Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur High Court: प्राचार्य पदोन्नति में बीएड का लग सकता है रोड़ा, हाई कोर्ट पहुंचा मामला...

Bilaspur High Court: प्राचार्य पदोन्नति को लेकर सरकार की ओर से जारी कवायद के बीच मामला बिलासपुर हाई कोर्ट पहुंच गया है। शिक्षक भर्ती में बीएड और डीएलएड की अनिवार्यता को लेकर जिस तरह अदालती लड़ाई गई और तकरीबन तीन हजार शिक्षकों को बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ रहा है,अब एक बार फिर वही अदालती लड़ाई सामने आ गई है। प्राचार्य पदोन्नति को लेकर अखिलेश त्रिपाठी ने याचिका दायर की है। याचिका में व्याख्याता से प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए बीएड की डिग्री को अनिवार्य करने की मांग की है। इसी बीच प्राचार्य पदोन्नति फोरम की ओर से व्याख्याता लूनकरण ठाकुर ने हस्तक्षेप याचिका दायर की है।

Bilaspur High Court: प्राचार्य पदोन्नति में बीएड का लग सकता है रोड़ा, हाई कोर्ट पहुंचा मामला...
X
By Gopal Rao

Bilaspur High Court: बिलासपुर। प्राइमरी स्कूल के लिए डीएलएड डिप्लोमा की अनिवार्यता के संबंध में हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक शिक्षकों बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों व डीएलएड डिप्लोमाधारकों ने अदालती लड़ाई लड़ी उसकी कड़वाहट प्राचार्य पदोन्नति में भी दिखाई देने लगा है। व्याख्याता अखिलेश त्रिपाठी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर लेक्चरर से प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति के लिए बीएड डिग्री की अनिवार्यता रखने व बीएड डिग्रीधारक लेक्चरर को ही प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति देने की मांग की है। लेक्चरर अखिलेश त्रिपाठी की याचिका के बाद प्राचार्य पदोन्नति फोरम की ओर से व्याख्याता लूनकरण ठाकुर ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हस्तक्षेप याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।

प्राचार्य पदोन्नति फोरम की ओर से व्याख्याता लूनकरण ठाकुर ने सीनियर एडवोकेट आलोक बख्शी के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है। दायर याचिका में नियमों को लेकर जानकारी दी है। हस्तक्षेप याचिका में कहा है कि प्राचार्य प्रशासनिक पद है,व्याख्याता शैक्षणिक पद है।

राष्ट्रीय आध्यापक शिक्षा परिषद 2014 के नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए कहा कि जारी नोटिफिकेशन में साफ कहा गया है कि यह शर्तें प्राचार्यों के लिए अनिवार्य नहीं है। याचिकाकर्ता का कहना है कि शिक्षा विभाग में ऐसे शिक्षक जो वर्षों से बीएड,बीटीआई व डीएलएड प्रशिक्षित हैं उनको लेना होगा 2019

एकीकृत भर्ती नियम बना है। आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत शिक्षकों का 2011 भर्ती नियम था। 2015 में शिक्षा विभाग में इनका संविलियन हो गया। शिक्षा कर्मियों का भर्ती नियम अलग था। 2018 में शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन हो गया। स्कूल शिक्षा विभाग का 2014 का अलग भर्ती नियम था। तीनों को एकीकृत भर्ती नियम बनाया गया। तीनों कैडर के शिक्षकों को शामिल किया गया।

सीधी भर्ती में बीएड की है अनिवार्यता

प्राचार्य के पदों पर सीधी भर्ती में बीएड डिग्री की अनिवार्यता रखी गई है। प्राचार्य के 10 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरने का प्रावधान है। इसके लिए बीएड डिग्रीधारकों को ही पात्र माना गया है। विभागीय पदोन्नति की शर्तों में प्रशिक्षित व मास्टर डिग्री की अनिवार्यता रखी गई है। प्राचार्य पदोन्नति फोरम के अनिल शुक्ला ने बताया कि हस्तक्षेप याचिका में इन्हीं नियमों व मापदंडों को आधार बनाया है।

लेक्चरर पद के प्रमोशन को लेकर हाई कोर्ट का आया था यह फैसला

लेक्चरर के पद पर प्रमोशन के लिए राज्य शासन द्वारा बनाए गए नियमों को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने लेक्चरर के पद पर पदोन्नति के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियम को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा था कि शिक्षा की गुणवत्ता कमत करना शिक्षा में गिरावट के समान है। राज्य सरकार ने व्याख्याता के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती एवं 50 प्रतिशत पद अनुभव के आधार पर पदोन्नति से भरने का नियम बनाया था।

ये है डिवीजन बेंच का महत्वपूर्ण फैसला

याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि शिक्षक पद पर भर्ती की न्यूनतम योग्यता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद एनसीटीई द्बारा तय की गई है। लेक्चरर पद पर प्रमोशन के लिए बीएड की योग्यता एनसीटीई के तहत बनाए गए 2014 के विनियमों के साथ असंगत 1993 का अधिनियम है। हाई या हायर सेकेंडरी स्कूलों के लिए आवश्यक योग्यता बीएड और प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक के लिए डीएलएड आवश्यक योग्यता है। व्याख्याता पद के लिए आवश्यक योग्यता बीएड है।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

Read MoreRead Less

Next Story