Bilaspur High Court: VC के जरिए जुड़ी शिक्षिका सोना साहू: जानिए लाखों रुपये मिलने के बाद भी संतुष्ट क्यों नहीं हैं, कोर्ट ने ये कहा...
Bilaspur High Court- शिक्षिका सोना साहू क्रमोन्नति वेतनमान के संबंध में मंगलवार को जस्टिस बीडी गुरु के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। साेना साहू की याचिका पर शाम चार बजे के करीब कोर्ट में सुनवाई प्रारंभ हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता शिक्षिका वीसी के जरिए कोर्ट की सुनवाई से जुड़ी। राज्य शासन के अधिवक्ताओं के जवाब के बाद जस्टिस बीडी गुरु ने याचिकाकर्ता शिक्षिका से पूछा कि भुगतान से आप संतुष्ट हैं या नहीं। शिक्षिका सोना साहू के जवाब सुनकर कोर्ट ने कुछ इस तरह दिया जवाब

Bilaspur High Court: बिलासपुर। क्रमोन्नति वेतनमान को लेकर दायर शिक्षिका सोना साहू की याचिका पर मंगलवार को जस्टिस बीडी गुरु के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पंचायत विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ताओं ने कोर्ट को भुगतान के संबंध में जानकारी दी। वीसी के जरिए कोर्ट की कार्रवाई से जुड़ी याचिकाकर्ता शिक्षिका से जस्टिस गुरु ने राज्य शासन के अधिवक्ताओं के जवाब के बाद भुगतान के संबंध में पूछा। शिक्षिका सोना साहू ने पंचायत विभाग द्वारा कम भुगतान की बात कही। इस पर कोर्ट ने कहा कि इसके लिए आपको नए सिरे से याचिका दायर करनी होगी।
लंबे संघर्ष के बाद शिक्षिका सोना साहू को क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ मिल ही गया। पंचायत विभाग ने उसके बैंक अकाउंट में कुल राशि 8 लाख 59 हजार 958 रुपये जमा किया है। इसमें सीजी पीएफ की राशि 1 लाख 17 हजार 267 रुपये भी शामिल है। अधिवक्ताओं के जवाब के बाद वीसी से जुड़ी याचिकाकर्ता शिक्षिका सोना साहू को संबोधित करते हुए जस्टिस गुरु ने कहा एस मैडम बताइए। शिक्षिका ने पंचायत विभाग द्वारा किए गए भुगतान को कम बताया और कहा कि भुगतान के बाद मैने गणना पत्रक पेश किया था, इसके अनुसार भुगतान नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए आपको दोबारा याचिका दायर करनी होगी। तब सोना साहू ने कोर्ट से आग्रह किया कि उसकी इस मांग को स्वीकार कर लिया जाए। साथ ही यह भी कहा कि दोबारा याचिका दायर करने की स्थिति में काफी समय लगेगा। तब कोर्ट ने याचिका को निराकृत करते हुए कहा कि आप आर्डर देख लीजिएगा। इतना कहने के साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता से फिर पूछा ठीक है ना।
0 10 मिनट में सुनवाई हुई पूरी
क्रमोन्नति वेतनमान के संबंध में दायर सोना साहू की याचिका पर शाम चार बजे के करीब सुनवाई प्रारंभ हुई। जस्टिस गुरु के सिंगल बेंच में यह मामला लगा था। राज्य शासन के अधिवक्ताओं के जवाब के बाद जस्टिस गुरु ने याचिकाकर्ता शिक्षिका से उसकी राय मांगी व अपना फैसला सुना दिया। महज 10 मिनट के भीतर कोर्ट ने याचिका की सुनवाई पूरी कर दी।
0 सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी कानूनी लड़ाई
सोना साहू ने क्रमोन्नति वेतनमान को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सोना साहू ने अपनी याचिका में बताया था कि वर्ष 2005 में सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति हुई थी। एक ही पद पर 10 साल से काम करने के बाद भी क्रमोन्नत वेतनमान नहीं दिया गया था। इसे लेकर सोना साहू ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश के बाद सीईओ जनपद पंचायत ने क्रमोन्नत वेतनमान का सोना साहू को लाभ दिया और फिर वापस भी ले लिया। इसे लेकर सोना साहू ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सिंगल बेंच ने याचिका खारिज कर दी थी। सीईओ के आदेश को कोर्ट ने सही ठहराया था। सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए सोना साहू ने रिट याचिका दायर की। डिवीजन बेंच ने याचिका को स्वीकार करते हुए 2015 से क्रमोन्नत वेतनमान का निर्देश दिया। शासन ने रिव्यू पिटीशन दायर किया था। इसे कोर्ट ने रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी।मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार की स्पेशल लीव पिटिशन को खारिज कर दिया था।