Bilaspur High Court: सड़कों की बदहाली को लेकर हाई कोर्ट नाराज: पूछा जिम्मेदार कौन? क्या कोर्ट की निगरानी में ही काम करेगी सरकार...
Bilaspur High Court: प्रदेशभर की सड़कों की बदहाली को लेकर हाई कोर्ट का गुस्सा फूटा है. कोर्ट ने पूछा सड़कों की दयनीय हालत के लिए जिम्मेदार कौन है. फिर सवाल दागते हुए पूछा क्या कोर्ट की निगरानी में ही काम करेगी सरकार. निर्माण कार्यों की धीमी गति को लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सिकरेट्री और NHAI के अधिकारियों से शपथ पत्र में जवाब मांगा है.

Bilaspur High Court: बिलासपुर। राज्य की बदहाल सड़कों और निर्माण कार्यों की धीमी गति को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट ने सोमवार को तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि अगर हम नहीं देखें तो क्या सरकार कोई काम ही नहीं करेगी। क्या सिर्फ कोर्ट की निगरानी में ही सड़कें बनेंगी। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने बिलासपुर, रायपुर सहित प्रदेशभर की प्रमुख सड़कों की दयनीय हालत पर कड़ा रुख अपनाते हुए शासन से शपथपत्र सहित जवाब मांगा है।
खास तौर पर नेहरू चौक से पेण्ड्रीडीह बाइपास तक की सड़क में आई दरारों को जल्द ठीक करने पीडब्ल्यूडी सचिव से शपथ पत्र मांगा है। इसके साथ ही एनएचएआई से सेंदरी चौक पर पानी भरने के कारण होने वाली परेशानी और लगातार हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के किए जाने वाले उपाय पर जवाब मांगा गया है। मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि बिलासपुर की पेंड्रीडीह बाईपास से नेहरू चौक तक की सड़क अप्रैल में स्वीकृत हो चुका है, लेकिन आज तक कोई प्रगति नहीं हुई। इसी तरह रायपुर के धनेली एयरपोर्ट रोड का काम भी अधूरा है। सेंदरी बाईपास में प्रस्तावित पांच फुट ओवरब्रिज को लेकर DPR तक तैयार नहीं हो पाया है।
सुनवाई के दौरान बताया गया कि बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे प्रदेश का महत्वपूर्ण हाईवे है। यह प्रदेश की राजधानी और न्यायधानी को सीधे तौर पर आपस में जोड़ती है। बिलासपुर और आसपास के जिलों तथा सरगुजा संभाग जाने के लिए बस्तर संभाग और रायपुर संभाग के लोग इस सड़क का इस्तेमाल करते हैं। सरगुजा संभाग और बिलासपुर संभाग के लोग रायपुर बिलासपुर एनएच से ही होकर राजधानी पहुंचते हैं। इतनी महत्वपूर्ण सड़क होने के बावजूद भी इसके रखरखाव में नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है।
NH से स्टापर हटाएं
हाईकोर्ट ने अधिकारियों से कहा कि नेशनल हाईवे वाले जो थोड़ा बहुत मेंटेनेंस करते हैं, सड़क पर स्टॉपर लगाते है वे बेतरतीब, लावारिस हालत में सड़क पर पड़े रहते हैं। पेंच वर्क करने के लिए जो मटैरियल सड़क पर छोड़ा गया है उससे भी गंदगी फैल रही है और दुर्घटनाओं की आशंका चौबीस घंटे बनी रहती है। इससे एक्सीडेंट हो रहे हैं और जनहानि हो रही है। इसके अलावा मवेशी भी इस सड़क पर दुर्घटना का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं। इस तरह की स्थिति कब तक रहेगी और इसमें सुधार कब तक होगा।
स्थिति बेहद पीड़ाजनक, दुरुस्त होनी चाहिए
कोर्ट ने शासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा है कि यह स्थिति बेहद पीड़ाजनक है। पूरे शहर की सड़कें खराब हैं, लेकिन इस पर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही। सुनवाई के दौरान अधिकारियों ने भी स्वीकार किया कि स्थिति खराब है और फिलहाल मरम्मत का काम जारी है। एनएचएआई की ओर से कहा गया कि सड़क की मरम्मत में अभी वक्त लगेगा क्योंकि कार्य काफी लंबा है। हालांकि कोर्ट को भरोसा दिलाया गया कि जल्द से जल्द हालात सुधारने की कोशिश की जा रही है और मानकों के अनुसार ही मरम्मत की जाएगी। हाई कोर्ट ने पेंड्रीडीह से नेहरू चौक की सड़क पर दरारें और अव्यवस्था पर सवाल पूछा तो बताया गया कि यह क्षेत्र बिलासपुर नगर निगम में आता है और इस सड़क की मरम्मत का जिम्मा लोक निर्माण विभाग का है।
