Chhattisgarh Assembly Election 2023 नए चेहरों का बड़ा चार्म : पहली बार विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस के उम्मीदवारों ने दिग्गजों को धूल चटाई
Chhattisgarh Assembly Election 2023
मनोज व्यास। रायपुर @ NPG.News छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव-2018 में नए चेहरों का जबर्दस्त चार्म रहा. पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरे कांग्रेस के उम्मीदवारों ने भाजपा के दिग्गजों को धूल चटा दी थी. 15 साल तक भाजपा की सरकार रही और चुनाव परिणाम 15 सीटों पर सिमट गया. कांग्रेस के 21 विधायक ऐसे रहे, जो 30 हजार से ज्यादा वोटों से जीते. 6 सीटें तो ऐसी हैं, जहां अप्रत्याशित परिणाम मिले और जीत का आंकड़ा 50 हजार से ज्यादा था. हिंदू मुस्लिम ध्रुवीकरण वाली सीट कवर्धा में कांग्रेस के मोहम्मद अकबर सर्वाधिक 59284 वोटों से जीते थे. पूरे चुनाव में यह सबसे बड़ी जीत थी. यही वजह है कि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अभी से ही कांग्रेस और भाजपा में नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी शुरू हो गई है. Chhattisgarh Assembly Election 2023 CG की क्लोज फाइट वाली सीटें : 90 में 16 सीटों पर हार-जीत का अंतर 5000 से कम, तीन मंत्री इसी में हारे, रंजना की सबसे छोटी जीत
कुछ चुनिंदा लोगों को बार-बार चुनाव लड़ाने का क्या असर पड़ सकता है? इस सवाल पर गणित का कोई सूत्र अप्लाई करने से पहले छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव-2018 के परिणाम भी बताए जा सकते हैं. हालांकि भाजपा की हार का सिर्फ यही एक कारण नहीं था, लेकिन समग्र रूप से देखें तो कहीं न कहीं लोगों ने यह संदेश दिया कि वे नए चेहरों को मौका नहीं देने का खामियाजा 15 साल बाद 15 सीटों पर सिमट कर भाजपा ने चुकाया. लोग किस तरह नए विकल्प की ओर आकर्षित हुए थे, उसे इस तरह से समझ सकते हैं कि कांग्रेस के 21 विधायक 30 हजार से ज्यादा वोटों से जीते. 30 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल करने वालों में भाजपा से कोई भी विधायक नहीं हैं, बल्कि जोगी कांग्रेस से पूर्व सीएम अजीत जोगी ही अपना रिकॉर्ड कायम रख पाए.
29 विधायक और 8 मंत्रियों की गई विधायकी
विधानसभा चुनाव-2018 में भाजपा के प्रत्याशी चयन को लेकर ही सियासी पंडितों ने कई आशंकाएं जाहिर की थी. हालांकि तब भी भाजपा ने इतनी बुरी हार की कल्पना नहीं की थी. जब चुनाव परिणाम आए, तब भाजपा उम्मीदवारों के पैरों तले जमीन नहीं खिसकी, बल्कि भाजपा की सियासी जमीन ही खिसक गई. 29 सिटिंग एमएलए हार गए थे. इनमें आठ मंत्री भी शामिल हैं. इन आठ मंत्रियों में भी राजेश मूणत, अमर अग्रवाल और प्रेमप्रकाश पांडेय जैसे भी मंत्री शामिल हैं, जिनकी हार की चर्चा होती रही. इसके विपरीत पहली बार चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों ने इन्हें हराया.
कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत से कमाया नाम
जब कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी, तब उत्तरी जांगड़े, द्वारिकाधीश यादव, कुंवर सिंह निषाद, ममता चंद्राकर, शकुंतला साहू जैसे नाम शामिल थे, जिनके बारे में ठीक से प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी ही नहीं जानते थे. हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी चयन को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थी. परिणाम भी आशातीत ही आए. उत्तरी जांगड़े, किस्मत लाल नंद, द्वारिकाधीश यादव और कुंवर सिंह निषाद ने 50 हजार से ज्यादा की लीड से जीत दर्ज कर अपना नाम कमाया. नए चेहरों की बड़ी लीड से जीत के मामले में भी 2018 का चुनाव छत्तीसगढ़ में नजीर साबित हुआ.
देखें, 2018 में तगड़ी लीड वाले कौन-कौन सिकंदर...
30 हजार से ज्यादा की जीत
टीएस बाबा, अंबिकापुर – 39624
रामपुकार सिंह, पत्थलगांव – 36686
ममता चंद्राकर, पंडरिया – 36487
अमरजीत भगत, सीतापुर – 36137
भुनेश्वर बघेल, डोंगरगढ़ – 35418
अनिला भेंडिया, डौंडीलोहारा – 33103
बृहस्पत सिंह, रामानुजगंज – 32916
गुरुदयाल सिंह बंजारे, नवागढ़ – 33200
गुरु रूद्र कुमार, अहिवारा – 31687
रविंद्र चौबे, साजा – 31535
डॉ. चरणदास महंत, सक्ती – 30046
40 हजार से ज्यादा की जीत
शकुंतला साहू, कसडोल – 48418
डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, सिहावा – 45436
डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, प्रतापपुर – 44105
लालजीत सिंह राठिया, धरमजयगढ़ – 40335
50 हजार से ज्यादा की जीत
मोहम्मद अकबर, कवर्धा – 59284
अमितेश शुक्ल, राजिम – 58132
द्वारिकाधीश यादव, खल्लारी – 56978
उत्तरी जांगड़े, सारंगढ़ – 52389
किस्मत लाल नंद, सरायपाली – 52288
भाजपा के ये विधायक हारे
चंपादेवी पावले, श्याम बिहारी जायसवाल, भैयालाल राजवाड़े, रजनी त्रिपाठी, रामसेवक पैकरा, शिवशंकर पैकरा, रोशन लाल, केराबाई मनहर, लखन देवांगन, तोखन साहू, अमर अग्रवाल, डॉ. सनम जांगड़े, गौरीशंकर अग्रवाल, देवजी पटेल, राजेश मूणत, श्रीचंद सुंदरानी, संतोष उपाध्याय, प्रेमप्रकाश पांडेय, राजमहंत सांवला राम डाहरे, लाभचंद बाफना, अवधेश चंदेल, दयालदास बघेल, मोतीराम चंद्रवंशी, अशोक साहू, सरोजनी बंजारे, विक्रम उसेंडी, केदार कश्यप, संतोष बाफना, महेश गागड़ा।
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