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Chhattisgarh: चीफ जस्टिस ने ऐसा क्यों कहा-टाइगर हिंदुस्तान में जल्दी मिलता नहीं, अफसोस ये कि जो है उसे भी नहीं बचा पा रहे

गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व एरिया से लगे जंगल में बीते दिनों एक टाइगर की मौत हो गई थी। वन विभाग ने पीएम रिपोर्ट के बाद बताया कि मौत का कारण जहरखुरानी है। सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने टाइगर की मौत को स्वत: संज्ञान में लेते हुए पूर्व की पीआईएल में मर्ज करने कहा है। नाराज चीफ जस्टिस ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को नोटिस जाारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस की नाराजगी यहीं कम नहीं हुई, उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में टाइगर की यह दूसरी मौत है, टाइगर हिन्दुस्तान में जल्दी मिलता भी नहीं है। जो है उसे संरक्षित और सुरक्षित भी नहीं कर पा रहे हैं। वाइल्ड लाइफ नहीं बचा पाएंगे,जंगल नहीं बचा पाए तो क्या करेंगे। क्या बचेगा।

Chhattisgarh: चीफ जस्टिस ने ऐसा क्यों कहा-टाइगर हिंदुस्तान में जल्दी मिलता नहीं, अफसोस ये कि जो है उसे भी नहीं बचा पा रहे
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By Radhakishan Sharma

Chhattisgarh: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के जंगल में वाइल्ड लाइफ को सुरक्षित रखने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सूरजपुर जिले के गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व एरिया में बीते दिनों टाइगर की मौत को लेकर जवाब-तलब किया। चीफ ने टाइगर की मौत को लेकर नाराजगी जताई। सीजे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जंगल और वन्य प्राणियों को नहीं बचा पाएंगे तो करेंगे क्या। नाराज चीफ जस्टिस ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। डिवीजन बेंच ने पीआईएल की सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तिथि तय कर दी है।

चीफ जस्टिस ने वन विभाग और राज्य शासन के अधिवक्ताओं से पूछा कि वाइल्ड लाइफ के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में क्या कदम उठाए जा रहे हैं। विभाग के साथ ही राज्य शासन की क्या योजना है। हर हाल में जंगल और वन्य प्राणियों की सुरक्षा जरुरी है। इसके लिए ठोस कदम उठाने होंगे। राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने टाइगर की मौत को लेकर कोर्ट को जानकारी दी। विभाग की ओर से टीम गठित कर जांच पड़ताल की जानकारी भी दी।

महाधिवक्ता के जवाब के बाद डिवीजन बेंच ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को शपथ पत्र के साथ जानकारी देने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस ने वन विभाग के अफसरों से पूछा कि वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। अगली सुनवाई के दौरान पूरी योजना के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है।

8 को वन विभाग को टाइगर के मौत की मिली जानकारी

वन विभाग की ओर से जारी आधिकारिक जानकारी में बताया गया है कि 08.11.2024 को समय अपरान्ह 01 बजे ग्रामीणों से बीट गार्ड को सूचना मिली कि ग्राम कटवार के पास खनखोपड़ नाला के किनारे बाघ की मृत्यु हुई है। घटना स्थल बीट गरनई, सर्किल रामगढ़, परिक्षेत्र सोनहत, कोरिया वनमण्डल के पास है। इसकी जानकारी आला अफसरों को दी गई। सूचना के बाद डीएफओ कोरिया, संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर, एसडीओ उत्तर बैकुन्ठपुर, मुख्य वन संरक्षक सरगुजा वन वृत्त अम्बिकापुर, वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सरगुजा मौके पर पहुंचे। वन विभाग के कर्मचारियों की टीम के द्वारा घटना स्थल के आसपास 1.5 से 2 कि.मी. परिधि में तलाशी की गई। प्रथम दृष्टया शव 2-3 दिन पुराना है। 09.11.2024 को वन विभाग, पुलिस विभाग, एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में 4 सदस्यीय पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा पोस्ट मार्टम किया गया। पीएम रिपोर्ट में बाघ की मौत का कारण जहरखुरानी बताया गया है। पीएम के बाद शव को नियमानुसार वन अफसरों की मौजूदगी में दाह संस्कार किया गया।

0 एक हाथी की हो गई मौत

सोमवार को बलरामपुर वन परिक्षेत्र के चलगली से लगे मुरका व आसपास के गांव में एक हाथी की खेत में मौत हो गई है। मौत के कारणों की जानकारी फिलहाल नहीं मिल पाई है। वन विभाग के आला अफसरों की मौजूदगी में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा पीएम किया जा रहा है। पीएम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणाें का खुलासा होगा। बीते तीन दिनों से विचरण कर रहा था।

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