Amit Shah's road show in jashpur: शाह का डैमेज कंट्रोल: नाखुश राजा को साधने जशपुर में हेलिकॉप्टर की उड़ान और रथ की सवारी
Amit Shah's road show in jashpur: केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के रणनीतिकार अमित शाह आज जशपुर के दौरे पर थे। जहां उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा की और रोड शो भी किया। शाह के कार्यक्रमों में राजा रणविजय सिंह जूदेव पूरे समय मौजूद रहे।
Amit Shah's road show in jashpur: रायपुर। जशपुर यानी जूदेव परिवार का गढ़। पहले कुमार दिलीप सिंह जूदेव और अब राजा रणविजय सिंह जूदेव इस क्षेत्र में सबसे बड़ा चेहरा हैं। लेकिन टिकट की दौड़ में शामिल राजा रणविजय सिंह जूदेव की नाराजगी की खबरों ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। जूदेव रायपुर उत्तर सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया। इससे नाराज जूदेव पार्टी के वाट्स एप ग्रुपों से लैफ्ट हो गए। हालांकि इस दौरान वे जशपुर में पार्टी प्रत्याशियों के साथ नजर आए, लेकिन भाजपा इस बार के चुनाव में कोई रिस्क लेना नहीं चाह रही है। इस वजह से पार्टी जूदवे की नाराजगी दूर करने की हरसंभव कोशिश में लगी हुई है।
एक दिन पहले (8नवंबर) पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए जूदेव को रायगढ़ संसदीय क्षेत्र का समन्वयक नियुक्त किया है। रायगढ़ संसदीय क्षेत्र में जिला रायगढ़ के साथ जशपुर जिला की तीनों सीटें पत्थलगांव, कुनकुरी और जशपुर भी आती है। आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जशपुर में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे। उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में सभा के साथ ही रोड शो भी किया। जशपुर प्रवास के दौरान शाह ने पूरे समय जूदेव को अपने साथ रखा। इसे जूदेव की नाराजगी दूर करने डैमेज कंट्रोल के रुप में देखा जा रहा है।
पार्टी नेताओं के अनुसार जशपुर पहुंचते ही शाह ने सबसे पहले राजा साहब (जूदेव) का हालचाल पूछा। इसके बाद दोनों एक साथ जशपुर विधानसभा के बगीचा में आयोजित आम सभा के मंच पर पहुंचे। इसके बाद पत्थलगांव विधानसभा के कांसाबेल में रथ सभा में दोनों एक साथ नजर आए। कुनकुरी विधानसभा के कंडोरा मैदान में आम सभा को संबोधित करने के बाद शाह जूदेव को लेकर चंद्रपुर विधानसभा के डभरा पहुंचे फिर वहां से रायगढ़ चले गए। शाह की इस पूरी यात्रा के दौरान जूदेव भी मौजूद रहे। शाह आज जहां-जहां गए हेलिकॉप्टर और हर मंच और रथ पर जूदेव भी मौजूद थे।
समझिए... जशपुर में कितना महत्वपूर्ण है जूदेव परिवार
जशपुर जिला में 3 विधानसभा सीट है, सभी सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इन सीटों पर जूदेव परिवार का काफी प्रभाव है। जूदेव के प्रभाव को 2013 के विधानसभा चुनाव के एक घटनाक्रम से और बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। चुनाव के कुछ दिनों पहले स्व. दिलीप सिंह जूदेव का निधन हुआ था और जशपुर जिले में भाजपा का झंडा थामा था राजा रणविजय सिंह जूदेव ने। जिला में भाजपा की स्थिति ठीक नहीं थी, तभी राजा रणविजय सिंह जूदेव का एक बयान आया। ‘जशपुर जिले की तीनों सीटें नहीं जीते तो मेरे नाम से कुत्ता पाल लेना’... उनके इस बयान ने क्षेत्र में एक लहर पैदा की और पत्थलगांव से जीत का रिकॉर्ड बनाने वाले रामपुकार सिंह हार गए। जिले की दो और सीटों जशपुर और कुनकुरी में भी भाजपा की जीत हुई थी।
इस चुनाव में जूदेव परिवार से दो प्रत्याशी
मौजूदा विधानसभा चुनाव में जूदेव परिवार के दो सदस्यों को भाजपा ने टिकट दिया है। दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र प्रबलप्रताप सिंह जूदेव को पार्टी ने कोटा विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। जूदेव की पुत्रवधु संयोगिता सिंह जूदेव को उनके पति स्व. युद्धविर सिंह जूदेव की सीट चंद्रपुर से टिकट दिया गया है।
पढ़़िए- जीत का दावा: रणविजय सिंह जूदेव का जशपुर की तीनों सीटों पर जीत का दावा, बोले-अबकी दांव नहीं लगाउंगा, लेकिन...
रायपुर। जशपुर जिला यानी स्व. दिलीप सिंह जूदेव का गढ़। वही, दिलीप सिंह जूदेव जिन्होंने 2003 के विधानसभा चुनाव में अपनी मूंछ दांव पर लगा दिया था। उन्हीं दिलीप सिंह जूदव के भतीजे हैं रणविजय सिंह जूदेव। 2013 के विधानसभा चुनाव में रणविजय सिंह ने जशपुर की तीनों सीट पर भाजपा की जीत का दावा किया था। न केवल जीत का दावा किया था बल्कि यहां तक कह दिया था कि तीनों सीटें नहीं जीते तो मेरे नाम से कुत्ता पाल लेना...नतीजा तीनों सीट भाजपा जीत गई। विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लीक करें