CG School Scam: प्रायवेट स्कूलों ने छत्तीसगढ़ के हजारों छात्रों और अभिभाव को दिया धोखा, पैसा लिया CBSE का और एग्जाम CG बोर्ड का...
CG School Scam: छत्तीसगढ़ के पांच हजार से अधिक प्रायवेट स्कूलों ने छत्तीसगढ़ के हजारों बच्चों के साथ बड़ा विश्वासघात किया है। सीबीएसई से बिना परमिशन लिए सीबीएसई कोर्स पढ़ाते रहे अब परीक्षा लेने का सरकार ने आदेश दिया तो लगा हाथ-पैर फूलने। जाहिर है, अभिभावकों को पता होता कि उन्हें सीबीएसई से अनुमति नहीं है तो उन स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला नहीं कराते। प्रायवेट स्कूलों ने एक तरह से चार सौ बीसी की है। सीबीएसई के नाम का बडे़-बड़े बोर्ड स्कूलों में लटकाए रहते हैं और परीक्षा लेंगे सीजी बोर्ड का।

CG School Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने अगर पांचवी, आठवीं बोर्ड परीक्षा लेने का फैसला नहीं लेती तो प्रायवेट स्कूलों का यह धतकरम दबा रहता। स्कूल शिक्षा विभाग ने जैसे ही बोर्ड परीक्षा लेने का आदेश दिया, प्रायवेट स्कूल वाले लामबंद होकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया। सरकार में उच्च स्तर पर बैठे लोगों से लाबिंग कराई गई कि सरकार ये फैसला वापस ले ले। दरअसल, सालों साल से प्रायवेट स्कूल अभिभावकों की मजबूरी का फायदा उठाकर मोटी सीबीएसई के नाम पर मोटी फीस वसलते रहे इन हजारों स्कूलों की कलई खुल गई है।
छत्तीसगढ़ के प्राइवेट स्कूलों में एक अलग ही तरह का घोटाला सामने आया है। यह पढ़कर आप भी चौंके बिना नहीं रह पाएंगे। जी हां मान्यता घोटाला के जरिए प्राइवेट स्कूल प्रबंधन लाखों में खेलने लगे हैं। घोटाले का सबसे ज्यादा असर पालकों और पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ रहा है। सीबीएसई मान्यता के नाम पर एडमिशन देते वक्त पालकों से बच्चों की फीस व डोनेशन के नाम पर भारी भरकम राशि वसूली जाती है। परीक्षा का समय आता है तब पता चलता है कि सीबीएसई के बजाय सीजी बोर्ड का बच्चे परीक्षा दिलाएंगे।
सीबीएसई मान्यता के नाम पर प्राइवेट स्कूल प्रबंधन संगठित अपराध कर रहे हैं। सीबीएसई का मान्यता का झांसा देकर बच्चों की पढ़ाई तो करा रहे हैं,जब परीक्षा दिलाने की बारी आती है तब सीजी बोर्ड पैटर्न से परीक्षा दिलाने बच्चों पर दबाव बनाते हैं।
प्रदेश में हजारों की संख्या में ऐसे प्रायवेट स्कूल हैं जिनकी मान्यता सीजी बोर्ड अंग्रेजी माध्यम की है। इन स्कूलों में सीजी बोर्ड सिलेबस से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कराने की छूट है। मान्यता भी इसीलिए दी गई है। प्राइवेट स्कूल ही प्रबंधन इसी बात का फायदा उठाकर पालकों को भरमा रहे हैं। नर्सरी से आठवीं तक अंग्रेजी में पढ़ाई तो सीजी बोर्ड से करा रहे हैं पर पालकों को सीबीएसई मान्यता बताकर एडमिशन के लिए झांसा दे रहे हैं। पालक इसलिए झांसे में आ जा रहे है कि अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई हो रही है। ज्यादा पूछताछ करने के बजाय बच्चों का एडमिशन भी करा दे रहे हैं। एडमिशन के दौरान स्कूल प्रबंधन द्वारा पालकों से मोटी रकम भी वसूल किया जा रहा है।
0 शिक्षा विभाग के इस आदेश से फूटा भांडा
स्कूल शिक्षा विभाग ने पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा का निर्णय लिया है। इसके लिए परीक्षा की तिथि भी घोषित कर दी है। जाहिर है सीबीएसई और सीजी बोर्ड की परीक्षाओं की तिथि अलग-अलग होती है। पैटर्न अलग है तो परीक्षा की तैयारी भी शिक्षक उसी अनुरुप कराएंगे।
शिक्षा विभाग के इस आदेश ने उन प्राइवेट स्कूल की पोल खोलकर रख दी है जो सीजी बार्ड से अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए अधिकृत हैं और इसकी आड़ में सीबीएसई मान्यता का झांसा देकर बच्चों का एडमिशन करा लिया है।
0 शिक्षा माफियाओं का बड़ा खेला
बीते एक वर्ष के दौरान शिक्षा सचिव से लेकर डीपीआई, डीईओ सहित आला अफसरों को शिक्षा माफियाओं की करतूतों की दस्तावेजी शिकायत के बाद भी किसी तरह कोई कार्रवाई अब तक नहीं हो पाई है। मान्यता घोटाले से शिक्षा माफिया लाल हो रहे हैं और बच्चों का भविष्य अंधकारमय।
0 ऐसा कर रहे गड़बड़ी
सीबीएसई की मान्यता का हवाला देकर एडमिशन कराने के बाद सीबीएसई पाठ्यक्रम की पढ़ाई भी करा रहे हैं। परीक्षा के वक्त सीबीएसई के बजाय सीजी बोर्ड की परीक्षा दिलाने दबाव बनाते हैं। सवाल यह उठ रहा है कि बच्चे सालभर सीबीएसई पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर रहे हैं और परीक्षा के वक्ती सीजी बोर्ड से परीक्षा दिलाने दबाव बनाने पर कैसे पेपर हल करेंगे और पास कैसे होंगे। बच्चों का पूरा साल बर्बाद होने का खतरा भी पैदा हो रहा है।
0 आरंग में फूटा फर्जीवाड़ा
केपीएस याने कृष्णा पब्लिक स्कूल आरंग में पांचवी और आठवीं के विद्यार्थियों को सीबीएसई मान्यता होने का हवाला दे एडमिशन दिया गया। साल भर सीबीएसई पैटर्न से सीबीएसई पुस्तकों की पढ़ाई करवाई गई। पर अब सीजी बोर्ड परीक्षा दिलाने का दबाव स्कूल प्रबंधन बना रहा है। जिसके चलते नाराज पालकों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जमकर हंगामा स्कूल पहुंचकर किया।