Begin typing your search above and press return to search.

नई ट्रेन की AC फर्स्ट में एक, सेकंड में 19 और स्लीपर में 367 यात्री, रेगुलर एसी ट्रेन शुरू होने पर कहा जाएंगे स्लीपर के बेचारे यात्री...?

नई ट्रेन की AC फर्स्ट में एक, सेकंड में 19 और स्लीपर में 367 यात्री, रेगुलर एसी ट्रेन शुरू होने पर कहा जाएंगे स्लीपर के बेचारे यात्री...?
X
By NPG News

अंबिकापुर । आज रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने अंबिकापुर- दिल्ली एक्सप्रेस का वर्चुअल माध्यम से उदघाटन किया। अंबिकापुर स्टेशन में केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह भी उपस्थित रहीं। आज उदघाटन के लिए संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के रैक को हायर कर अंबिकापुर- दिल्ली एक्सप्रेस के रूप में चलाया गया जिसमें 471 यात्री सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना हुए। Exclusive News: ये किराया है या रेलवे की उगाही, अंबिकापुर से 30 किमी दूर सूरजपुर का एसी थर्ड का किराया 1100, स्पेशल AC ट्रेन सरगुजा के आम आदमी के लिए शुरू की गई है या अदानी के अफसरों और अमीरों के लिए?

रेलवे ने सरगुजा वासियों की सुविधा के लिए अंबिकापुर-दिल्ली एक्सप्रेस शुरू की है। आज 14 जुलाई को उदघाटन के बाद 19 जुलाई से यह ट्रेन नियमित तौर पर शुरू हो जाएगी। यह ट्रेन कम्प्लीट एसी ट्रेन होगी। मतलब इसमें एसी फर्स्ट,एसी सेकेंड के अलावा बाकी डब्बे एसी थर्ड की होंगी। स्लीपर व जनरल डब्बे इसमें नही होंगे। एसी थर्ड का किराया स्लीपर से तीन गुना महंगा होता है। व एसी टू का किराया चार गुना महंगा होता है। सरगुजा जैसे आदिवासी एरिया के लिए यह ट्रेन सरगुजा वासियों को मुंह चिढ़ाने वाला साबित हो रहा था। क्योकि तीन से चार गुना महंगी टिकट लेकर यात्रा करना हर सरगुजिहा आदिवासियों के लिए संभव नही होता। लिहाजा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्वीट कर रेल मंत्री को छतीसगढ़ से ट्रेन शुरू करने के लिए साधुवाद देते हुए इस समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करवाते हुए स्लीपर श्रेणी के डिब्बो की मांग ट्रेन में की थी।

आज संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन की रैक को अंबिकापुर- दिल्ली एक्सप्रेस बना कर चलाया गया। पर 19 तारीख से नियमित ट्रेन शुरू होगी जिसके लिए दिल्ली से ट्रेन तैयार होकर आएगी जो कम्प्लीटली एसी होगी। ऊपर से विडंबना यह है कि इस ट्रेन को स्पेशल ट्रेन के नाम से चलाई जा रही है। जिसे डीओटी कहते हैं। डीओटी का अर्थ होता हैं डिमांड आन ट्रेन। इन ट्रेनों का किराया सामान्य ट्रेनों से तीस फीसदी अधिक होता है। ऊपर से डिमांड आन ट्रेन की खासियत यह है कि इसमें 500 किलोमीटर की दूरी का कम से कम किराया पटाना पड़ता है। मतलब आप यदि 50 किलोमीटर की भी यात्रा करे तो भी 500 किलोमीटर का फेयर(किराया) देना पड़ता है। उदाहरण के लिए जैसे गीतांजली एक्सप्रेस ट्रेन में बिलासपुर से रायपुर की यात्रा करनी हो तो भी नागपुर तक कि टिकट का किराया देना पड़ता है। ठीक उसी प्रकार अम्बिकापुर से तीस किलोमीटर दूर सूरजपुर की यात्रा करनी हो तब भी कम से कम 500 किलोमीटर दूर सागर तक का फेयर जो कि 1100 रुपये है देना पड़ेगा।

आज ट्रेन के शुरू होने के साथ ही 471 यात्रियों ने अंबिकापुर से दिल्ली के लिए यात्रा शुरू की। जिसमे से एक यात्री एसी फर्स्ट में यात्रा कर रहा था तो वही एसी सेकेंड में 19 यात्री यात्रा कर रहे थे। एसी थ्री में यात्रियों की स्थिति कुछ सही थी,इसमें 84 यात्री दिल्ली तक जाने के लिए यात्रा शुरू किए। वही सर्वाधिक 367 यात्री स्लीपर बोगी के हैं जिन्होंने दिल्ली के लिए अंबिकापुर से यात्रा शुरू जी है। स्लीपर बोगी में यात्रियों की स्थिति देख कर सरगुजिहा यात्रियों की फिलिंग अपने आप ही आ रही थी। एसा लग रहा था कि सरगुजिहा ट्रेन शुरू होने से के काफी खुश हैं और उन्हें इस ट्रेन की वास्तव में जरूरत हैं, तभी इतने अधिक यात्री उदघाटन के साथ ही स्लीपर डिब्बो में टिकट कटा कर सवार हो गए। अब मसला यह हैं कि 19 तारीख से जब रेगुलर ट्रेन शुरू होगी तब यह कम्प्लीटली एसी होगी और ऊपर से किराया तीस फीसदी अधिक और उससे भी ज्यादा तकलीफदेह यह कि कम दूरी तक यात्रा करने के लिए भी 500 किलोमीटर का फेयर देना होगा। जो हर सरगुजा के आदिवासियों के लिए देना संभव नही होगा। रेलवे को इस ओर ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री का ध्यान इस ओर आकृष्ट करवाया हैं। अन्य जनप्रतिनिधियों को भी सरगुजावासियो की सुविधा के लिए अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए और रेलवे का ध्यान आकर्षित करवाया जाना चाहिए।


Next Story