Begin typing your search above and press return to search.

BJP मेयर केंडिडेट के जाति मामले में BSP प्रत्याशी ने हाई कोर्ट से याचिका ली वापस.... ऐसा क्यों हुआ, जानिए क्या है मामला?

नामांकन पत्रों की जांच के दौरान बिलासपुर नगर निगम से भाजपा की मेयर प्रत्याशी एल पद्मजा पूजा विधानी के जाति को लेकर जमकर राजनीति गरमाई थी। कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई थी। निर्वाचन अधिकारी ने आपत्ति को खारिज कर दिया था। यह मामला यही थमा नहीं। बसपा के मेयर केंडिडेट आकाश मौर्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान ऐसा कुछ हुआ कि याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका को वापस ले लिया है। पढ़िए क्या है पूरा मामला।

BJP मेयर केंडिडेट के जाति मामले में BSP प्रत्याशी ने हाई कोर्ट से याचिका ली वापस.... ऐसा क्यों हुआ, जानिए क्या है मामला?
X
By Radhakishan Sharma

बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम मेयर चुनाव के लिए भाजपा ने पूर्व सभापति अशोक विधानी की पत्नी एल पद्मजा पूजा विधानी को उम्मीदवार बनाया है। पूजा विधानी ने नामांकन पत्र के साथ ओबीसी जाति से संंबंधित प्रमाण पत्र पेश किया है। उनकी जाति प्रमाण पत्र पर आपत्ति दर्ज कराते हुए बसपा के मेयर केंडिडेट आकाश मौर्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।याचिका दायर करने के साथ ही याचिकाकर्ता ने शीघ्र सुनवाई की मांग की थी।

बुधवार को याचिका की जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। याचिका दायर करते वक्त लिपिकीय त्रुटि के चलते याचिकाकर्ता को जरुरी संशोधन के लिए अपनी याचिका वापस लेनी पड़ी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने हाई कोर्ट से जरुरी संशोधन की मांग करते हुए याचिका वापस लेने की बात कही। हाई कोर्ट ने अधिवक्ता की मांग को स्वीकार कर याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है। दरअसल याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में निर्वाचन अधिकारी को प्रमुख पक्षकार बनाने के बजाय चुनाव अधिकारी को पक्षकार बना दिया था।

0 क्या है मामला

बिलासपुर नगर निगम मेयर चुनाव के लिए भाजपा ने पूर्व सभापति अशोक विधानी की पत्नी एल पद्मजा पूजा विधानी को उम्मीदवार बनाया है। पूजा विधानी ने नामांकन पत्र के साथ ओबीसी जाति से संंबंधित प्रमाण पत्र पेश किया है। उनकी जाति प्रमाण पत्र पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवार प्रमोद नायक ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से निर्वाचन अधिकारी के समक्ष आपत्ति पेश की थी। इस पर निर्वाचन अधिकारी ने सुनवाई के लिए समय तय किया था।

तय समय में सुनवाई प्रारंभ हुई। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क सुनने के बाद निर्वाचन अधिकारी ने जाति प्रमाण पत्र को सही ठहराते हुए कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद नायक की आपत्ति को निर्वाचन अधिकारी ने खारिज कर दिया था। कांग्रेस उम्मीदवार ने तब आरओ पर आरोप लगाया था कि भाजपा प्रत्याशी द्वारा जाति प्रमाण पत्र के संबंध में दस्तावेज की मांग की थी। इसे नहीं दिया जा रहा है।

Next Story