Bilaspur Highcourt News: जग्गी हत्याकांड के याहया ढेबर, शूटर चिमन सिंह समेत 27 दोषियों की सजा यथावत, हाईकोर्ट ने जिला कोर्ट के फैसले को ठहराया सहीं...
Bilaspur Highcourt News: प्रदेश के पहले राजनैतिक हत्याकांड माने जाने वाले रामवतार जग्गी हत्याकांड के मामले में याहया ढेबर, शूटर चिमन सिंह समेत 27 आरोपियों की उम्रकैद की सजा को हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। मामले में सीबीआई जांच के बाद अदालत में चालान पेश किया गया था। जिस पर सत्र न्यायायल ने 27 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जिसे उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर। 21 साल पहले 4 जून 2003 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष राम अवतार जग्गी के हत्याकांड के मामले में 27 आरोपियों की आजीवन कारावास की सजा को हाईकोर्ट ने बरकरार रखी है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने जिला न्यायालय के फैसले को सही ठहराते हुए 27 आरोपियों की याचिका खारिज कर दी। सभी का आजीवन कारावास बरकार रखा गया है।
4 जून 2003 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता रामावतार जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त कांग्रेस से अलग होकर दिग्गज नेता विद्याचरण शुक्ला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में चले गए थे। उनके करीबी रामवतार जग्गी की गोली मारकर हत्या हुई थी। जिसमें दो तत्कालीन सीएसपी और एक थाना प्रभारी समेत कुल 31 लोगों को अभियुक्त बनाया था। 31 आरोपियों में बल्टू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। अमित जोगी को छोड़कर बाकी 28 लोगों को सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा दी थी। अमित जोगी बरी हो गए थे।
पूरा मामला रायपुर के मौदहापारा थाना इलाके की है। मामले में सरकारी दवाव की बात आने पर मामले को सीबीआई जांच के लिए सौंप दिया गया था। सीबीआई जांच के बाद चालान पर साक्ष्यों के साथ सत्र न्यायालय ने 27 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी थी। जिसे आरोपियों ने निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
हत्याकांड में पर्याप्त सबूत के बिना सत्र न्यायालय द्वारा सजा देने की बात आरोपियों के वकीलों ने कही। जिसका विरोध करते हुए सीबीआई के वकीलों की ओर से तर्क दिया गया कि हत्या कांड की जांच कर पर्याप्त सबूत के साथ आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट पेश की गई थी। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सभी आरोपियों की अपील खारिज कर दी।
इनकी हुई अपील खारिज:–
अभय गोयल, याहया ढेबर, वीके पांडे, फिरोज सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, चिमन सिंह, सुनील गुप्ता, राजू भदोरिया, अनिल पचौरी, रविंद्र सिंह, रवि सिंह, लल्ला भदौरिया, धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौर,संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा ( मृत), विक्रम शर्मा, जबवंत, विश्वनाथ राजभर। इन सभी की अपील राशि का खारिज कर दी गई है और हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने उनकी आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है जबकि अमित जोगी को बरी करने के खिलाफ रामअवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी की सुप्रीम कोर्ट में अपील के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से अमित ने स्टे ले रखा है। मामले की सुनवाई के जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद वर्मा की डिवीजन बेंच में हुई।