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Chhattisgarh News: बीएड-डीएलएड शिक्षक भर्ती विवाद: अफसरों की एक चूक के चलते 3 हजार शिक्षकों पर मंडराया बेरोजगारी का खतरा, हाई कोर्ट की डेडलाइन भी आ रही नजदीक

Chhattisgarh News: याचिकाकर्ता देवेश शर्मा की याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 11अगस्त 2023 को अपने महत्वपूर्ण फैसले में सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति को लेकर फैसला सुनाया था। डीएलएड डिप्लोमाधारकों को ही प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक पद पर भर्ती का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कापी देशभर के राज्यों को सौंप दी गई थी। स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही देखिए, नौ महीने बाद निकाले गए विज्ञापन में फिर वही चूक कर दी। इसका खामियाज बीएड डिग्रीधारी तीन हजार सहायक शिक्षक भुगत रहे हैं। इनकी लापरवाही के चलते अब इन पर बेरोजगारी का खतरा मंडरा है।

Chhattisgarh News: बीएड-डीएलएड शिक्षक भर्ती विवाद: अफसरों की एक चूक के चलते 3 हजार शिक्षकों पर मंडराया बेरोजगारी का खतरा, हाई कोर्ट की डेडलाइन भी आ रही नजदीक
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By Radhakishan Sharma

Chhattisgarh News: बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट ने 11अगस्त 2023 को अपने महत्वपूर्ण फैसले में सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति को लेकर फैसला सुनाया था। डीएलएड डिप्लोमाधारकों को ही प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक पद पर भर्ती का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कापी देशभर के राज्यों को भेज दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कापी भेजने का आशय साफ था कि आने वाले दिनों में जब भी सहायक शिक्षक के पद पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाए,डीएलएड डिप्लोमाधारकों से ही आवेदन लिए जाएं और इनके बीच से ही मेरिट के आधार पर सूची जारी की जाए।

छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही दिए गए निर्देशों को रद्दी की टाेकरी में डाल दिया। आदेश के बाद भी वही गलती दोहरा दी। नौ महीने बाद प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों के 6500 पदों पर भर्ती के लिए 4 मई 2023 को विज्ञापन जारी किया। जारी विज्ञापन में छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा (भर्ती तथा शैक्षणिक संवर्ग) भर्ती नियम 2019 में संशोधन की सूचना दी गई थी। संशोधित आदेश के तहत सहायक शिक्षक की भर्ती के लिए स्नातक के साथ ही बीएड और डीएलएड को अनिवार्य योग्यता में शामिल किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एकदम उलट संशोधन आदेश जारी करते हुए फिर वही गलती दोहरा दी,जिसे लेकर याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। विज्ञापन जारी करने के साथ ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई और तीन हजार बीएड डिग्रीधारकों को प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक के पद पर ज्वाइनिंग दे दी। इन्हीं तीन हजार शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। सुप्रीम कोर्ट से भी ये मामला हार गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने डीएलएड डिप्लोमाधारकों को मेरिट के आधार पर इनकी जगह नियुक्ति देने का आदेश राज्य शासन को दिया है

ऐसे चला कोर्ट में मामला,आदेश हुआ जारी

0 छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के बाद 2 अप्रैल 2024 को प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों की भर्ती में बीएड डिग्रीधारक उम्मीदवारों की नियुक्तियां निरस्त कर दिया था।

0 याचिका पर फैसला सुनाने के साथ ही कोर्ट ने छह सप्ताह के भीतर पुनरीक्षित चयन सूची जारी करने का निर्देश राज्य शासन को दिया था।

0 छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए बीएड डिग्रीधारकों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एसएलपी को खारिज कर दिया था।

0 हाई कोर्ट के आदेश के छह सप्ताह बाद भी राज्य शासन ने डीएलएड डिप्लोमाधारकों को नौकरी नहीं दी तब डिप्लोमाधारी उम्मीदवारों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में न्यायालयीन आदेश की अवहेलना का आरोप लगाते हुए अवमानना याचिका दायर की।

0 अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस एनके व्यास ने सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त किए जाने वाले डीएलएड डिप्लोमाधारी उम्मीदवारों की सूची बनाने के साथ ही बीएड डिग्रीधारक सहायक शिक्षकों के लिए बीच का रास्ता निकालने का निर्देश राज्य शासन को दिया है।

28 नवंबर से पहले लेना होगा निर्णय,हाई कोर्ट ने तय कर दिया है डेडलाइन

अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जरुरी दिशा निर्देश के साथ ही अगली सुनवाई के लिए 28 नवंबर की तिथि तय कर दी है। मतलब साफ है,राज्य शासन को कोर्ट द्वारा तय डेडलाइन से पहले सहायक शिक्षक के पद पर डिप्लोमाधारी उम्मीदवारों की मेरिट के आधार पर सूची तय करनी होगी। सूची कोर्ट के समक्ष भी पेश करनी होगी। इस बीच बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को लेकर भी शासन को निर्णय लेना होगा।

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