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Principal Promotion: प्राचार्य पदोन्नति को लेकर दायर याचिका पर अब हाई कोर्ट में तय समय पर होगी सुनवाई: 9 जून की सुनवाई पर लगी याचिकाकर्ताओं की नजर

Principal Promotion- प्राचार्य पदोन्नति में बीएड डिग्री की मान्यता को लेकर दायर याचिका की हाई कोर्ट में सुनवाई अब तय तिथि के अनुसार होगी। मामले की सुनवाई के लिए हाई कोर्ट ने 9 जून की तिथि तय कर दी है। हाई कोर्ट द्वारा पूर्व निर्धारित तिथि में सुनवाई को लेकर उस समय असमंजस की स्थित बन गई थी,जब हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने समर वेकेशन के पूर्व के आदेश को बदलते हुए दो जून से समर वेकेशन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया था।

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Bilaspur High Court

By Radhakishan Sharma

Principal Promotion: बिलासपुर। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल ने समर वेकेशन को लेकर पहले जारी किए गए आदेश को यथावत रखा है। इस संबंध में शनिवार को आदेश जारी कर स्थिति स्पष्ट कर दिया है। अब हाई कोर्ट में 24 दिन का समर वेकेशन रहेगा। जो 12 मई से छह जून तक जारी रहेगा। रजिस्ट्रार जनरल के आदेश के मद्देनजर हाई कोर्ट में सोमवार से समर वेकेशन प्रारंभ हो जाएगा। यह आदेश जारी होते हुए प्राचार्य पदोन्नित को लेकर दायर याचिका की सुनवाई को लेकर याचिकाकर्ताओं के साथ ही व्याख्याताओं व शिक्षक नेताओं में असमंजस की स्थिति देखी जा रही थी।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने महाधिवक्ता को पत्र लिखकर प्राचार्य पदोन्नति को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के लिए पहल करने की मांग कर दी थी। माना जा रहा है कि 16 जून से प्रारंभ होने जा रहे नए शिक्षा सत्र से पहले प्राचार्यविहिन स्कूलों को प्राचार्य मिल जाएंगे और नई व्यवस्था के तहत अध्ययन अध्यापन का कार्य भी शुरुआती दिनों से ही पटरी पर आते दिखाई देने लगेगा। प्राचार्य की पदोन्नति की बाधा दूर होते हुए प्रदेश के 3000 शालाओं और यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को प्राचार्य मिलेंगे। नई शिक्षा सत्र में प्राचार्य आने से शालाओं की तैयारी, छात्रों की व्यवस्था, अध्ययन प्लानिंग इत्यादि समस्त विषयों पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।

0 प्रमोशन की सभी प्रक्रियाओं पर हाई कोर्ट ने लगाई है 9 जून तक रोक

प्राचार्य प्रमोशन के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सभी प्रक्रियाओं पर 9 जून तक के लिए रोक लगा दी है। इस दिन याचिका की सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ज्वाइनिंग पर भी रोक लगा दी है।

0 प्राचार्य प्रमोशन को लेकर हाई कोर्ट में आधा दर्जन से ज्यादा याचिकाएं

प्राचार्य प्रमोशन को लेकर हाई कोर्ट में आधा दर्जन से अधिक याचिकाएं दायर की गई है। एक मामला 2019 से जुड़ा हुआ है, जबकि दूसरा प्रकरण 2025 और बीएड-डीएलएड से जुड़ा है। 28 मार्च 2025 को जब हाईकोर्ट की पिछली सुनवाई हुई थी, तो सरकार की ओर से कोर्ट को आश्वस्त किया गया था कि अगली सुनवाई तक प्राचार्य प्रमोशन का आदेश जारी नहीं किया जाएगा। इसके बाद भी 30 अप्रैल को प्रमोशन लिस्ट जारी कर दी गई। अगले दिन एक मई को हाई कोर्ट ने इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

0 नए शैक्षणिक सत्र से पहले आ जाएगा फैसला

सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कहा गया कि राज्य भर में प्राचार्यों के सैकड़ों पद खाली हैं। यह पद नहीं भरे गए तो नए शिक्षण सत्र में व्यवस्था और पढ़ाई पर असर पड़ सकता है। शासन ने प्राचार्य पद पर काउंसलिंग के साथ ही ज्वाइनिंग के आदेश देने की मांग की। याचिकाकर्ताओं ने इसका विरोध किया और कहा कि नया सत्र 16 जून से शुरू हो रहा है। हाई कोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश भी खत्म होने के बाद नियमित सुनवाई 9 जून से शुरू हो जाएगी। हाई कोर्ट ने इसे स्वीकार किया और कहा कि 9 जून तक शासन पूरी रिपार्ट पेश करे। उसी दिन अंतिम सुनवाई के बाद ही मामले में अंतिम आदेश भी जारी कर दिया जाएगा।

0 समर वेकेशन के दौरान ये होंगे ये कामकाज

. ग्रीष्मावकाश के दौरान सभी सिविल,आपराधिक व रिट मामले दायर किये जायेंगे।

. किसी भी आपात स्थिति में अवकाशकालीन जज चीफ जस्टिस की स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात अपने सुनवाई की अवधि को किसी अन्य जज के साथ बदल सकते हैं।

.अवकाशकालीन जज सुबह 10:30 बजे से डिवीजन बेंच में सुनवाई करेंगे। आपातकालीन स्थिति में न्यायालयीन समय के बाद भी सुनवाई जारी रख सकते हैं।

यदि समय मिला तो अवकाशकालीन जज खंडपीठ के मामलों के पूरा होने के बाद, सिंगल बेंच में सुनवाई करेंगे।

. ग्रीष्म अवकाश के दौरान, रजिस्ट्री शनिवार, रविवार और छुट्टियों को छोड़कर प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से शाम पांच बजे तक खुली रहेगी।

0 ये मामले किये जायेंगे सूचीबद्ध

सभी नई रिट, सिविल, आपराधिक मामलों के साथ ग्रीष्मावकाश के दौरान तत्काल सुनवाई के लिए आवेदन प्रस्तुत किए जाएंगे। नए और लंबित जमानत आवेदनों में, तत्काल सुनवाई के लिए आवेदन और ग्रीष्मावकाश के दौरान सुनवाई के लिए आवेदन की आवश्यकता नहीं है और उन्हें ग्रीष्मावकाश के दौरान सूचीबद्ध किया जाएगा।

. जमानत आवेदनों के अलावा अन्य लंबित मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए,अर्जेंट हियरिंग के आवेदन और ग्रीष्मावकाश के दौरान सुनवाई के लिए आवेदन देना होगा।

. अवकाशकालीन जज के समक्ष न पहुंचे मामलों को अगले अवकाशकालीन जज के समक्ष एक अलग सूची में सूचीबद्ध किया जाएगा।

. सुनवाई के दिन से पहले वाले कार्य दिवस को अपराह्न 1.30 बजे तक दायर किए गए मामलों, आवेदनों को उसी बैठक के दिन सूचीबद्ध करने पर विचार किया जाएगा तथा बैठक के दिन से ठीक पहले वाले दिन वाद सूची प्रकाशित की जाएगी।

0 समर वेकेशन के दौरान आठ दिन लगेगी कोर्ट, होगी मामलों की सुनवाई

13, 15, 20, 22, 27 और 29 मई तथा तीन और पांच जून, 2025 को अवकाशकालीन बेंच में मामलों की सुनवाई होगी।

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