हाई कोर्ट जज से जान पहचान बताने वाला नटवर लाल पटवारी भी नहीं, हमनाम का उठा रहा फायदा
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जज से जान पहचान का झांसा देकर हत्या के मामले में जेल में बंद तीन लोगों को जमानत दिलाने के नाम पर महिला से छह लाख रुपये वसूलने वाला शातिर ठग पटवारी भी नहीं है। महिला को ठगने के लिए उसने हमनाम पटवारी का फायदा उठाया। नटवार के किस्से अब उजागर होने लगा है। पटवारी संघ ने इस संबंध में हमनाम का फायदा उठाकर जालसाजी करने वाले नटवार लाल कुलदीप पाण्डेय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि कुछ दिन पहले जमीन के फर्जीवाड़े में नटवार लाल कुलदीप पाण्डेय एवं जितेन्द्र सिंह ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जज से जान पहचान का झांसा देकर हत्या के मामले में जेल में बंद तीन लोगों को जमानत दिलाने के नाम पर महिला से छह लाख रुपये वसूलने वाला शातिर ठग पटवारी भी नहीं है। महिला को ठगने के लिए उसने हमनाम पटवारी का फायदा उठाया। नटवार के किस्से अब उजागर होने लगा है। पटवारी संघ ने इस संबंध में हमनाम का फायदा उठाकर जालसाजी करने वाले नटवार लाल कुलदीप पाण्डेय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि कुछ दिन पहले जमीन के फर्जीवाड़े में नटवार लाल कुलदीप पाण्डेय एवं जितेन्द्र सिंह ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
नटवरलाल कहें या फिर जालसाज कुलदीप पांडेय ने एक महिला से छह लाख रुपये ठगने के लिए अपने आपको पटवारी बता दिया। दरअसल बिल्हा में कुलदीप नाम का पटवारी पदस्थ है। हमनाम का फायदा उठाया और परेशानहाल महिला को ठग लिया। ठगे जाने के बाद जब महिला ने थाने में शिकायत दर्ज कराई और मीडिया में खबरें प्रकाशित हुई, तब पटवारी संघ ने इस बात की पतासाजी करना शुरू किया। तब पता चला कि जालसाज कुलदीप पांडेय ने हमनाम का फायदा उठाते हुए अपने आपको पटवारी बता दिया। नाम एक ही होने के कारण ना तो महिला को शक हुआ और ना ही जान पहचान वालों को। बिल्हा में पटवारी के रूप में पदस्थ होने की बात कहते हुए हाई कोर्ट के जज से सीधेतौर पर अपनी पहचान बता दी।
दुर्ग जिले के धमधा क्षेत्र अंतर्गत नंदिनी नगर में रहने वाली शशि बंदे ने धोखाधड़ी की शिकायत की है। महिला ने बताया कि उनके पिता दशरथ भारती और दो भाई हत्या और बलवा के मामले में जेल में बंद हैं। दुर्ग जिला एवं सत्र न्यायालय से उन्हें आजीवन कारावास हुई है। पिता और भाई की जमानत कराने के लिए उनके परिचित पारस बेहरा और रजनी बोहरा ने उसलापुर में रहने वाले कुलदीप पांडेय (45) से मिलाया। कुलदीप पांडेय ने अपने आपको बिल्हा में पटवारी के पद पर पदस्थ होने की बात पहले से प्रचारित कर दिया था। उसने हाईकोर्ट के जज से परिचय होने की बात कही। हत्या के मामले में बंद महिला के पिता और भाईयों की जमानत कराने के लिए छह लाख रुपये की मांग की। कुलदीप जो अपने आपको पटवारी बता रहा था,उसकी बातों में आकर महिला ने 2019 में एडवांस में एक लाख पचास हजार रुपये दिए। इसके बाद उन्होंने कुलदीप के एकाउंट में 49 हजार रुपये डलवाए।
दो महीने बाद उसने जल्द ही जमानत होने की बात कहते हुए दो लाख 50 हजार रुपये मांगे। इस पर महिला ने तिफरा में रहने वाली रिश्तेदार के घर पर कुलदीप को रुपये दिए। इसका वीडियो भी उन्होंने बना लिया। जनवरी 2020 में उसने जमानत हो जाने की बात कहते हुए एक लाख 50 हजार रुपये मांगे। महिला ने कैलाश ताम्रकर के हाथ रुपये भिजवाए। रुपये लेकर कुलदीप ने कैलाश को जमानत के पेपर दे दिए। बाद में पता चला कि जमानत के पेपर फर्जी हैं। इस पर महिला ने कुलदीप से संपर्क कर अपने रुपये वापस मांगे। इस पर वह टालमटोल करने लगा। बाद में उसने महिला को धमकी देते हुए रुपये देने से इन्कार कर दिया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।
0 एक और मामला आया सामने
ज़मीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर ख़रीदी बिक्री के मामले में ठग कुलदीप पांडेय के खिलाफ सकरी तहसीलदार ने बीते दिनों सकरी थाने में FIR दर्ज कराया था। 11.11.2024 को सकरी तहसीलदार अश्वनी कुमार कंवर ने थाना सकरी में भूइयां एप सिटीजन पोर्टल में फर्जी रजिस्ट्री पेपर अपलोड कर नामातंरण कराने के संबंध में धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2) बीएनएस के तहत 05 अलग-अलग अपराध दर्ज कराया था। मामला सामने आते ही मुख्य आरोपी कुलदीप पाण्डेय एवं जितेन्द्र सिंह ठाकुर फरार हो गए थे। पुलिस ने गिरफ्तार कर दोनों को जेल भेज दिया है।