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High Court News: शराब घोटाला मामला: हाईकोर्ट ने चैतन्य बघेल की याचिका खारिज, नई याचिका दायर करने की छूट

High Court News: शराब घोटाले में कमीशनखोरी और ब्लैक मनी को व्हाइट करने के आरोप से घिरे छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। याचिकाकर्ता के EOW द्वारा दायर एफआईआर के संबंध में नई याचिका दायर की छूट दी है।

High Court News: शराब घोटाला मामला: हाईकोर्ट ने चैतन्य बघेल की याचिका खारिज, नई याचिका दायर करने की छूट
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By Supriya Pandey

High Court News: बिलासपुर। चैतन्य बघेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया है। शराब घोटाला और मनी लांड्रिंग में फंसे चैतन्य बघेल ने ईडी व ईओडब्ल्यू की कार्रवाई को चुनौती दी थी। याचिका में राजनीतिक विद्वेषवश फंसाने का आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता चैतन्य बघेल ने ईओडब्ल्यू की कार्रवाई को गलत बताया था। मामले की सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने चैतन्य बघेल को नई याचिका दायर करने की सशर्त छूट दी है। कोर्ट ने कहा कि अगली बार याचिका केवल चैतन्य बघेल की ओर से पेश होनी चाहिए,किसी और की नहीं।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल ने बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत देने की मांग की थी। दायर याचिका में चैतन्य ने ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए राजनीतिक विद्वेषवश फंसाए जाने का आरोप लगाया है।

शराब घोटाले में एक हजार करोड़ रुपये की कमीशनखोरी के आरोप में ईडी ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए चैतन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। दायर याचिका में जमानत की मांग की थी। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करने कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर हाई कोर्ट से कहा था कि याचिका दायर करने की स्थिति में उनकी याचिका पर तय समय में सुनवाई प्रारंभ की जाए।

चैतन्य बघेल के साथ ही पूर्व सीएम ने शराब घोटाला, कोल स्कैम व महादेव सट्टा एप में संलिप्तता के आरोप में ईडी द्वारा गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। पिता व पुत्र की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने पिता व पुत्र को हाई कोर्ट में याचिका दायर करने कहा था।

छत्तीसगढ़ में शराब, कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी ED के निशाने पर हैं।प्रवर्तन निदेशालय ED, आर्थिक अपराध शाखा EOW और केंद्रीय जांच ब्यूरो CBI घोटाले की अपने अपने स्तर पर जांच कर रही है।

गिरफ्तारी से बचने भूपेश बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। पूर्व सीएम की ओर दो अलग-अलग अग्रिम जमानत याचिका लगाई दायर की गई थी। जिसमें एक ED और उसके उप निदेशक के खिलाफ है। दूसरी याचिका CBI, छत्तीसगढ़ राज्य और उत्तर प्रदेश राज्य के खिलाफ है।

ED ने चैतन्य पर लगाए ये आरोप

शराब घोटाले में पूछताछ में शराब कारोबारी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू ने EOW को बयान दिया था कि, उसने और चैतन्य बघेल ने मिलकर 1000 करोड़ से ज्यादा घोटाले की रकम को हैंडल किया। यह कैश अनवर ढेबर ने दीपेन चावड़ा को पहुंचाया। यह पैसा बाद में राम गोपाल अग्रवाल को दिया गया।

इसकी व्यवस्था चैतन्य बघेल के साथ मिलकर की गई और चैतन्य बघेल के कहने पर 1000 करोड़ में से 100 करोड़ कैश केके श्रीवास्तव को दिया गया। पप्पू बंसल ने पूछताछ में ये भी बताया कि शराब घोटाले से 3 महीने में 136 करोड़ रुपए मिले हैं। अनवर ढेबर और नीतेश पुरोहित के बीच चैट में हुई बातचीत में इसकी जानकारी है। त्रिलोक सिंह ढिल्लो ने अपने कर्मचारियों के नाम पर 5 करोड़ देकर 'बघेल डेवलपर्स' से 19 फ्लैट खरीदे - जो ED के मुताबिक फर्जी खरीदी है।

ब्लैक मनी को किया व्हाइट

ईडी ने चैतन्य बघेल पर आरोप गया है, शराब घोटाले से मिले ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए अपने रियल स्टेट के धंधे में लगाया है।

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