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Principle Promotion: 23 जुलाई तक अटका प्राचार्य पदोन्नति का मामला: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने रिज्वाइंडर पेश करने मांगा समय

Principle Promotion: प्राचार्य पदोन्नति के लिए तय किए गए नियम व मापदंड को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने रिज्वाइंडर पेश करने के लिए कोर्ट से समय मांगा। अधिवक्ता की मांग को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने समय दे दिया है। अगली सुनवाई के लिए 23 जुलाई का समय तय किया है।

Bilaspur Highcourt News
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By Radhakishan Sharma

Principle Promotion: बिलासपुर। प्राचार्य पदोन्नति मामला एक बार फिर अटक गया है। बुधवार को जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने रिज्वाइंडर पेश करने के लिए समय की मांग की। अधिवक्ता की मांग को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने समय दे दिया है। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 23 जुलाई की तिथि तय कर दी है।

प्राचार्य पदोन्नति के लिए राज्य शासन द्वारा तय किए गए मापदंड को चुनौती देते हुए नारायण प्रकाश तिवारी ने याचिका दायर की थी। सिंगल बेंच में बुधवार को याचिका की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने जैसे ही रिज्वाइंडर पेश करने की अनुमति मांगी राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसरों ने स्थगन आदेश को हटाने की मांग की। याचिका की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि प्राचार्य पदोन्नति में इसी तरह की आपत्तियों को लेकर आधा दर्जन शिक्षकों ने याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए शासन द्वारा तय मापदंडों को सही ठहराया है। इसी आधार पर मामले का निराकरण करने की मांग की। कोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को रिज्वाइंडर पेश करने की अनुमति दे दी है।

हाई कोर्ट में 9 जून से 17 जून तक लगातार सुनवाई हुई। जिसमे याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने तथ्यों के साथ पक्ष रखा था। वहीं अतिरिक्त महाधिवक्ता के साथ साथ इंटरविनर ने भी लाभार्थी व शासकीय पक्ष को मजबूती से रखा था। शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल को प्राचार्य पदोन्नति की सूची जारी की थी, जिसे हाई कोर्ट ने 1 मई रोक लगा दी थी।

प्राचार्य पदोन्नति विषय मे शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने सभी विषय पर पक्ष रखा था। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन की ओर से दायर हस्तक्षेप याचिका की अधिवक्ता अनूप मजूमदार, अमृतोदास,विनोद देशमुख, जमील अख्तर व अन्य नेलाभार्थियों के पक्ष में पैरवी की थी। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने सभी याचिकाओं व आपत्ति को खारिज करते हुए राज्य शासन द्वारा प्राचार्य पदोन्नति के लिए बनाए गए नियमों व मापदंडों को सही ठहराया था।

0 महाधिवक्ता ने नए शिक्षा सत्र का दिया हवाला

जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल के सिंगल बेंच में याचिका की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने नए शिक्षा सत्र का हवाला भी दिया। किंतु राहत नहीं मिली। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग व संचालक लोक शिक्षण छत्तीसगढ़ से भेंटकर इस विषय मे चर्चा की थी। स्कूल में प्राचार्य के अधिसंख्य पद रिक्त है, शालाओं में शिक्षण सत्र की तैयारियों में प्राचार्य की शीघ्र पदोन्नति जरूरी है। कोर्ट की सुनवाई के दौरान संजय शर्मा, मनोज सनाढ्य, मुकेश पांडेय, रामगोपाल साहू, राजेश शर्मा, चिंताराम कश्यप, चंद्रशेखर गुप्ता, तोषण गुप्ता, अनामिका तिवारी, मोहन तिवारी, पवन पटेल उपस्थित थे।

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