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Chhattisgarh News: लेक्चरर को BEO बने रहने का ऐसा जूनन: अवमानना के मामले में सचिव को हाईकोर्ट तक घसीटा, अब फर्जी आदेश के चक्‍कर में खुद फंस गए

Chhattisgarh News: छत्‍तीसगढ़ के एक लेक्चरर को विकास खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) बने रहने का ऐसा जूनन है कि पद से हटाए जाने के खिलाफ पहले कोर्ट गए और अब खुद फर्जी आदेश के चक्‍कर में फंस गए हैं।

Chhattisgarh News: लेक्चरर को BEO बने रहने का ऐसा जूनन: अवमानना के मामले में सचिव को हाईकोर्ट तक घसीटा, अब फर्जी आदेश के चक्‍कर में खुद फंस गए
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By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh News: रायपुर। कबीरधाम जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से लेकर शिक्षा विभाग के संचालनालय (डीपीआई) तक एक विकास खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) का ज्‍वाइनिंग लेटर चर्चा में है। मामला बोडला के प्रभारी बीईओ के पद पर ज्‍वाइनिंगका है। पूर्व में बोडला के प्रभारी बीईओ रहे दयाल सिंह दो दिन पहले कबीरधाम डीईओ कार्यालय पहुंचे और स्‍कूल शिक्षा विभाग का एक आदेश डीईओ वायडी साहू की टेबल पर रख दिया । विभाग के अवर सचिव के हस्‍ताक्षर से जारी इस आदेश में दयाल सिंह को प्रभारी बीईओ बोडला के पद पर पदस्‍थ करने का निर्देश था। इसमें यह भी बताया गया है कि दयाल सिंह का निलंबन समाप्‍त कर दिया गया है।

आदेश देखते हुए डीईओ ने दयाल सिंह को ज्‍वाइनिंग दे दिया, लेकिन अचानक उनकी नजर आदेश पर दर्ज तारीख पर पड़ी। आदेश पर 19 जुलाई 2024 की तारीख दर्ज थी। पुरान आदेश देखकर डीईओ साहू के होश उड़ गए। सूत्रों के अनुसार आनन-फानन में दयाल सिंह की ज्‍वाइनिंग को निरस्‍त करते हुए आदेश को सत्‍यापना के लिए डीपीआई को भेजा गया है। हालांकि एनपीजी न्‍यूज के साथ बातचीत में डीईओ साहू ने दायल सिंह को ज्‍वाइनिंग दिए जाने से इन्‍कार किया है। उन्‍होंने कहा कि चूंकि आदेश पुराना था, इस वजह से उसे वैरिफाइ करने के लिए डीपीआई को भेजा गया है, ज्‍वाइनिंग नहीं दी गई है। विभागीय अफसरों का कहना है कि दयाल सिंह की तरफ से डीईओ कार्यालय में दिया गया आदेश फर्जी है।

दरअसल, दयाल सिंह का मूल पद लेक्‍चरर का है, लेकिन पिछली सरकार ने उन्‍हें प्रभारी बीईओ बना दिया था। दयाल सिंह के खिलाफ सरकार को कई तरह की शिकायतें मिलीं। इसके आधार पर उन्‍हें 15 जून 2023 को निलंबित कर दिया गया। दयाल सिंह बीईओ के पद से हटाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए। कोर्ट ने दयाल सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन शिक्षा विभाग ने उन्‍हें फिर से बीईओ के पद पर ज्‍वाइन करने नहीं दिया। इस पर दयाल सिंह फिर हाईकोर्ट पहुंच गए और तत्‍कालीन स्‍कूल शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन कोर्ट की अवमानना के आरोप लग गया। कोर्ट ने आईएएस भारतीदासन को तलब कर लिया। इसी 25 सितंबर को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान विभाग ने कहा कि लेक्‍चरर को बीईओ बनाने का नियम नहीं है। प्रदेश इस वक्‍त करीब 50 लेक्‍चरर बीईओ के पद पर हैं। इस बीच जयसिंह फर्जी ज्‍वाइनिंग का मामला सामने आ गया है।



Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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