Begin typing your search above and press return to search.

Private Schools: फीस, किताब और स्‍कूल ड्रेस के नाम पर पालकों को लूटने वाले 11 प्राइवेट स्‍कूल संचालक गिरफ्तार, 80 पर एफआईआर

Private Schools: प्राइवेट स्‍कूल में बच्‍चों को पढ़ाना यानी अपना पैसा लूटाने जैसा है। प्राइवेट स्‍कूल संचालक न केवल मोटी फीस वसूलते हैं बल्कि चुनिंदा दुकानों से किताब-कापी और ड्रेस खरीदने के लिए बाध्‍य करके भी लूटते हैं। स्‍कूल संचालकों की इन मनमानी पर पहली बार मध्‍य प्रदेशमें बड़ी कार्यवाही हुई है। इसे देखते हुए यहां भी ऐसी ही कार्यवाही की मांग उठने लगी है।

Private Schools: फीस, किताब और स्‍कूल ड्रेस के नाम पर पालकों को लूटने वाले 11 प्राइवेट स्‍कूल संचालक गिरफ्तार, 80 पर एफआईआर
X
By Sanjeet Kumar

Private Schools: रायपुर। प्राइवेट स्‍कूलों की मनमानी पर लगाम कसने की मांग रायपुर में भी तेज होने लगी है। जबलपुर (मध्‍य प्रदेश) की तर्ज पर यहां भी स्‍कूल संचालकों से पैसा वापस लेकर पालकों को लौटने की मांग कलेक्‍टर से की जा रही है। समाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्‍ला ने इस संबंध में रायपुर कलेक्‍टर को पत्र लिखा है। इस में शुक्ला ने जबलपुर कलेक्टर की तर्ज़ पर निजी स्कूलों द्वारा फीस के नाम पर डाली जा लूट पर अंकुश लगा कर स्कूलों से वसूली करके पालकों को उनका पैसा वापस दिलाने का आग्रह किया है।

जबलपुर कलेक्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि जिला प्रशासन के पास निजी स्कूलों की मनमानी, फीस वृद्धि और निश्चित दुकान से ही यूनिफॉर्म स्टेशनरी की खरीदारी का दबाव बनाने की शिकायतें आ रही थी। जिसके तहत जिला प्रशासन ने जबलपुर जिले के सभी स्कूलों की जांच पड़ताल शुरू की। इस जांच पड़ताल में शहर के नामी 11 स्कूलों में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। कलेक्टर ने बताया कि जबलपुर के 11 स्कूलों ने 21 हजार बच्चों से 81 करोड़ 30 लाख रुपए की अतिरिक्त फीस वसूली है। इतना ही नहीं इन निजी स्कूलों ने पुस्तक विक्रेताओं और प्रकाशकों के साथ मिली भगत करके करोड़ों रुपए का वारा न्यारा किया है।

फीस बढ़ा दी

कलेक्टर ने कहा कि मध्य प्रदेश में साल 2018 में निजी स्कूलों की फीस वृद्धि को लेकर नियम बना दिए गए थे, लेकिन इन निजी स्कूल संचालकों ने फीस वृद्धि के नियमों को दरकिनार कर मनमानी तरीके से फीस बढ़ा दी। जबलपुर के क्राइस्ट चर्च बॉयज स्कूल,ज्ञान गंगा स्कूल, स्टेम फील्ड इंटरनेशनल स्कूल, लिटिल वर्ल्ड स्कूल, चैतन्य स्कूल सेंट ऑलोसी स्कूल, सालीवाडा सेंट ओलोसी घमापुर, सेंट ओलाइसी सदर और क्राइस्ट चर्च घमापुर शामिल हैं।

80 आरोपी

कलेक्टर के मुताबिक इन स्कूलों ने अभिभावकों से अपराधिक घटना चक्र को अंजाम दिया है। इसलिए जबलपुर शहर के 9 थानों में इन स्कूल संचालकों के खिलाफ धारा 420, 471 और 472 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इस पूरे मामले में 80 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

छत्तीसगढ़ में उठी मांग

सामाजिक कार्यकर्त्ता कुणाल शुक्ला ने रायपुर कलेक्टर से मांग की है कि वे छत्तीसगढ़ अशासकीय फीस विनियमन अधिनियम 2020 के तहत निजी स्कूलों में फीस समिति का गठन एवं फीस निर्धारण एवं अन्य का प्रावधान किया है,इसके तहत निजी स्कूलों द्वारा मचाई गयी लूट पर कार्यवाही करें नहीं तो वे इस मामले को लेकर न्यायालय की शरण में जाएंगे।

NPG पर अन्य सम्बंधित खबरें

बड़ी कार्रवाई: प्राइवेट स्कूलों में मोटी फीस और RTE में एडमिशन में 'खेला' पर सरकार ने कसा शिकंजा, कलेक्टरों को दिया ये कड़ा निर्देश...

रायपुर. राज्य सरकार ने प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कस दिया है. सीबीएसई के ख़राब नतीजों पर एनपीजी न्यूज़ ने खबर प्रकाशित किया था कि मोटी फीस और पुस्तक, यूनिफार्म में कमीशन के बाद भी छत्तीसगढ़ देश में 33वें नंबर पर है. सरकार ने इसे संज्ञान में लिया. स्कूल शिक्षा विभाग को शिक्षा के अधिकार अधिनियम में भी स्कूलों द्वारा खेला किए जाने कि शिकायत मिल रही थी. लिहाजा, विभाग के सचिव सिद्धार्थ परदेशी ने कलेक्टरों को कार्रवाई करने पत्र लिख दिया. उन्होंने सिलसिलेवार कलेक्टरों को उनका अधिकार बताते हुए कहा है, इसमें आप कार्रवाई कीजिए. लेटर देखने के लिए यहांं क्लिक करें

यह भी पढ़ें- प्राइवेट स्‍कूलों पर सरकार ने कसा शिकंजा: स्‍कूल शिक्षा सचिव ने RTE वाले बच्‍चों की मांगी ड्राप आउट रिपोर्ट, कलेक्‍टरों को 5 साल की समीक्षा करने के निर्देश...

रायपुर। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के मामले में मनमानी करने वाले प्राइवेट स्‍कूलों की अब खैर नहीं है। प्रदेश की विष्‍णुदेव साय सरकार शिक्षा सत्र की शुरुआत में ही आरटीई को लेकर सख्‍ती शुरू कर दी है। स्‍कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कलेक्‍टरों को पत्र लिखकर आरटीई वाले बच्‍चों की ड्राप आउट रिपोर्ट तलब की है।

कलेक्‍टरों को लिखे पत्र में स्‍कूल शिक्षा सचिव परदेशी ने कहा है कि जिले के गैर अनुदान प्राप्त विद्यालयों के प्रबंधक / प्राचार्यों की एक बैठक 10 दिन के भीतर बुलाकर यह समीक्षा करें कि उनके विद्यालय में कितने विद्यार्थियों ने आरटीई के तहत प्रवेश लिया था तथा उनमें से कितने बच्चे पढ़ाई छोड़कर ड्राप आउट हो गए हैं। इसकी एक रिपोर्ट भी मांगी है। सचिव ने कलेक्‍टरों को बीते 05 वर्षों में ड्राप आउट हुए बच्चों की जानकारी प्राप्त कर समीक्षा करें करने के लिए भी कहा है। सचिव ने कहा है कि ड्राप आउट रोकने की दिशा में समुचित पहल करने का कष्ट करें जिससे कि आपके जिले में आरटीई के मंशा के अनुरूप सभी बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण कर सकें।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

Read MoreRead Less

Next Story