Begin typing your search above and press return to search.

CG Liquor Scam: शराब घोटाला, अरुणपति त्रिपाठी व ढिल्लन की जमानत याचिका पर एक महीने बाद आया हाई कोर्ट का फैसला...

CG Liquor Scam: अरुणपति त्रिपाठी और शराब कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन ने EOW द्वारा शराब घोटाले में दर्ज FIR को चुनौती दी थी, मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने आर्डर रिजर्व रख लिया था! एक महीने बाद कोर्ट का फैसला आया है !

CG Liquor Scam: शराब घोटाला, अरुणपति त्रिपाठी व ढिल्लन की जमानत याचिका पर एक महीने बाद आया हाई कोर्ट का फैसला...
X
By Radhakishan Sharma

CG Liquor Scam: बिलासपुर ! शराब घोटाला मामले में आरोपी अरुणपति त्रिपाठी और त्रिलोक सिंह ढिल्लन की ज़मानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. आरोपियों ने EOW द्वारा शराब घोटाला मामले में दर्ज एफआइआर को चुनौती दी थी ! याचिकाकर्ताओं ने इसे आधार बनाकर जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर जस्टिस अरविंद वर्मा की कोर्ट में सुनवाई हुई, दोनों पक्षों को सुनने के बाद बीते माह हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था,! एक महीने बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है !

बता दें कि ED ने शराब घोटाले मामले में मई 2023 में आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और शराब वितरण कंपनी सीएसएमसीएल के पूर्व एमडी अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के बाद ईडी ने चालान पेश किया था, मामले की सुनवाई के बाद ईडी की विशेष अदालत ने त्रिपाठी को जेल भेज दिया था! त्रिपाठी ने ईडी के विशेष अदालत में जमानत अर्जी लगाई, जमानत आवेदन खारिज होने पर अपने अधिवक्ता के जरिये हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी! हाईकोर्ट ने पहली बार जमानत खारिज कर दिया, लेकिन दूसरी बार में जमानत दे दिया था.!

इसी दौरान EOW ने शराब घोटाले और नकली होलोग्राम पर केस दर्ज कर जांच शुरू की, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए EOW ने एपी त्रिपाठी और कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन को गिरफ्तार क्र जेल भेज दिया ! गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए ढिल्लन व त्रिपाठी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अलग अलग याचिका दायर की थी ! याचिकाकर्ताओं ने ईडी और एसीबी की कार्रवाई को झूठा बताते हुए कहा, कि जिस प्रकरण में उन्हें पहले से जमानत मिल गई है! अब उसी मामले में EOW ने दूसरी बार FIR किया है, जो अवैधानिक है! मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने जमान दें से इंकार करते हुए याचिका बको खारिज कर दिया है !

Next Story