 तक का एक्‍टेशन का आदेश जारी किया है। साथ ही यह भी लिखा है कि शासन का निर्णय, जो भी पहले हो। यानी नई सरकार इस पर फैसला करेगी। बता दें कि तत्‍कालीन बीजेपी सरकार ने 2016 में बीओटी के आधार पर झारखंड की आईटी सौल्यूशन कंपनी को पांच साल के लिए रजिस्ट्री आफिस का ठेका दिया था। इस खबर को विस्‍तार से पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें


Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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