CG High Court News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के इस फैसले से निकाय चुनाव से टला संकट, सरकार को मिली राहत
CG High Court News: नगरीय चुनाव के लिए महापौर पद के आरक्षण में मनमानी करने व राज्य शासन द्वारा 7 जनवरी 2025 को जारी अधिसूचना को रद्द करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की गई थी।

CG High Court News: बिलासपुर। नगरीय चुनाव के लिए महापौर पद के आरक्षण में मनमानी करने व राज्य शासन द्वारा 7 जनवरी 2025 को जारी अधिसूचना को रद्द करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की गई थी। सभी याचिकाओं पर जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में सुनवाई चल रही थी। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
एवज देवांगन, डोमेश देवांगन सहित अन्य ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। निकाय चुनाव 2025 में प्रदेश के सभी नगर निगम में मेयर पद के आरक्षण में प्रक्रिया का पालन नहीं करने व अनियमितता का आरोप लगाया था। याचिकाकर्ताओं ने राज्य शासन द्वारा 7 जनवरी 2025 को जारी अधिसूचना की संपूर्ण कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी। इसके अलावा 20-1-2025 को जारी चुनाव अधिसूचना को रद्द करने की मांग की थी।
राज्य की ओर से जवाब प्रस्तुत कर बताया कि याचिकाकर्ता की शिकायतें पूरी तरह से गलत है और इसका कोई कारण नहीं है। 07.01.2025 को आरक्षण कार्यवाही आयोजित की गई । नगर निगम के महापौर पद का आरक्षण एवं अधिसूचना 15.01.2025 सभी परिणामी सहित राज्य द्वारा जारी की गई। राजनांदगांव, चिरमिरी, रिसाली और जगदलपुर नगर निगम ओबीसी और यूआर महिला के लिए ड्रा द्वारा निगमों का चयन किया गया । अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को उनकी जनसंख्या के अनुपात के आधार पर दिया जाएगा।
अधिकतम 50% सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित होंगी। महिला एसटी, महिला एससी और ओबीसी महिला और के लिए क्षैतिज आरक्षण यूआर महिला का कार्य लाटरी निकालकर एवं प्रक्रिया अपनाकर किया जाता है। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि संपूर्ण अधिसूचना में अवैधता या अनियमितता कार्यवाही नहीं है। यह निष्पक्ष एवं उचित है। इसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है । राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की अधिसूचना पहले ही जारी कर दी गई है। इसलिए यह न्यायालय चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। सभी याचिकाएं, बिना आधार के, होने के कारण खारिज कर दिया गया।