CG: रिटायरमेंट में एक साल बाकी तो नहीं होगा तबादला, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर
CG: कोरबा नगर निगम में ईई के पद पर पदस्थ अरुण शर्मा के रिटायरमेंटको पांच महीने आठ दिन शेष है। राज्य सरकार ने नियम कानून से परे जाते हुए कोरबा नगर निगम से बिलासपुर नगर निगम के लिए तबादला आदेश जारी कर दिया। मामला हाई कोर्ट पहुंचा। हाई कोर्ट ने राज्य शासन के आदेश पर रोक लगा दी है।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का मौजूदा फैसला प्रदेश के विभिन्न विभागों में काम करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। अगर किसीअधिकारी व कर्मचारी का रिटायरमेंट में एक साल की अवधि शेष है तो उनका अन्यत्र तबादला नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने काेरबा नगर निगम के ईई अरुण शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला दिया है। दरअसल इंजीनियर अरुण शर्मा के रिटायरमेंट में पांच महीने का समय शेष है। शासन द्वारा तय पालिसी का हवाला देते हुए इंजीनियर शर्मा ने याचिका दायर की थी।
बीते चार दिनों से विभिन्न विभागों के लिए थोक में तबादला आदेश जारी किया जा रहा है। कई में गड़बड़ियां भी हो रही है. ऐसे ही एक मामला कोरबा नगर निगम का है। यहां ईई के पद पर पदस्थ इंजीनियर अरुण शर्मा का तबादला बिलासपुर नगर निगम के लिए कर दिया है। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा किए गए तबादले को चुनौती देते हुए इंजीनियर शर्मा ने अपने अधिवक्ता के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
दायर याचिका में राज्य शासन द्वारा बनाए गए तबादला नीति और मापदंडों को हवाला दिया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाए गई तबादला नीति में साफ उल्लेख है कि यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी के रिटायरमेंट में एक साल की अवधि शेष है तो उनका अन्यत्र तबादला नहीं किया जाएगा। याचिका के अनुसार राज्य शासन ने अपनी ही बनाई तबादला नीति का उनके मामले में सीधा-सीधा उल्लंघन किया है। याचिकाकर्ता इंजीनियर ने बताया कि उनके रिटायरमेंट में पांच महीने का ही समय शेष है। यह जानते हुए भी विभागीय अफसरों ने तबादला कर दिया है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन द्वारा जारी तबादला आदेश पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता को रिटायरमेंट तक कोरबा नगर निगम में अपनी सेवाएं देने की छूट दी है।
ये दिक्कतें ना आए इसलिए बनाई है पालिसी
अधिकारी या कर्मचारी रिटायरमेंट के पहले जिस जगह पर कार्यरत हैं उनको वहीं रिटायरमेंट पूरा करने की छूट शासन ने दी है। इसके पीछे सेवानिवृति के बाद रिटायरमेंटल ड्यूज,पेंशन प्रकरण सहित अन्य भुगतान में किसी तरह की कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े। सेवावधि के अंतिम दिनों में जहां से वेतन का आहरण कर्मचारी करते हैं वहां पेंशन सहित रिटायरमेंटल ड्यूज के सभी काम आसानी के साथ पूरा कर लिया जाता है।