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High Court News: लव जेहाद विवाद में युवक की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई, पति-पत्नी और परिजनों को भेजा गया मध्यस्थता केंद्र

मुस्लिम युवक ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर हिंदू युवती को अपनी पत्नी बताकर साथ रहने की मांग करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। युवती के परिजनों का आरोप है कि तौसीफ ने नाम बदला और हिंदू बन कर शादी की है। युवती बालिग है और युवक के साथ जाने की बात कह रही है। अदालत ने दोनों पक्षों को मध्यस्थता केंद्र भेजा है। मध्यस्थता केंद्र की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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Bilaspur High Court

By Radhakishan Sharma

बिलासपुर। हाई कोर्ट में युवक द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई हुई। यह मामला लव जेहाद से जुड़ा हुआ है। तौसीफ मेनन ने युवती को अपनी पत्नी बताते हुए कोर्ट से साथ-साथ रहने की आजादी देने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने अपनी पत्नी को कोर्ट में पेश करने की मांग की है। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिसअरविंद कुमार वर्मा ने दोनों पक्षों को मध्यस्थता केंद्र भेजने का निर्देश दिया है। दोनों पक्ष से बातचीत के बाद मध्यस्थता केंद्र हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेगा। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

कटघोरा निवासी एक कालेज छात्रा 21 अप्रैल 2025 को घर से कालेज जाने के बाद वापस घर नहीं लौटी। परिजनों ने तलाश के बाद कटघोरा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच के दौरान पता चला कि युवती को तौसीफ मेनन के साथ कोलकाता में देखा गया है। जहां मस्जिद में उसका निकाह कराया गया। पुलिस ने दोनों को कोरबा लाकर पूछताछ की। इसके बाद पुलिस ने युवती को तौसीफ के घर भेज दिया गया। इसके बाद हिंदू संगठनों के हस्तक्षेप के बाद उसे पहले सखी केंद्र और फिर शक्ति सदन कोरबा में रखा गया। तौसीफ ने खुद को युवती का पति बताते हुए हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है।

हाई कोर्ट ने 15 मई को याचिकाकर्ता को एक लाख रुपये की राशि कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता ने राशि जमा कर दी है। सुनवाई के दौरान युवती व उसके माता-पिता कोर्ट में उपस्थित थे। परिजनों के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि युवक ने नाम छिपाकर विवाह किया है, जो अवैधानिक है। कोर्ट ने कहा कि यद्यपि युवती बालिग है और युवक के साथ जाने की बात कह रही है, उसके भविष्य और सुरक्षा को देखते हुए मध्यस्थता आवश्यक है ताकि स्वजनों की भी संतुष्टि सुनिश्चित हो सके। अब मध्यस्थता केंद्र की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

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