Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur Highcourt News: हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर ठोका 10 हजार रुपए जुर्माना: समय बर्बाद करने से बढ़ी कोर्ट की नाराजगी

Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर हाईकोर्ट ने दुर्ग नगर निगम से जुड़े एक मामले में दायर याचिका को अस्पष्ट और त्रुटिपूर्ण पाते हुए खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता पर अदालत का समय खराब करने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि रायपुर स्थित शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय माना कैंप को दी जाएगी।

Bilaspur Highcourt News: हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर ठोका 10 हजार रुपए जुर्माना: समय बर्बाद करने से बढ़ी कोर्ट की नाराजगी
X
By Radhakishan Sharma

Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने दुर्ग नगर निगम से जुड़े मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने इसे त्रुटिपूर्ण और अस्पष्ट करार दिया। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों से न्यायालय का समय नष्ट होता है। हालांकि याचिकाकर्ता को नई याचिका दायर करने की छूट दी गई है, लेकिन इसके लिए 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा। यह राशि रायपुर स्थित शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय माना कैंप को दी जाएगी।

यह है मामला

कोरबा निवासी अशोक कुमार मित्तल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि दुर्ग नगर निगम, समझौते की आर्बिट्रेशन क्लाज (क्लाज 1.18) को लागू करे। निगम उन्हें ब्लैकलिस्ट करने की कार्यवाही न करें क्योंकि उनकी अपील प्राधिकरण के समक्ष लंबित है। साथ ही अन्य उपयुक्त राहत और याचिका खर्च की मांग भी की गई थी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने यह दी दलील

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने खुद स्वीकार किया कि याचिका में की गई प्रार्थनाएं गलत तरीके से ड्राफ्ट की गई हैं और उचित भी नहीं हैं। इसलिए उन्होंने याचिका को वापस लेने की अनुमति मांगी, ताकि सही प्रार्थनाओं के साथ नई याचिका दायर की जा सके।

कोर्ट की सख्त टिप्पणी

हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने स्वयं माना कि याचिका गलत तरीके से ड्राफ्ट की गई है। इस पर अदालत ने कहा कि यह याचिका बेहद लापरवाही और कैजुअल तरीके से दायर की गई है। जिससे अदालत का बहुमूल्य समय नष्ट हुआ। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिविज़न बेंच ने कहा कि यह याचिका लापरवाही से और अस्पष्ट प्रार्थनाओं के साथ दायर की गई है। याचिकाकर्ता को नई याचिका दायर करने की अनुमति दी जाती है, लेकिन शर्त यह होगी कि पहले वह 10 हजार रुपये कोर्ट रजिस्ट्री में जमा करेंगे। यह राशि शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय, माना कैंप, रायपुर को स्थानांतरित की जाएगी।

Next Story