Begin typing your search above and press return to search.

Supreme Court News: पीड़ित मुआवजा भुगतान: देशभर के स्पेशल और जिला कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश..

Supreme Court News: केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दुष्कर्म पीड़िताओं के अलावा एसटी,एसटी अत्याचार निवारण एक्ट व अन्य मामलों में पीड़ितों को मुआवजा देने का प्रावधान किया है। ट्रायल कोर्ट व जिला कोर्ट द्वारा फैसला सुनाते हुए पीड़ितों को क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि के भुगतान के संबंध में स्पष्ट आदेश जारी ना करने के कारण मुआवजा राशि नहीं मिल पाती है। इसी तरह के एक मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के ट्रायल कोर्ट और जिला कोर्ट के लिए आदेश जारी किया है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे प्रकरणों की सुनवाई के बाद अपने फैसले में पीड़ित मुआवज़ा के भुगतान के संबंध में विशिष्ट आदेश पारित करें। अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट्स द्वारा ऐसे निर्देश न दिए जाने के कारण पीड़ितों को मुआवज़ा प्राप्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

Supreme Court News:
X

Supreme Court News

By Radhakishan Sharma

Supreme Court News: दिल्ली। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दुष्कर्म पीड़िताओं के अलावा एसटी,एसटी अत्याचार निवारण एक्ट व अन्य मामलों में पीड़ितों को मुआवजा देने का प्रावधान किया है। ट्रायल कोर्ट व जिला कोर्ट द्वारा फैसला सुनाते हुए पीड़ितों को क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि के भुगतान के संबंध में स्पष्ट आदेश जारी ना करने के कारण मुआवजा राशि नहीं मिल पाती है। इसी तरह के एक मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के ट्रायल कोर्ट और जिला कोर्ट के लिए आदेश जारी किया है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे प्रकरणों की सुनवाई के बाद अपने फैसले में पीड़ित मुआवज़ा के भुगतान के संबंध में स्पष्ट आदेश पारित करें। अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट्स द्वारा ऐसे निर्देश न दिए जाने के कारण पीड़ितों को मुआवज़ा प्राप्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

ज्योति प्रवीन खंडपासोले ने जनहित याचिका दायर कर इस ओर सुप्रीम कोर्ट का ध्यान आकृष्ट कराया है। याचिकाकर्ता ने पीड़ित मुआवजा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की मांग की थी। पीआईएल की सुनवाई जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की डिवीजन बेंच में हुई।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने को जानकारी मिली कि अपराध के शिकार पीड़ितों को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण SLSA से मुआवज़ा पाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसा इसलिए, अधिकांश मामलों में ट्रायल कोर्ट्स अपराध की सजा या दोषसिद्धि के समय फैसला सुनाते वक्त मुआवज़ा भुगतान से संबंधित कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं करते। सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच ने कहा, पीड़ित मुआवज़ा वितरण में एक प्रमुख अवरोध यह है कि स्पेशल कोर्ट या सेशन कोर्ट पीड़ित को मुआवज़ा देने का निर्देश नहीं देते।

जागरुकता की कमी, अब जारी करना होगा विशिष्ट आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, मुआवजा के संबंध में जजों और संबंधित संस्थाओं में जागरूकता की कमी देखी गई। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि अब से सभी विशेष और सेशन कोर्ट प्रत्येक उपयुक्त मामले में पीड़ित मुआवज़ा संबंधी विशिष्ट आदेश जारी करें ताकि राज्य, जिला या तालुका स्तर पर विधिक सेवा प्राधिकरण इसे शीघ्र लागू कर सके। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश की प्रति देशभर के हाई कोर्ट को भेजने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट इसे प्रधान जिला जजों और स्पेशल जजों तक पहुंचाएंगे।

ज्यूडिशियल अकादमी के डायरेक्टर तक पहुंचे आदेश की काॅपी

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देशित किया है कि ज्यूडिशियल अकादमी के चेयरमैन तक आदेश की काॅपी भेेजी जाए। प्रशिक्षण के दौरान स्पेशल कोर्ट और सेशन कोर्ट के जजों को पीड़ित मुआवज़ा के भुगतान के संबंध में जागरूक किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्देश आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 357A भारत न्याय संहिता (BNSS) की धारा 396 तथा लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम और उसके नियमों के अनुरूप है।

Next Story