CHIRAG Project: 'चिराग' पर मंत्री का यू टर्न: शिकायत के बाद 2 अफसरों को हटाने जारी किया था निर्देश, अब कह रहे...
CHIRAG Project: छत्तीसगढ़ में चिराग परियोजना में प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से काम कर रहे दो अफसरों को हटाने के मामले में मंत्री का नया स्टैंड सामने आया है। मंत्री ने पहले दोनों को हटाने के लिए निर्देश जारी किया था। पढ़िये कब क्या कह रहे हैं।
CHIRAG Project: रायपुर। छत्तीसगढ़ की चिराग परियोजना में प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से काम कर रहे 2 अफसरों को हटाने के मामले में कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने यू टर्न ले लिया है। दोनों अफसरों के खिलाफ मिली शिकायतों के आधार पर मंत्री ने 24 जुलाई को दोनों को हटाने का लिखित आदेश जारी किया था। मंत्री की नोटशीट के आधार पर कृषि विभाग ने चिराग प्रोजेक्ट के डॉयरेक्टर को मंत्री के निर्देशानुसार कार्रवाई करके रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया गया था। इसके बावजूद दोनों अफसरों को हटाया नहीं गया है।
मंत्री राम विचार नेताम ने जिन दो अफसरों को हटाने का निर्देश जारी किया था उनके नाम स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर गुप्ता और राजेश कुमार सिंह हैं। इनके खिलाफ प्रदेश बीजेपी के सोशल मीडिया की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शांतनु सिन्हा ने शिकायत की थी। बताया जा रहा है कि शांतनु सिन्हा ने आरटीआई से मिले दस्तावेजों के आधार पर यह शिकायत की थी। इस पर मंत्री ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों के हटाने का निर्देश जारी कर दिया था। लेकिन उन्हें हटाया नहीं गया है।
इस संबंध में एनपीजी न्यूज मंत्री राम विचार नेताम से बात की पूछा कि अपके लिखित निर्देश के बावजूद दोनों प्रोजेक्ट मैनेजरों को हटाया नहीं गया है, इस पर अब आप आगे क्या कार्रवाई कर रहे हैं। इस पर मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि हटाने के लिए पत्र लिखा तो था, लेकिन विभाग को उनकी आवश्यकता है। स्टाफ की कमी है, इस वजह से उन्हें अभी रखना जरुरी है। मंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट पर अब तक कोई काम नहीं हुआ है। पूर्ववर्ती सरकार में इस पर ध्यान ही नहीं दिया गया। विभाग का कामकाज संभालने के बाद से मैं काम में तेजी लाने का प्रयास कर रहा हूं। काफी पद खाली हैं।
जानिये..क्या है चिराग परियोजना
परियोजना का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल क्षेत्रों के लक्षित परिवारों में आय के अवसरों और पौष्टिक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता में सुधार करना है। परियोजना में प्रदेश के 8 जिलों के 14 आदिवासी बहुल एक हजार गांव शामिल हैं। इस परियोजना के तहत, कृषक परिवारों की महिलाओं और बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना प्राथमिकता है। यह परियोजना राज्य में 2021 से लागू है। विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र संघ की कृषि विकास हेतु स्थापित संस्था आईएफएडी ने वित्तीय सहायता दी है।
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