Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur High Court: गैंगरेप- DNA व फोरेंसिक जांच रिपोर्ट ने आरोपियों को पहुंचाया सीखचों के पीछे

Bilaspur High Court: मूक-बधिर पीड़िता के साथ गैंगरेप करने वाले पांच आरोपियों को ट्रायल कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं में 25 साल की सजा सुनाई थी। आरोपियों ने अपने अधिवक्ता के माध्मय से चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में अपील पेश की थी। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने डीएनए रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच को सही ठहराया है। पढ़िए हाई कोर्ट ने क्या आदेश दिया है।

Bilaspur High Court: गैंगरेप- DNA व फोरेंसिक जांच रिपोर्ट ने आरोपियों को पहुंचाया सीखचों के पीछे
X
By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। गैंगरेप के आरोपियों की अपील पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। डिवीजन बेंच ने डीएनए जांच और फोरेंसिक रिपोर्ट को सही ठहराते हुए अपील खारिज कर दी है। डिवीजन बेंच ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि इस पूरे मामले में सही फैसला सुनाया है। कहीं पर भी कानूनी व तथ्यात्मक त्रुटि नजर नहीं आ रही है।

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के संजीव कुजूर, सूरज दास सहित पांच आरोपियों पर आईपीसी की धारा 366/34, 342/34 और 376 (डी) के तहत सामूहिक दुष्कर्म का जुर्म दर्ज किया गया था। 25 अगस्त 2019 को शाम को साप्ताहिक बाजार से मूक-बधिर पीड़िता को आरोपियों ने अगवा कर लिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता की चाची ने मरवाही पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई और बताया कि पड़ोस में उसका भाई रहता है। 22 वर्षीय बेटी जन्म से मूक बधिर है। इशारों से बातचीत करती है जिसे वह और उसकी मां समझती है। पीड़िता शाम को बाजार गई थी। रात 11 बजे के करीब रोती हुई घर लौटी और इशारे से बताया कि जब वह शाम बाजार से लौट रही थी तो पांच लड़कों ने उसे जबरदस्ती मोटरसाइकिल पर बिठाया और तालाब की सीढ़ियों पर ले गए। हाथ-पैर बांधकर बारी बारी से दुष्कर्म किया। उसने चेहरे, पीठ और कमर पर खरोंच के निशान दिखाए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मरवाही की अदालत में चालान पेश किया। 10 दिसंबर 2019 को परीक्षण के लिए मामला अतिरिक्त सत्र न्यायालय को सौंप दिया।

ट्रायल कोर्ट ने सुनाई 25 साल की सजा

पुलिस ने कोर्ट के सामने डीएनए व फोरेंसिक जांज रिपोर्ट पेश की थी। मामले की सुनवाई के बाद विचारण न्यायालय ने सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को अलग-अलग धाराओं में 25 साल की सजा सुनाई। ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए आरोपियों ने हाई कोर्ट में अपील पेश की थी। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए अपील खारिज कर दी है।

Next Story