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Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ की इस यूनिवर्सिटी ने ये क्या कर दिया...UGC के नियमों की अनदेखी का मामला पहुंचा बिलासपुर हाई कोर्ट...

Bilaspur High Court: अपने संबद्ध कालेजों के लिए नियम कानून बनाने वाली छत्तीसगढ़ के इस यूनिवर्सिटी के आला अधिकारियों ने यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन UGC के नियमों का ही मखौल उड़ा दिया है। यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर प्राध्यापक की नियुक्ति का मामला बिलासपुर हाई कोर्ट पहुंच गया है। अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी बिलासपुर ने एक साथ दो निर्देशों की धज्जियां उड़ाई है। हाई कोर्ट की रोक के बाद प्राध्यापक की भर्ती कर दी। भर्ती में यूजीसी के नियमों को ही दरकिनार कर दिया है।

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ की इस यूनिवर्सिटी ने ये क्या कर दिया...UGC के नियमों की अनदेखी का मामला पहुंचा बिलासपुर हाई कोर्ट...
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Bilaspur High Court

By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर में प्राध्यापक भर्ती विवाद गहराते जा रहा है। बिलासपुर हाई कोर्ट की रोक के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कामर्स डिपार्टमेंट में प्रोफेसर के पद पर भर्ती कर दिया है। इस भर्ती को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। यूनिवर्सिटी का विवाद अब बिलासपुर हाई कोर्ट पहुंच गया है। सीएमडी कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. राजेश कुमार शुक्ला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर यूजीसी के मापदंडों के अनुसार भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि कामर्स के प्राध्यापक के बजाय मैनेजमेंट विषय के प्राध्यापक की नियुक्ति कर दी है। जो पूरी तरह यूजीसी गाइड लाइन के विपरीत है।

यूनिवर्सिटी ने कामर्स के प्राध्यापक पद पर डा अतुल दुबे की नियुक्ति कर दी है। असिस्टेंट प्रोफेसर डा राजेश शुक्ला ने कुलपति को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। डा दुबे की नियुक्ति को यूजीसी गाइड लाइन के विपरीत बताते हुए रद्द करने की मांग की है।

वीसी को लिखे पत्र में डा शुक्ला ने साफ कहा है कि यूनिवर्सिटी द्वारा 6 मार्च 2025 को जारी वेरिफिकेशन, नोटिफिकेशन त्रुटिपूर्ण है। पत्र में खुलासा करते हुए लिखा है कि डा. अतुल दुबे रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से संबद्ध श्रीराम इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी में कार्यरत हैं। यह प्रबंधन (मैनेजमेंट) विषय से संबंधित है। प्राध्यापक कार्मस के लिए कामर्स विषय में अनुभव अनिवार्य है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय द्वारा 13 अक्टूबर 2022 को जारी वरिष्ठता सूची में डा. दुबे का विषय मैनेजमेंट बताया गया है। डा दुबे के पास कामर्स विषय में अध्यापन काअनुभव नहीं है। डा शुक्ला ने सीजीपीएससी के दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए वीसी को लिखे पत्र में बताया है कि सीजीपीएससी ने कामर्स प्राध्यापक की भर्ती के लिए मैनेजमेंट को एलाउड विषय के रूप में मान्यता नहीं दी है।

यूजीसी का मिल रहा वेतनमान, भर्ती में नियमों की अनदेखी क्यों

डा शुक्ला ने यूजीसी मापदंडों का हवाला देते हुए बताया है कि एक तरफ डा दुबे यूजीसी मापदंडों व नियमों के तहत वेतन ले रहे हैं और दूसरी तरफ अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी बिलासपुर में कामर्स प्राध्यापक के पद पर भर्ती में यूजीसी नियमों की अवहेलना कर बैकडोर इंट्री भी कर रहे हैं। दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है। यूजीसी रेगुलेशन 2018 के तहत 10 वर्षों का अध्यापन अनुभव तभी मान्य होगा जब न्यूनतम वेतनमान प्राप्त हो।

हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर गंभीर आरोप

कामर्स प्रोफेसर नियुक्ति को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि विवि प्रशासन ने नियुक्ति संबंधी लिफाफा खोलने की तिथि से एक दिन पहले ही इसे ओपन कर दिया है। इससे चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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