CG School Scam: छत्तीसगढ़ के छात्रों के साथ धोखा करने वाले 5000 प्रायवेट स्कूलों को हाई कोर्ट की फटकार, डर से याचिका ली वापिस, इतने बड़े क्राइम पर सरकार मौन क्यों?...
CG School Scam: छत्तीसगढ़ सरकार ने बच्चों के भविष्य की बेहतरी के एक एक आदेश क्या जारी किया, छत्तीसगढ़ में प्राइवेट स्कूल प्रबंधन द्वारा गुपचुप तरीके से किए जा रहे फर्जीवाड़ा का एक झटके में भंडाफोड़ हो गया है। सीबीएसई मान्यता की आड़ में प्राइवेट स्कूल प्रबंधन पालकों को धोखे में रखकर बच्चों के भविष्य के साथ लंबे समय से खिलवाड़ कर रहे हैं। प्रदेश में सात हजार प्राइवेट स्कूल का संचालन किया जा रहा है। इसमें से 70 फीसदी के करीब स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम से पढ़ाई हो रही है। यहां सवा दो लाख के करीब छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। हकीकत ये कि सीबीएसई की मान्यता ही इन स्कूलों को नहीं है। सरकार को इस धोखाधड़ी पर कार्रवाई करनी चाहिए।

CG School Scam: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में प्राइवेट स्कूलों की बाढ़ सी आई गई है। शिक्षा के मंदिर को पैसे की लालच में प्राइवेट स्कूल मालिकों ने व्यवसाय बना लिया है, तभी तो बच्चों के भविष्य की इनको जरा भी चिंता नहीं। चिंता करें भी क्यों, शिक्षा को व्यवसाय बनाकर पालकों के साथ लूट-खसोट करने में लगे हैं। तभी तो प्रदेश के सवा दो लाख से भी अधिक बच्चों के भविष्य की परवाह किए बगैर इन्हें अंधे कुएं में धकेल दिया है। प्राइवेट स्कूल मालिकों ने ऐसा स्कैम किया है जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। स्कैम ने बच्चों के भविष्य के सामने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सवाल दो लाख बच्चों का कुसूर ही क्या है जो प्राइवेट स्कूल मालिकों ने ऐसा किया।
अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने और उनका करियर बनाने का सपना हाई क्लास सोसायटी से लेकर मीडिल क्लास और लोअर मीडिल क्लास के लोग भी देख रहे हैं। आटो चालक से लेकर रिक्शा चलाने वाला भी अपना पेट काटकर बच्चों के भविष्य की खातिर अंग्रेजी स्कूलों में एडमिशन करा रहे हैं और पढ़ा भी रहे हैं। ऐसे पालकों को प्राइवेट स्कूल मालिकों द्वारा जमकर चूना लगाया जा रहा है।
सीबीएसई मान्यता के बहाने सीजी बोर्ड अंग्रेजी माध्यम की मान्यता लेकर पालकों को धोखा दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ में प्राइवेट स्कूल मालिक यह धोखा लंबे समय से देते आ रहे हैं। सीबीएसई के नाम पर एडमिशन देते हैं, भारी भरकम फीस की वसूली करते हैं और सीजी बोर्ड की परीक्षा में बच्चों को बैठने के लिए दबाव बनाते हैं। दबाव इसलिए कि इनके पास सीबीएसई की मान्यता ही नहीं है।
0 ऐसे सामने आया फर्जीवाड़ा
छत्तीसगढ़ सरकार ने पांचवी व आठवीं के बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए बोर्ड परीक्षा कराने का निर्देश जारी किया है। इस आदेश ने लंबे समय से प्राइवेट स्कूलों में चल रहे स्कैम को सामने लाकर रख दिया है। सात हजार से कुछ ज्यादा प्राइवेट स्कूलों का संचालन छत्तीसगढ़ में किया जा रहा है।
70 फीसदी स्कूल सीबीएसई पाठ्यक्रम की कीताबों के अलावा प्राइवेट पब्लिशर की किताबों से पढ़ाई करा रहे हैं। हकीकत ये कि इनको सीबीएसई की मान्यता ही नहीं है। बगैर मान्यता सीबीएसई पाठ्यक्रम की पढ़ाई करा रहे हैं। सरकार के आदेश के तहत अब इनको सीजी बोर्ड के पाठ्यक्रम से तैयार प्रश्न पत्रों पर परीक्षा देनी है।
0 हाई कोर्ट की नाराजगी आई सामने
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पांचवीं व आठवीं की केंद्रीयकृत परीक्षा के आदेश को चुनौती देते हुए निजी स्कूल प्रबंधन संघ ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। दायर याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए एडिशनल एडवोकेट जनरल ने जब कोर्ट को बताया कि बच्चों की बेहतरी के लिए राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है। प्राइवेट स्कूल प्रबंधन का विरोध करना समझ से परे हैं। बच्चों के भविष्य की चिंता करना इनका भी काम है। परीक्षा के संचालन से क्यों इंकार कर रहे हैं समझ से परे है।
0 कोर्ट के सामने खुली पोल
महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने प्राइवेट स्कूल मालिकों के स्कैम की जब सिंगल बेंच को जानकारी दी तब कोर्ट नाराज हुआ और याचिकाकर्ता को जमकर फटकार भी लगाई। कोर्ट की नाराजगी के बाद याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका को वापस लेने व विधिवत रिट याचिका दायर करने की अनुमति मांगी।