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Teacher Promotion: हेड मास्टर के पद पर पदोन्नति के बाद पदस्थापना आदेश पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, पढ़िए हाई कोर्ट ने DPI को क्या आदेश जारी किया...

Teacher Promotion- सहायक शिक्षक सूरज कुमार सोनी शासकीय प्राथमिक शाला ग्राम चकरभाठा ने अपने अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर हेड मास्टर के पद पर पदोन्नति के बाद पदस्थापना को लेकर आपत्ति दर्ज करते हुए शासन के दिशा निर्देशों व तय मापदंड के आधार पर पदस्थापना की मांग की है। याचिका की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरु के सिंगल बेंच में हुई। याचिका की सुनवाई के बाद जस्टिस गुरु ने शिक्षकों की याचिका पर सहमति जताते हुए कुछ इस तरह का आदेश जारी किया है।

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Bilaspur High Court

By Radhakishan Sharma

Teacher Promotion: बिलासपुर। शिक्षक से हेड मास्टर के पद पर पदोन्नति के बाद बिना काउंसिलिंग किए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मनमाने ढंग से पदस्थापना आदेश जारी कर दिया है। हेड मास्टर के पद पर पदस्थापना आदेश को चुनौती देते हुए सूरज कुमार सोनी व अन्य शिक्षकों ने अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में विभाग के आला अधिकारियों पर हेड मास्टर के पद पर पदोन्नति आदेश जारी करने के नाम पर शासन के दिशा निर्देशों व मापदंडों का उल्लंघन का आरोप लगाया है। मामले की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरु के सिंगल बेंच में हुई। जस्टिस गुरु ने हेड मास्टर के पद पर पदोन्नति आदेश पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने डीपीआई को याचिकाकर्ता शिक्षकों के अभ्यावेदन पर 30 दिनों के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि तब तक याचिकाकर्ता शिक्षकों को संबंधित स्कूलों में काम करने की अनुमति दी जाती है जहां वे पदोन्नति से पहले काम कर रहे है

याचिकाकर्ता शिक्षकों ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर हेडमास्टरों की नियुक्ति के संबंध में राज्य शासन द्वारा 07/02/2022, 07/11/2022 और 29/03/2023 को जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का निर्देश देने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता संदीप दुबे औरअश्विनी शुक्ला ने कहा कि याचिकाकर्ता स्कूल शिक्षा विभाग के तहत सहायक शिक्षक (एलबी) के रूप में काम करते हुए और विभिन्न स्कूलों में पदस्थ थे। उन्हें हेडमास्टर के पद पर पदोन्नत किया गया था। याचिकाकर्ताओं के अनुसार डीपीआई ने हेडमास्टरों की पोस्टिंग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे।

0 इन नियमों के तहत की जानी थी पोस्टिंग

0 याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संदीप दुबे ने शासन के दिशा निर्देशों व मापदंडों का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि हेड मास्टर के पद पर पदस्थापना के लिए शासन ने नियम बनाए हैं। इसके अनुसार

यदि हेडमास्टर का पद उसी स्कूल में रिक्त है, जहां वे वर्तमान में सहायक शिक्षक के रूप में तैनात हैं। तो ऐसी स्थिति में शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को उसी संस्थान में पदस्थापित किया जाना चाहिए।

0 यदि पद एक ही ब्लॉक में हैं तो उन्हें उसी ब्लॉक में पदस्थापित किया जाना चाहिए। यदि ब्लॉक में कोई पद रिक्त नहीं है तब ऐसी स्थिति में उन्हें जिले के भीतर और यदि जिले में कोई पद रिक्त नहीं है तब उन्हें नजदीकी जिले में पदस्थापित किया जाना चाहिए। 27/12/2024 को पदोन्नति आदेश जारी होने के समय याचिकाकर्ता सहायक शिक्षक (एल.बी.) के पद पर तैनात थे और उनके संबंधित विद्यालयों में हेड मास्टर के पद रिक्त हैं, फिर भी याचिकाकर्ताओं को अन्य स्थानों पर पोस्टिंग दी गई है।

मामले की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरू के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता संदीप दुबे ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को हेड मास्टर के पद पर पदोन्नति के बाद काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया गया था, ताकि याचिकाकर्ताओं और इसी तरह हेड मास्टर्स को उनके पदोन्नति आदेश के अनुसार पदस्थापित किया जा सके।

अधिवक्ता दुबे ने कहा कि संबंधित अफसरों ने नियमों का ना केवल उल्लंघन किया है साथ ही उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना, याचिकाकर्ताओं को उनके द्वारा प्रस्तुत विकल्प के अनुसार पदस्थापना नहीं दी गई है। अधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया किस्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों व गाइड लाइन का हवाला देते हुए कोर्ट को जानकारी दी कि राज्य सरकार ने दिशा निर्देश जारी किया है कि यदि पद रिक्त हैं, तो पदोन्नत शिक्षकों को उसी स्कूल में पदस्थापित किया जा सकता है जहां से उन्हें पदोन्नत किया गया था। अधिवक्ता दुबे ने कोर्ट को बताया कि उक्त ब्लॉक व स्कूलों में ही हेड मास्टर के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं। अधिवक्ता ने शासन के नियमों के विपरीत पदास्थापनरा आदेश के प्रभाव व संचालन काे रद्द किया जाना चाहिए।

0 हाई कोर्ट का DPI को महत्वपूर्ण निर्देश

याचिका की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद, विशेष रूप से लोक शिक्षण संचालनालय 'डीपीआई' द्वारा 07.02.2022 को जारी परिपत्र को ध्यान में रखते हुए, और न्याय के हित में, याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया जाता है कि वे इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से 15 दिनों की अवधि के भीतर डीपीआई के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करें। राज्य शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार डीपीआई को 30 दिनों के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। तब तक शिक्षकों को हेड मास्टर के पद पर पदोन्नति आदेश के प्रभाव व संचालन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता शिक्षकों को संबंधित स्कूलों में काम करने की अनुमति दी जाती है जहां वे पदोन्नति से पहले काम कर रहे हैं।

0 इन शिक्षकों ने दायर की थी याचिका

- सूरज कुमार सोनी शासकीय प्राथमिक शाला ग्राम चकरभाठा, ब्लॉक बिल्हा, जिला बिलापुर (छ.ग.) में सहायक शिक्षक (एल.बी.

-हलधर प्रसाद साहू शासकीय प्राथमिक शाला फरहदा ब्लॉक बिल्हा, जिला बिलासपुर (छ.ग.) में सहायक शिक्षक (एल.बी.) के पद पर कार्यरत हैं।

- रमेश कुमार साहू शासकीय प्राथमिक शाला ढेका ब्लॉक बिल्हा, जिला बिलासपुर (छ.ग.) में सहायक शिक्षक (एल.बी.) के पद पर कार्यरत हैं।

- शिप्रा सिंह बघेल शासकीय प्राथमिक शाला बिजौर ब्लॉक बिल्हा, जिला बिलासपुर (छ.ग.) में सहायक शिक्षक (एल.बी.) के पद पर कार्यरत हैं।

- ज्ञानचंद पांडे पुत्र शासकीय प्राथमिक शाला चारपारा पांधी ब्लॉक बिल्हा, जिला बिलासपुर (छ.ग.) में सहायक शिक्षक (एल.बी.)।

0 इन विभागों को बनाया प्रमुख पक्षकार

1 सिकरेट्री स्कूल शिक्षा विभाग

2- डीपीआई

3- कलेक्टर बिलासपुर

4- जिला शिक्षा अधिकारी, जिला- बिलासपुर

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