Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur High Court: विभागीय जांच के बहाने अटकाई पदोन्नति की फाइल, हाई कोर्ट ने जेडी को किया तलब, 30 दिनों के भीतर DPC का आदेश

Bilaspur High Court: जांजगीर-चांपा डीईओ कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड की पदोन्नति पर DPC ने सिर्फ इसीलिए विचार नहीं किया,उनकी फाइल पर न्यायालयीन प्रकरण का टैग लगा दिया गया था। सहायक ग्रेड सुधांशु बरेठ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इसे चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास के सिंगल बेंच में हुई। नाराज कोर्ट ने जेडी को तलब करते हुए जानकारी मांगी। जेडी ने जवाब के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पदोन्नति देने 30 दिनों के भीतर डीपीसी गठित करने का निर्देश दिया है।

Bilaspur High Court: विभागीय जांच के बहाने अटकाई पदोन्नति की फाइल, हाई कोर्ट ने जेडी को किया तलब, 30 दिनों के भीतर DPC का आदेश
X
By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। जांजगीर-चांपा डीईओ कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड की पदोन्नति पर DPC ने सिर्फ इसीलिए विचार नहीं किया,उनकी फाइल पर न्यायालयीन प्रकरण का टैग लगा दिया गया था। सहायक ग्रेड सुधांशु बरेठ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इसे चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास के सिंगल बेंच में हुई। नाराज कोर्ट ने जेडी को तलब करते हुए जानकारी मांगी। जेडी ने जवाब के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पदोन्नति देने 30 दिनों के भीतर डीपीसी गठित करने का निर्देश दिया है।

जिला जांजगीर चांपा में शिक्षा विभाग के सहायक ग्रेड सुधांशु बरेठ शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोसीर विकासखंड पामगढ़ ने अपनी याचिका में बताया कि उस पर किसी तरह का विभागीय जांच पेंडिंग नहीं है और न्यायालयीन प्रकरण भी नहीं चल रहा है। इसके बाद भी उसके नाम को पदोन्नति सूची से बाहर कर दिया गया है। विभाग ने इसकी लिखित सूचना भी नहीं दी है। वाट्सएप ग्रुप में इसे जारी कर दिया है। सूची में उनके नाम को छोड़कर शेष कर्मचारियों की चल-अचल संपत्ति की जानकारी डीईओ ने मंगाई है। उसे जानबुझकर पदोन्नति से वंचित किया जा रहा है। याचिका की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार सलूजा ने पैरवी करते हुए कोर्ट को जानकारी दी। अधिवक्ता की जानकारी देने के बाद कोर्ट ने जेडी शिक्षा संभाग बिलासपुर काे उसी दिन तलब किया। कोर्ट ने जेडी से विभागीय जांच और न्यायालयीन प्रकरण की स्थिति स्पष्ट करने की जानकारी मांगी। जिस पर संयुक्त संचालक ने याचिकाकर्ता पर विभागीय जांच पेंडिंग ना होने की बात कही। जेडी के जवाब के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दोषमुक्त मानते हुए 30 दिनों के भीतर DPC विभागीय जांच समिति आयोजित कर पदोन्नति के संबंध में नियमानुसार विचार करने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता ने जेडी के समक्ष पेश किया अभ्यावेदन

हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता ने जेडी के समक्ष अभ्यावेदन पेश किया है। पेश अभ्यावेदन में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक बुलाने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट के आदेश की कापी भी पेश की। अचरज की बात ये कि कोर्ट में जेडी द्वारा पूरी जानकारी देने के बाद भी हाई कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है।

डीईओ ने मांगी चल-अचल संपत्ति और गोपनीय चरित्रावली की जानकारी

डीईओ जांजगीर-चांपा ने विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी अकलतरा, बलौदा, बम्हनीडीह, नवागढ़, पामगढ़ के अलावा प्राचार्य शा. हाईस्कूल व शा.हायर सेकेण्डरी जिला-जांजगीर-चांपा को पत्र लिखकर लेखापाल, सहायक ग्रेड-02/सहायक. ग्रेड-03 एवं. भृत्य (ई-संवर्ग) की 01.अप्रैल 2025 की स्थिति में जारी अंतिम वरिष्ठता सूची अनुसार गोपनीय चरित्रावली एवं चल-अचल सम्पत्ति विवरण के साथ पदोन्नति प्रस्ताव की जानकारी मांगी थी।

याचिकाकर्ता के नाम पर विचार ही नहीं किया

याचिकाकर्ता का नाम जारी सूची में 31 नंबर पर है। डीईओ कार्यालय द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि नियमानुसार चाही गई पदोन्नति प्रस्ताव में 01. अप्रैल 2024 की स्थिति में जारी वरिष्ठता सूची अनुसार पदोन्नत कर्मचारियों के द्वारा कार्यभार ग्रहण नहीं करने के कारण पदोन्नति नियम के तहत उक्त सूची में से 01 वर्ष की कलावधि के लिए पदोन्नति पर नियुक्ति का कोई नया प्रस्ताव नहीं दिये जाने का प्रावधान है। पूर्व जारी सहायक ग्रेड-03 की अंतिम वरिष्ठता सूची में नाम छूटने 'के कारण अंतिम संशोधित वरिष्ठता सूची जारी की जा रही है। जिसमें सरल क्रमांक 01 से 33 तक के कर्मचारियों को छोड़ते हुए क्रमशः सरल क्रमांक 34 से 51 तक पदोन्नति की कार्यवाही किये जाने हेतु पदोन्नति प्रस्ताव उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। बता दें कि याचिकाकर्ता कर्मचारी का नाम सूची में 31 वें नंबर है। पदोन्नति के लिए पात्र होने के बाद भी नाम को छोड़ दिया गया है।

Next Story