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High Court News: PHE भर्ती में बड़ा बदलाव, BE डिग्रीधारियों को भी मिलेगा मौका, हाईकोर्ट ने सिर्फ डिप्लोमा आधारित नियमों को बताया भेदभावपूर्ण

High Court News: बिलासपुर हाई कोर्ट के एक फैसले से इंजीनियरिंग की डिग्रीधारी युवाओं को काफी राहत पहुंचाई है। हाई कोर्ट ने PHE लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में सब इंजीनियर के लिए बीई डिग्रीधारकों को आवेदन करने की छूट दी है। कोर्ट ने भर्ती नियम को आसमान भेद भावपूर्ण तथा अनुचित निर्णय तथा संविधान के विरुद्ध घोषित करते हुए निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि बीई डिग्री वाले ज्यादा योग्य है, सिर्फ डिप्लोमा होल्डर की भर्ती गलत है। पीएचई ने सब इंजीनियर के पद पर भर्ती के लिए डिप्लोमाधारकों को ही मान्य किया था।

High Court News: PHE भर्ती में बड़ा बदलाव, BE डिग्रीधारियों को भी मिलेगा मौका, हाईकोर्ट ने सिर्फ डिप्लोमा आधारित नियमों को बताया भेदभावपूर्ण
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By Radhakishan Sharma

High Court News: बिलासपुर। PHE लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में सब इंजीनियर भर्ती नियम को हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बीई डिग्रीधारी ज्यादा योग्य हैं। डिप्लोमाधारकों को पात्र घोषित कर देना एक असमान, भेदभावपूर्ण तथा अनुचित निर्णय है। संबंधित भर्ती नियमों को संविधान के विरुद्ध घोषित करते हुए कोर्ट ने मनमाना ठहराया है। कोर्ट ने माना कि बीई डिग्री वाले डिप्लोमाधारकों से ज्यादा योग्य हैं। अप्रैल में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में उप अभियंता भर्ती परीक्षा संपन्न हो चुकी है। जिसमें हाई कोर्ट ने पूर्व में बीई डिग्रीधारकों को अंतरिम राहत प्रदान की थी।

पीएचई में सब इंजीनियर भर्ती प्रक्रिया व नियमों को चुनौती देते हुए धगेन्द्र कुमार साहू ने अधिवक्ता प्रतिभा साहू के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार एवं संबंधित विभाग द्वारा उप अभियंता सिविल,मैकेनिकल व इलेक्ट्रिकल पद पर नियुक्ति के लिए बनाए गए भर्ती नियमों को याचिका में चुनौती दी थी। पीएचई ने नियमों के तहत केवल डिप्लोमाधारकों को ही सब इंजीनियर पद के लिए पात्र मानते हुए बीई डिग्रीधारी उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराया था। याचिकाकर्ता ने कहा कि वर्ष 2016 तक जब भी उक्त पदों पर भर्ती की गई, डिप्लोमाधारकों के साथ बीई डिग्रीधारकों की भी नियुक्ति की जाती थी। भले ही नियमों में डिप्लोमा की शर्त उल्लेखित रहा हो। बीई व डिप्लोमाधारक दोनों ही उम्मीदवारों को समान रूप से अवसर दिया जाता था। छत्तीसगढ़ सरकार और संबंधित विभाग द्वारा पीएचई में सब इंजीनियर की भर्ती के लिए पहली बार केवल डिप्लोमाधारकों को ही पात्र माना गया है। यह पक्षपातपूर्ण, भेदभावपूर्ण और मनमानी कार्यवाही है।

बीई-डिप्लोमाधारी, दोनों को मिले समान अवसर-

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में याचिका की सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की विस्तृत बहस सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने कहा कि बीई. डिग्रीधारी उम्मीदवार तकनीकी रूप से अधिक योग्य होते हैं। उन्हें ऐसे पदों से वंचित करना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है। कोर्ट ने यह भी माना कि सरकार द्वारा वर्षों से बीई. एवं डिप्लोमाधारकों को नियुक्त करने की परंपरा रही है।

हो चुकी हैं भर्ती परीक्षा-

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में 118 पद सिविल और 10 पद विद्युत/ यांत्रिकी की भर्ती हेतु व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने विज्ञापन जारी किया था। जारी विज्ञापन में डिप्लोमा डिग्रीधारियों को ही परीक्षा हेतु पात्र माना गया था। भर्ती परीक्षा 27 अप्रैल 2025 को संपन्न हो चुकी है। हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए परीक्षा में बीई डिग्रीधारियों को शामिल करने के आदेश दिया था।

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